One State One Election पंचायतों के टलेंगे चुनाव या होगे स्थति स्पष्ट स्पष्ट नही
सरकार क्या प्रशासक लगायेगी ?
वन स्टेट-वन इलेक्शन फार्मूला ईधर कुआ उधर खाई वाली स्थति
अजमेर (ARK News)। प्रदेश में अगले साल जनवरी में होने वाले पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव टल सकते हैं और इन संस्थाओं में प्रशासक लगाए जा सकते हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार वन स्टेट-वन इलेक्शन का फार्मूला लागू कर रही है। हालांकि यह फार्मूला फिलहाल राज्य सरकार के गले की फांस बना हुआ है।
सरकार के लिए ईधर कुआ उधर खाई वाली स्थति है
जितनी चुनाव में देरी होगी उतनी ही सता विरोधी गतिविधि बढ़ती है विपक्ष सरकार की कमी निकाल कर सता को कमजोर करने की कोशिश करता है एसे मे देरी से चुनाव का फायदा विपक्ष को मिलता है। सरकार ने एक साथ चुनाव की घोषणा की है
चूंकि पंचायती राज संस्थाओं के लिए 73वें संविधान संशोधन के बाद जो अधिनियम बनाए गए हैं, उनमें जो प्रावधान किए गए हैं, उनमें न तो कार्यकाल बढ़ाने का प्रावधान है और नहीं घटाने का। यहीं नहीं प्रशासक नियुक्त करने का भी कोई उल्लेख नहीं है, लेकिन राज्य सरकार एजी से राय लेकर रास्ता निकाल रही है। राजस्थान में ग्राम पंचायतों की संख्या 11 हजार 320, पंचायत समितियों की संख्या 352 और जिला परिषदों की संख्या 33, ग्राम पंचायत वार्ड पंचों की संख्या एक लाख नौ हजार 228, पंचायत समिति सदस्यों की संख्या छह हजार 995 और जिला परिषद सदस्यों की संख्या एक हजार 14 है। पिछली बार इनके अलग. अलग सालों में चार चरणों में चुनाव कराए गए थे।
जल्द गठित होगी कमेटी
इस फार्मूले पर अमल करने के लिए राज्य सरकार एक कमेटी गठित कर रही है। यह एक साथ चुनाव कराने के तकनीकी पहलुओं पर विचार कर ड्राफ्ट विधेयक तैयार करेगी। पंचायत राज संस्थाओं के प्रमुखों के कार्यकाल पर भी चर्चा करेगी। कमेटी की रिपोर्ट को लागू किया जाता हैए तो प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकाय संस्थाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। अधिकांश पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल अगले साल जनवरी महीने में पूरा होगा। इसी प्रकार स्थानीय निकाय संस्थाओं का कार्यकाल अगले साल नवम्बर में पूरा होगा। ऐसी स्थिति में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव छह से आठ महीने तक टलेंगे। पंचायती राज संस्थाओं में ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच पंचायत समिति स्तर पर प्रधान और जिला परिषद स्तर पर जिला प्रमुख हैं। इनका कार्यकाल पूरा होने पर प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे। लेकिन यह सब करने से पहले राज्य सरकार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना होगा और उसमें प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को भेजना होगा। बजट में की थी घोषणा
राजस्थान विधानसभा में गत दस जुलाई को पेश बजट में वित्त मंत्री दिया कुमारी ने घोषणा की थी कि राज्य सरकार राजस्थान में एक राज्य, एक चुनाव के कार्यान्वयन की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करेगी। इस समिति का कार्य यह अध्ययन करना होगा कि निकाय और ग्राम पंचायत चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। यह समिति शहरी और ग्रामीण निकायों की संरचना में आवश्यक परिवर्तनों का आंकलन भी करेंगी। इसके साथ ही राज्य में वर्तमान जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए सहकारी संस्थाओं का मूल्यांकन करेगी। समिति शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों के गठन और सीमांकन पर भी सिफारिशें प्रदान करेगी।
पहले भी लग चुके हैं प्रशासक ऐसा पहली बार नहीं होगा।
इससे पहले भी दो बार पंचायती राज संस्थाओं में प्रशासक लगाए जा चुके हैं। पहली बार सन् 1963 और दूसरी बार 1992 में प्रशासक लगाए जा चुके हैं।
सरपंचों का कार्यकाल
पंचायतों की संख्या | कार्यकाल |
6759 | जनवरी-2025 |
704 | मार्च-2025 |
3847 | अक्टूबर-2025 |
10 | जनवरी-24 |
जिला प्रमुखों का कार्यकाल
परिषदों की संख्या | कार्यकाल |
21 | दिसम्बर-25 |
6 | सितम्बर-26 |
2 | अक्टूबर-26 |
4 | दिसम्बर-26 |
प्रधानों का कार्यकाल
समितियों की संख्या | कार्यकाल |
222 | दिसम्बर-25 |
78 | सितम्बर-26 |
22 | अक्टूबर-26 |
38 | दिसम्बर-26 |