जंगली सुअरों के आतंक से किसान हो रहे परेशान

जंगली सुअरों के आतंक से किसान हो रहे परेशान
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जंगली सुअरों के आतंक से किसान हो रहे परेशान।

फसलों को कर रहे चौपट।

खराबे का फसल बीमा कंपनी भी नही देती मुआवजा
शाहपुरा,1 सितंबर। शाहपुरा उपखण्ड क्षेत्र के किसान बारिश को लेकर वैसे ही प्रकृति का दंश को झेल रहे है। साथ ही साथ क्षेत्र के किसान इन दिनों जंगली सुअरों के आतंक का दंश भी झेल रहे है। सैंकड़ों हेक्टेयर भूमि में बोई गई मक्का की फसलों के बीच खेत जंगली सुअरों का शरनास्थली बनी हुई है।
बोरड़ा बावड़ियान के सरपंच उप जगदीश जाट, पुर्व उप सरपंच गोपाल गुर्जर,भैरू भील, सोनाथ गाडरी, केदार मल, रामफुल भील, राधेश्याम भील, लाला राम सत्यनारायण, देवकिशन, शंकर लाल आदि ग्रामीणों ने बताया कि सुअर बेख़ौफ़ होकर खेतों में मक्का की पकी हुई खड़ी फसलों को निशाना बनाते हुए जमीजोद कर पूर्णतः फसलों को चौपट करते जा रहे है।
सुअरों के भयंकर आतंक से किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हो रहे है। पीड़ित किसानों ने बताया कि जंगली सुअर सुने खेतों में दिन में ही प्रवेश कर मक्का के डंठलों को झुका कर नीचे गिरा रहे है और कच्चे पक्के भुट्टो को खाते हुए नष्ट करते चले जा रहे है। जिन खेतों में दिन में किसान रहते सुअर दिन में अंग्रेजी बबूलों व घनी झाड़ियों में दुबके रहते है और रात होते ही सुअरों के झुंड खेतों के खेतों को नष्टेनाबूत करने लग जाते है।
ग्रामीणों का कहना था कि यह समस्या बोरड़ा बावड़ियान की ही नही अपितु शाहपुरा उप खंड क्षेत्र के बेसकी, फुलियाखुर्द, निंबाहेड़ा, बिलिया, तहनाल, समेलिया, झांतल, नयाखेड़ा,राज्यास, पनोतियां आदि कई गांवों में बनी हुई है।

नगर परिषद क्षेत्र भी आतंक से मुक्त नही:
शाहपुरा नगर परिषद क्षेत्र का 4 से 5 किलोमीटर का क्षेत्र भी स्थानीय सुअरों यानी पालतू सुअर के आतंक से अछूता नही है। सांझ ढलते ही सुअर समूह में खेतों का रुख इक्तिहार कर लेते है और सुबह किसानों के खेत पहुंचने से पूर्व शहर की ओर लौट आते है।

फसल बीमा कंपनी भी नही देती मुआवजा: बोरड़ा उपसरपंच जगदीश जाट का कहना था कि सुअरों से खराब हुई फसलों का मुआवजा फसल बीमा कंपनियां भी नही देती। विगत वर्ष भी सुअरों के द्वारा चौपट हुई फसल का सर्वे करवाने के बाद भी फसल बीमा कंपनियां ऐसे खराबे का मुआवजा देने पर हाथ खड़े कर दिए।
सुअरों के आतंक की इस समस्या का हल किस तरह करें, प्रशासन चाह कर भी इस समस्या हल कर सकेगा। करें, तो करें क्या..? इस बड़ी समस्या से परेशान किसान हताश होते हुए अपने आपको ठगासा महसूस करते हुए बेबस दिखाई दे रहे है।

Dev Krishna Raj Parashar - Shahpura

Dev Krishna Raj Parashar - Shahpura

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