प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत अजमेर को संपूर्ण उद्यमशील जिला बनाने का लक्ष्य तय एक जिला एक उत्पाद के तहत गुलाब उत्पाद के साथ-साथ अब दलहन भी हुआ सम्मिलित

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत अजमेर को संपूर्ण उद्यमशील जिला बनाने का लक्ष्य तय एक जिला एक उत्पाद के तहत गुलाब उत्पाद के साथ-साथ अब दलहन भी हुआ सम्मिलित
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प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत अजमेर को संपूर्ण उद्यमशील जिला बनाने का लक्ष्य तय
एक जिला एक उत्पाद के तहत गुलाब उत्पाद के साथ-साथ अब दलहन भी हुआ सम्मिलित
अजमेर (ARK News)। कृषक अब अपनी फसल से उत्पाद तैयार कर समृद्धि की ओर है। पीएम एफएमई-प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना अब किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अजमेर जिले में एक जिला एक उत्पाद के तहत गुलाब का चयन किया गया। पुष्कर एवं पुष्कर के आस-पास प्रचूर मात्रा में गुलाब से अब गुलाब जल, इंत्र व गुलकंद बनाया जाने लगा है। वहीं पुष्कर के काले जामून व आँवला भी अब किसानों के लिए व्यापार के लिए बड़ा जरिया बन गया है। अजमेर जिले में अब आँवला कंडी, आँवले का आचार, आँवले का मुरब्बा सहित अन्य उत्पाद कर किसान अब समृद्ध हो रहे हैं। एक जिला एक उत्पाद में गुलाब के साथ-साथ अब दलहन का भी चयन हो गया है। इससे जिले में कृषक अपने उत्पाद से ही उद्योग शुरू कर नमकीन, पापड़, आटा मील, दाल मील, भूजिया आदि लघु उद्योग स्थापित कर अपनी आय बढ़ा सकते है।
किसानों को योजना की जानकारी देने के लिए कृषि उपज मण्डी समिति अजमेर के सचिव मदन लाल सैनी द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के क्रियान्वयन एवं उद्देश्यों हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान सैनी ने बताया की इकाई शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कहीं भी लगाई जा सकती है। अजमेर जिले को एक जिला उत्पाद (ओडीओपी) के तहत गुलाब के लिए चयनित किया गया है तथा अब गुलाब के साथ-साथ दलहन को भी इसमें सम्मिलित कर लिया गया है।
योजना के तहत अजमेर को सम्पूर्ण उद्यमशील जिला बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ताकि आमजन के लिए रोजगार का सर्जन हो सके। जिले में खाद्य से जुड़े उत्पाद की इकाई स्थापित की जा सकती है योजना के तहत आटा चक्की, सरसों के तेल, निकालने की मशीन, मसाल उद्योग, गुलकचंद उद्योग, एप्पल, जैन प्रोसेसिंग डेयरी, उद्योग खाद्य प्रसंस्करण व्यक्ति योजना का लाभ ले सकते हैं। खास बात यह है कि अगर कोई व्यक्ति पूर्व में चल रहे प्लांट को भी मॉडिफाईड करना चाहता है तो वह भी योजना का लाभ ले सकता है। इसके लिए कृषि उपज मंडी समिति कृषि विभाग के तहत पूरी ली जा सकती है।
आवश्यक होने पर जिला प्रशासन स्तर पर नियुक्त जिला रिसोर्स पर्सन अजेन्द्र के मोबाईल नम्बर 6350095083 या हेल्प लाईन नम्बर 911302281089 पर सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम 10 प्रतिशत पूर्व राशि लाभार्थी के बैंक खाते मे 3 वर्ष रजिर्व रहती है। राशि पर ब्याज भी नहीं देना पड़ता है। कार्याशाला के दौरान जिला रिसोर्स पर्सन अजेन्द्र सिंह के अनुसार कृषक को योजना के माध्यम से स्वयं का व्यवसाय करना काफी लाभदायक है।
इस योजना से प्रत्येक किसान एक उद्यमी बन सकेगा। यह योजना एग्रो इंडस्ट्रीज का निर्माण करने में सहायक होगी उद्यमियों के लिए आर्थिक प्रगति का सशक्त माध्यम होगा। किसान के पास कृषि भू-संसाधन है। जिसमें खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करके अपने उत्पाद की मार्केटिंग एवं ब्रॉडिंग करके आर्थिक लाभ प्राप्त करेगा। अगर किसी व्यक्ति के पास स्वयं की जगह नहीं है तो वह किराए पर दुकान या भवन लेकर औद्योगिक इकाई लगा सकते है इसमें भी 35 प्रतिशत अनुदान देय होगा, अगर ग्रामीण क्षेत्र में किसी व्यक्ति के पास है पट्टाशुदा भूखंड है तो वह उसमें निर्माण करवाकर प्लांट लगा सकता है।
यह रहे मौजूद
कृषि उपज मण्डी समिति सचिव मदन लाल सैनी, जिला रिर्सास पर्सन अजेंद्र सिंह शेखावत, हनुमान प्रसाद सिंगोदिया, महेंद्र सिंह राठौड़, ताराचंद चोरठिया, इकबाल खान, अनिल माथुर, रविशेखर, संजीव माथुर, रामेश्वर गुर्जर, टीकमदास अगनानी, भैंरू धनवानी, वेदप्रकाश पालरिया, गजेंद्र दत्त मौर्य आदि अनेक किसान उद्यमी और आमजन इस दौरान मौजूद रहे।
यह दस्तावेज आवश्यक
आधार कार्ड, पेन कार्ड, उद्योग आधार पंजीकरण, निवास का प्रमाण-पत्र, 6 माह का बैंक स्टेटमेंट और पूर्व ऋण होने पर एक्टिव लॉन स्टेटमेंट, व्यवसाय का स्वामित्व प्रमाण पत्र एफएसएसआई लाईसेंस, जीएसटी रजिस्ट्रेशन एवं जीएसटी रिर्टन, आरटीआर बैलेंस शीट, शिक्षा आठवीं, अंक तालिका।


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