डेंगू का डंक: देरहा ग्रामीणों को दर्द।
स्वास्थ्य तंत्र कमजोर।
ड़ेंगू सेएक मरीज की मौत की आशंका।
आंकड़े छुपाने का आरोप, जबकि रोगियों की तादात ज्यादा।
बरते सावधानी।
शाहपुरा। शाहपुरा क्षेत्र में डेंगू का कहर रुकने का नाम नही ले रहा है। क्षेत्र के कनेच्छन कलां, ढिकोला तथा राज्यास में डेंगू के रोगी निकलने से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया। विभाग ने सतर्कता बरतते हुए सर्वे टीमें गठित कर पीड़ितों को उपचार देने के साथ चिकित्सा विभाग अपने स्तर पर डेंगू मच्छरों का कहर कम करने के लिए कई जतन भी किये। फिर भी कनेच्छन कलां गांव में अक्सर घरों में बीमार देखे जा रहे है। विभाग द्वारा दौड़धूप करने के बाद भी डेंगू से बीमार की संख्या में इजाफा हो रहा है।आंकड़े छुपाने के आरोप: एक तरफ चिकित्सा विभाग कनेच्छन कलां में डेंगू के महज 7 रोगी होने का दावा कर रहे है वही ग्रामीणों का आरोप है कि डेढ़ माह से कनेच्छन में मौसमी बीमारी ग्रामीण बीमार चल रहे है। विभाग आंकड़े छुपा रहा है, विभाग का स्वास्थ्य तंत्र कमजोर है। कनेच्छन कलां में दर्जनों डेंगू के रोगी आरहे है। गांव में आज भी तेजाजी चौक के आसपास, ब्राह्मणों की गली बाजार तथा बाहरी बस्तियों के कई घरों में लोग डेंगू का दंश झेल रहे है। शाहपुरा जिला अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है। डेंगू से जिन रोगियों की प्लेट लेट 30हजार से भी नीचे चली जारही उन्हें भीलवाड़ा रैफर किया जारहा है। ग्रामीणों ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि सरकारी आंकड़ों को लेकर आशंकित रोगी व परिजन अपने निजी स्तर पर पीड़ितों का उपचार करवाने को मजबूर है।
ग्रामीणों के आरोपो को खारिज करते हुए डिप्टी सीएमएचओ डॉ भागीरथ मीणा ने पत्रिका को बताया कि डेंगू के रोगियों की पुष्टि होते ही विभाग द्वारा गठित टीमों ने घर घर सर्वे करवा कर पीड़ितों के टीकाकरण, स्लाइड ली गई, जमा पानी टेमीफाल डाला गया। ग्रामीणों का यह भी आरोप था कि विभाग ने घरों में डीडीटी का छिड़काव नही करवाया। गांव में मच्छरों की भरमार होने से ग्रामीण रात में नींद भी सही ढंग से नही ले पा रहे है। इस पर अधिकारी डॉ मीणा ने बताया कि जहां जहां डेंगू के पॉजिटिव केस मिले उन 50 घरों में पाईरिथ्रम का छिड़काव करवा दिया। डीडीटी प्रतापगढ़, बाड़मेर, बांरा, बालोतरा आदि क्षेत्रों में जहां मच्छरों का प्रकोप वहां उपलब्ध है अपने जिले में नही आया है। अब तक कनेच्छ्न कलां में 7 तथा ढिकोला व राज्यास गांव में एक-एक केस डेंगू का निकला है।
कनेच्छन कलां के एक ही परिवार के पांच भाई-बहन शाहपुरा अस्पताल में भर्ती करवाये गये। इसमें से दो भाई को छुट्टी दी गई, बाकी भर्ती है।
डेंगू से मौत होने की ग्रामीणों को आशंका: कुछ दिनों पूर्व ढिकोला ग्राम में एक व्यवसायी अस्वस्थ होने पर भीलवाड़ा के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती करवाया। जहां रोगी की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। भीलवाड़ा में 5 दिन उपचार लेने के बाद डेंगू की रिपोर्ट नेगेटिव आगई थी। लेकिन हालात में सुधार नही होने पर अहमदाबाद रैफर किया गया। जहां उनकी मौत होगई। व्यवसायी की मौत डेंगू से होने की आशंका व्यक्त करते हुए ग्रामीण सकते में है। हालांकि मृतक व्यवसायी के परिजनों ने पत्रिका से उनकी मौत डेंगू से होने से इंकार किया गया। फिर भी ग्रामीण आशंकित है।
डेंगू से घबराए नही, सावधानियां बरते: जिला चिकित्सालय प्रभारी डॉ अशोक जैन ने बताया कि बारिश में मच्छर उनका लार्वा समाप्त हो जाता है। मौसम शुष्क होते ही बारिश के जमा पानी के कारण लार्वा से मच्छरों की तादाद बढ़ने से मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियां होने की आशंकाएं प्रबल हो जाती है। डेंगू से डरे नही ज्यादा तेज बुखार होने पर नजदीकी चिकित्सालय में जांच, उपचार करवाये। घरों व आसपास पानी का लम्बे समय तक जमा नही होने दे, हाथ, पैरों में लम्बे वस्त्र धारण करें औऱ मच्छरों से बचने के उपाय करें।