क्या यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाना नहीं हैं?
नियम विरूद्ध अरावली पवर्तमाला पर अवैध खनन करने से बाज नहीं आ रहा है श्री सीमेंट मैनेजमेंट
1. खनन हेतु की जा रही ब्लास्टिंग से स्थानीय लोगों पर मण्डरा रहा है खतरा
2. अरावली पर्वत माला पर अवैध खनन को लेकर प्रधान व सरपंच ने श्री सीमेंट के खिलाफ खोला मोर्चा
मसूदा (ARK News)। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के नियम विरूद्ध जाकर अरावली पर्वत माला पर अवैध खनन करने से श्री सीमेंट बाज नहीं आ रहा है। अरावली पर्वतमाला को पहाडिय़ों पर हो रहे खनन से जहां एक ओर प्रकृति की ऐतिहासिक धरोहर पवर्तमाला की पहाडिय़ा नष्ट होती जा रही है वहीं दूसरी ओर मसूदा क्षेत्र के मगरा कहे जाने वाले क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों का जीना दूभर हो गया है। प्रभावित एवं पीडि़त लोगों द्वारा स्थानीय एवं जिला प्रशासन और तो और राज्य सरकार तक उनकी पीड़ा को व्यक्त किए जाने के बावजूद शायद अभी तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के कारण अरावली पर्वतमाला की इन पहाडिय़ों को नष्ट करने का क्रम लगातार जारी रनहे से जहां एक ओर पर्यावरण का खतरा उत्पन्न हो रहा है वहीं दूसरी ओर यहां निवास करने वाले लोगों को ब्लास्टिंग से उछलने वाले पत्थर एवं प्रदूषण से उत्पन्न खतरे से लोगों को जिस प्रकार की पीड़ा हो रही है उससे लगा है कि शायद यहां के लोग भारी संकट के दौर से गुजर रहे है। और श्री सीमेंट के मैनेजमेंट की मनमानी से उत्पन्न इस संकट को लेकर प्रभावित पीडि़त लोगों द्वारा स्थानीय एवं जिला प्रशासन और तो और राज्य सरकार तक उनकी पीड़ा को रखने जाने के बावजूद अभी तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी है। ग्राम श्यामगढ़ में प्रशासन गांव के संग अभियान के आयोजित शिविर के दौरान शिविर में मौजूद क्षेत्रीय विधायक राकेश पारीक के समक्ष सरपंच नेकदीन काठात पंचायत समिति सदस्य अहमद काठात एवं ग्रामीणों द्वारा रखी गई समस्या को लेकर विधायक द्वारा उचित कार्रवाई कर दिया गया। परन्तु आश्वासन पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने से लगता है कि विधायक द्वारा दिया गया आश्वासन भी केवल आश्वासन ही बनकर रह गया।
पीडि़त एवं प्रभावित लोगों को पीड़ा को सुनने एवं श्री सीमेंट द्वारा किए जा रहे खनन कार्य से उत्पन्न हालात से रूबरू होने की बात करें तो इसमें मसूदा पंाचयत समिति प्रधान मीनू कंवर राठौड़ जिला परिषद सदस्य दिनेश टांक पंचायत समिति सदस्य अहमद काठात का अवश्य नाम लिया जा सकता है। जो अभी कुछ ही दिनों पहले ग्रामीणों की इस पीड़ा को लेकर अरावली पवर्तमाला की पहाडिय़ों पर किए जा रहे खनन का मौके पर निरीक्षण कर प्रभावित पीडि़त लोगों के पक्ष में अवश्य विरोध प्रकट किया था। हालांकि एक अलग बात है कि इस दिन बतौर एक अधिकारी पंचायत समिति के विकास अधिकारी मनोज बंसल भी मौके पर मौजूद थे। मौके पर पीडि़त लोगों द्वारा बताई गई समस्या को लेकर मसूदा पंचायत समिति प्रधान मीनू कंवर राठौड़ द्वारा स्थानीय एवं जिला प्रशासन राज्य के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को पत्र प्रेषित कर इस मामले में कार्रवाई करने की मांग अवश्य की है। इस गाँव के साथ ही कार्रवाई नहीं होने पर स्थानीय लोगों को साथ लेकर धरना प्रदर्शन करने तक की चेतावनी दी जा चुकी है। अब देखना यह है कि कार्रवाई कब तक होती और क्षेत्रीय विधायक द्वारा दिया गया आश्वासन उनको कब याद आता है आता भी है या नहीं और पंचायत समिति प्रधान द्वारा दिए गए चेतावनी भरे समय के बाद किस प्रकार की कार्रवाई होती है या नहीं हो पाएगी अथवा पीडि़त लोगों की पीड़ा इसी प्रकार बरकरार रहेगी यह भविष्य के गर्त में छुपा हुआ है।