क्षेत्र में चने की फसलों में फैला रोग सैंकड़ो हेक्टर में चने की फसलें हुई बर्बाद
क्षेत्र में चने की फसलों में फैला रोग
सैंकड़ो हेक्टर में चने की फसलें हुई बर्बाद
किसान खून के आंसू रोने को मजबूर
फसल चक्र अपनाए किसान
शाहपुरा-देव कृष्ण राज पाराशर, 22 फरवरी। क्षेत्र के निम्बाहेड़ा, बोरड़ा, आरणी, शाहपुरा नगर परिषद क्षेत्र सहित कई ग्राम पंचायतों में चने की फसलों में अचानक रोग लगने से सैंकड़ो हैक्टर में बोई गई चने की फसल खराब हो गई। जबकि चने की फसलें अब तैयार होने के कगार पर है अचानक रोग लगते ही कई खेत सुख गए।
बोरड़ा के पूर्व उप सरपंच गोपाल गुर्जर, राधेश्याम भील, रामपुर भील, कन्हैया लाल गाडरी, आरणी के गोवर्धन सिंह, नरेंद्र सिंह राजपूत आदि ने आरोप लगाया कि चने की फसलों में अज्ञात रोग लगने से हरे चने एकदम सुखने से सैकड़ो हैक्टर में चने की फसले पूर्णतः बर्बाद हो गई। जिस कारण से क्षेत्र के कई किसान खून के आंसू रोने को मजबूर है। किसानों का कहना था कि महंगे खाद व बीज लगाने के बाद अच्छी फसल होने की आस कर रहे थे।
फसलों से पीड़ित किसानों ने जिला प्रशासन से कृषि विभाग के अधिकारियों, कृषि वैज्ञानिकों से इस समस्या अनुसंधान करवाने की मांग करते हुए, किसानों को आगामी वर्ष इन फसलों के लिए मार्गदर्शन करवाने की मांग पर जोर दिया।
फसल चक्र अपनाए, मृदा की जांच कराए किसान:- चने के पौधे की जड में फफूंद(कीड़ा) लगने से भी फसल अचानक सुख जाती है। रोग से बचने के लिए किसान फसल चक्र को अपनाये। यानी हर बार अलग फसल बोयें। खेत की मिट्टी की समय समय पर जांच करवाये। फसल लेने के तत्काल बाद ही खेतों को हांक कर छोड़ने से गर्मी से जड़ में लगने वाला फफूंद समाप्त होजाने से ये समस्या नही आती। बीज उपचार कर ही जमीन में बीज डाले। कैलाश कहार, कृषि पर्यवेक्षक, कृषि विभाग, तहनाल, शाहपुरा