ऐसे कैसे रुकेगा नशा…
सत्र शुरू कमेटी का पता नही।
धूम्रपान सामग्री रोकने के लिए बनाई थी कमेटी, फिर भी विद्यालयों के बाहर धड़ल्ले से बिक रहे गुटका-सिगरेट।
शाहपुरा। विद्यालयों के बाहर धड़ल्ले
से बिक रहे नशे के कारोबार पर रोक
नहीं लग पाई है। शिक्षा विभाग की
पहल भी विद्यालय संचालन समिति का
भट्टा बैठा रही है। बच्चों में नशे की
लत दूर करने और विद्यालय के बाहर
बिकी रही धूम्रपान सामग्री पर रोक के
लिए स्कूलों में कमेटी का गठन करना
था, लेकिन सत्र शुरुआत हुए तीन माह
बीतने के बाद भी अब तक कमेटी का
पता नहीं है।
आलम यह है कि सरकारी और
निजी स्कूलों के आसपास गुटखा,
सिगरेट और नशीले पदार्थ की दुकानों
का संचालन हो रहा है। इन पर किसी
भी प्रकार की पाबंदी नहीं है। हर स्कूल में विद्यार्थियों पर निगरानी रखने को
संस्था प्रधान, अभिभावक, छात्र प्रतिनिधि व पुलिस कांस्टेबल की कमेटी बनाई जानी थी।
संस्था प्रधान की जिम्मेदारी:-
स्कूल के आसपास 100 गज के दायरे में नशीले पदार्थ पूर्ण
रूप से प्रतिबंधित हो। इसे बंद करने के लिए संस्था प्रधान
को जिम्मेदारी दी गई। यदि कोई दुकानदार नशीले पदार्थ
पर पाबंदी नहीं लगाता है तो शिक्षण संस्थान उस पहली
बार उल्लंघन करने वाले पर 100 रुपए तथा दूसरी बार
उल्लंघन करने 200 रुपए जुर्माना लगाने का अधिकार
दिया गया। नई पहल के तहत सरकारी और निजी स्कूलों
में विद्यार्थियों को नशीले पदार्थों से दूर रहने को समय-
समय पर जागरूकता रैली आदि कार्यक्रम करवाने हैं।
इसके साथ ही स्कूलों में नशे से होने वाले नुकसान के बारे
में बच्चों को बताना होगा।