राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस
राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस।
3192 हैक्टर में फैले वन्य क्षेत्र में सैंकड़ों वन्य जीव करते है विचरण।
दुर्लभ वन्य जीवों के लिए 2 रिजर्व कंजर्वेशन क्षेत्र घोषित।
वन्य जीवों की सुरक्षा में लगे दर्जनों कर्मी।
शाहपुरा। बुधवार को राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस होने पर शाहपुरा रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी योगेश मीणा, वनपाल थानमल, विक्रांत व टीम सदस्यों के साथ वन क्षेत्र में पहुंच कर निरीक्षण करते हुए वन्यजीवों के हालात जाने।
शाहपुरा रेंज के आसोप, धानेश्वर, करमडास, फुलियाखुर्द, ढ़ीकोला, इटमारिया, मिन्डोलिया, फतहगढ़, लिरडी, चलानिया वन खंड, काहीरामजी का खेड़ा, नोगावा, बिलियन, किला मगरा, बोरड़ा, रामपुरा, रलायता, कजोड़िया, गणपतिया, नाथजी का खेड़ा, थला, नारायणपुरा, धनोप, फूलियाकलां, अरनिया घोड़ा, माताजी का खेड़ा उक्त 2 दर्जन से अधिक गांवों में 3192 हैक्टर में फैले वन क्षेत्र में दुर्लभ प्रजाति के काले हिरण, खड़मोर पक्षी सहित कई भेड़िए, सियार, नील गाये, राष्ट्रीय पक्षी मोर इन वन क्षेत्र में स्वच्छन्द विचरण करते है।
उल्लेखनीय है कि फुलिया खुर्द वन क्षेत्र में खड़मोर पक्षियों की आवाजाही को लेकर देहरादून से आई वन टीम की अनुशंसा पर सरकार ने गत वर्ष ही फुलिया खुर्द वन क्षेत्र को रिजर्व कंजर्वेशन क्षेत्र घोषित कर इस वन क्षेत्र में कई किलोमीटर लंबी पक्की दीवार का निर्माण करवाया।
वही आसोप वन क्षेत्र में 150 करीब हिरणों के साथ दुर्लभ काले हिरणों के पाए जाने को लेकर भी सरकार ने आसोप वन क्षेत्र को भी रिजर्व कंजर्वेशन क्षेत्र घोषित किया।
वनपाल थानमल जीनगर ने बताया कि हाल ही में हुई वन्यजीव गणना के अनुसार शाहपुरा रेंज में सबसे ज्यादा नील गाये, जंगली सुअर, ब्लैक बंग (काले हिरण) के साथ अन्य हिरण, भेड़िये, लोमड़ियां, तीतर, मोर, खड़मोर, दुर्लभ प्रजाति के सफेद पीठ वाले गिद्ध आदि कई प्रजाति के जानवर व पक्षी है।
वन्य जीवों की सुरक्षा में लगे 21 कर्मी: क्षेत्रीय वन अधिकारी योगेश मीणा ने बताया की 750 से अधिक वन्यजीवों की सुरक्षा में 2 वनपाल, 5सहायक वनपाल, 5 वन रक्षक, 7 पशु रक्षक व अन्य सुरक्षा श्रमिक अलग अलग समय तथा रात्रि में भी गश्त कर वनक्षेत्र में निगरानी करते हुए वन्य जीवों को शिकार होने से बचाते है। गर्मियों के 4 माह जीवों के पीने के लिए विभाग व आमजन सहयोग से वन क्षेत्र में बने कईं पक्के वाटर हॉल (टांके) में टैंकरों के जरिये पानी की व्यवस्था करते है। सुरक्षा श्रमिकों की सूचना पर विभाग पशु चिकित्सक द्वारा बीमार जानवरों, पक्षियों व अन्य वन जीवों का प्राथमिकता से उपचार कर उनका जीवन बचाते है।
विदेशी पक्षियों के लिए तालाब के जीर्णोद्धार की आवश्यकता: सीजन नवम्बर, दिगम्बर में आने वाले सैंकड़ों विदेशी पक्षियों के लिए ढिकोला के नुन वन्य क्षेत्र, करमडास व नोगावा तीनों वन्य क्षेत्र के बीच 80 हैक्टर में फैले विशाल तालाब के जीर्णोद्धार की महत्ती आवश्यकता बताते हुए अधिकारी मीणा ने बताया कि गर्मी में तालाब को गहरा करने से कई प्रजाति के सैंकड़ों विदेशी पक्षी लम्बे समय तक पानी में करलव कर सकेंगे। पानी कम रहने आए पक्षी ज्यादा दिनों तक नही टिकते। इस मांग के साथ चलानिया वन खण्ड में लव-खुश वाटिका के निर्माण होने पर यह वन खंड पर्यटक स्थल बन सकता है जिसमें शाहपुरा में आने वाले विदेशी पर्यटक इस वन क्षेत्र में वन्य जीवों व जानवरों को देखने का लाभ ले सकते है।