अजमेर डेयरी 50वां स्थापना दिवस 17 अगस्त को बना रही है।

अजमेर डेयरी 50वां स्थापना दिवस 17 अगस्त को बना रही है।
Spread the love

अजमेर डेयरी 50वां स्थापना दिवस 17 अगस्त को बना रही है।

आवाज राजस्थान की

अजमेर 16 अगस्त।अजमेर डेयरी द्वारा बुधवार 17 अगस्त को 50वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। वर्तमान में डेयरी का टर्न ऑवर 915 करोड़ है।

अजमेर डेयरी के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी ने मंगलवार को मीडियाकर्मियों से वार्तालाप करते हुए बताया कि अजमेर डेयरी बुधवार 17 अगस्त को अपना 50वां स्थापना दिवस मना रही है। इस स्वर्ण जयंती वर्ष में विविधआयोजन किए जाएंगे। आज से 50 वर्ष पूर्व 17 अगस्त 1972 को अजमेर डेयरी की स्थापना हुई थी। उस समय पहले दिन कोटडी गांव से 34 लीटर दुध का संकलन किया गया था। वर्तमान में पशुपालकों और उपभोक्ताओं के सहयोग से प्रतिदिन 3.61 लाख लीटर दुध का औसत संकलन किया जा रहा है। डेयरी के प्लांट की क्षमता 6 लाख लीटर प्रतिदिन की है। इसी प्रकार डेयरी के टर्न ऑवर में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। निर्वाचित प्रतिनिधि व्यवस्था आरंभ होते समय वर्ष 1990 में 2.5 करोड़ का टर्न ऑवर आज 915 करोड़ का हो गया है। यह गर्व का विषय है।

 

उन्होंने बताया कि अजमेर डेयरी द्वारा पशुओं की नस्ल सुधार के क्षेत्र में भी बेहतरीन कार्य किया गया है। हरियाणा और गुजरात के पशुपालक भी अजमेर क्षेत्र से प्रेरणा लेते है। गिर नस्ल की गायें 2.50 लाख रूपए प्रति गाय तक बेची जा रही है। स्थानीय नस्ल की भैंस भी न्यूनतम 80 हजार की दर पर उपलब्ध हो पाती है। नस्ल सुधार के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए अजमेर डेयरी द्वारा सेक्स सॉर्टेड सीमन का उपयोग आरंभ किया है। इसके उपयोग से गायों द्वारा केवल बछडी का ही जन्म होगा। इसकी सफलता की दर 95 प्रतिशत है।राष्ट्रीय डेयरी डवल्पमेंट बोर्ड द्वारा विकसित तकनीक से प्राप्त सेक्स सॉर्टेड सीमन की सफलता दर 98 प्रतिशत है। भविष्य में इसी सीमन का उपयोग अजमेर डेयरी द्वारा किया जाएगा।

 

उन्होंने बताया कि अजमेर डेयरी द्वारा दुग्ध उत्पादों की रेंज भी बढाई गई है। वर्तमान में 56 प्रकार के उत्पाद बाजार में उतारे गए है। इससे उपभोक्ताओं को उत्तम गुणवत्ता के उत्पाद मिलना सुनिश्चित हुआ है। साथ ही पशुपालकों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है। सरस की आईसक्रीम पूरी तरह से प्राकृतिक वसा युक्त है। इसमें किसी प्रकार की पादप वसा का उपयोग नहीं किया गया है। अजमेर डेयरी द्वारा बनाया गया व्हाईट बटर 441 रूपए प्रतिकिलो की दर पर बिका है। यह अधिकतम कीमतों में से एक है। भविष्य में डेयरी द्वारा डेयरी वाईटनर एवं बटर चिपलेट के पाउच भी बाजार में उतारे जाएंगे।

 

उन्होंने बताया कि सरस डेयरी द्वारा उत्पादकों को 6.5 प्रतिशत फैट एवं 8.6 प्रतिशत एसएनएफ पर 56 रूपए प्रतिकिलो की उच्चतम दर से भुगतान किया जा रहा है। इससे अजमेर डेयरी पर 21 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ा। पशुपालकों के हित में ऎसा किया गया। पशुपालकों के सुदृढ़ होने की दशा में समय-समय पर दुध क्रय मूल्य में की गई बढ़ोतरी की भविष्य में समीक्षा की जाएगी। अजमेर डेयरी द्वारा 800 रजिस्टर्ड समितियां व 66 दुग्ध संलकन केन्द्र में लगी 300 बल्क मिल्क कूलर के माध्यम से औसतन 3.61 लाख किलो प्रतिदिन दुग्ध का संलकन किया जा रहा है। यह अधिकतम 4.5 लाख किलो रहा हैं। वर्तमान में डेयरी द्वारा 1800 शॉप एजेंसी, 481 बूथ व 74 पार्लर के माध्यम से औसत प्रतिदिन 2.40 लाख दुग्ध एवं 40 हजार लीटर दुग्ध उत्पाद का विपणन किया जा रहा है। अधिकतम दुग्ध विक्रय 2.84 लाख लीटर किया गया है। तमिलनाडू डेयरी फैडरेशन, कोल्हापुर, महाराष्ट्र फैडरेशन, महानन्दा बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा अहमदाबाद गुजरात आदि व्हाईट बटर मंगवा चुके है। वर्तमान में इसकी जबरदस्त मांग है। मुख्यमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना में 5 रूपए प्रति लीटर अनुदान डीबीटी के माध्यम से सीधे दुग्ध उत्पादकों के बैंक खातों में पहुंचता है। इस अनुदान से सरस डेयरी को नई गति प्राप्त हुई है, एवं दुग्ध उत्पादन में नया आयाम जुड़ा है। संघ द्वारा पशुपालकों के हित में कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। पशुपालकों का बीमा, चारा जलने पर सहायता, पशुओं की आकस्मिक मृत्यु पर सहायता, टीकाकरण एआई जैसी सुविधाएं पशुपालकों को लाभान्वित कर रही है।

 

उन्होंने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज से जिले के पशुपालक एवं पशु भी प्रभावित हुए है। पशुपालकों को पशुबाड़े में पशुओं की अनुपस्थिती में सोडियम हाईपो क्लोराइड का छिड़काव करना चाहिए। पशुओं पर फिटकरी का स्प्रे लाभदायक रहता है। मक्खी, मच्छरों एवं कीड़ों को दूर भगाने के लिए नीम की पत्तियों का धुंआ करना चाहिए। रोग के उपचार में लापरवाही बरतना नुकसानदायक हो सकता है। मृत पशुओं का निस्तारण भी निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार जमीन में गहरा गाडकर करना चाहिए। इससे यह बीमारी अन्य पशुओं में नही होगी। स्वस्थ पशुओं में बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण कराना चाहिए। अजमेर डेयरी द्वारा जिला प्रशासन एवं पशुपालन विभाग को एक लाख टीके उपलब्ध कराए गए है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा वीसी में इस कार्य की सराहना की गई है। साथ ही अन्य दुग्ध संघों को भी इससे प्रेरणा लेने की बात कही। गाईडलाइन के अनुसार लम्पी स्किन प्रभावित क्षेत्र के पशुओं को टीका लगाने से बचा जाना चाहिए। गर्म करने से दुध पाश्च्युरीकृत हो जाता है। इसका सेवन निरापद है। लम्पी स्किन डिजीज का मानव में संचरण कहीं भी रिपोर्ट नहीं हुआ है।

विजय कुमार पाराशर

आवाज राजस्थान की

9414302519


Spread the love

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *