शाहपुरा जिला बचाने को लेकर निकाली वाहन रैली।

शाहपुरा जिला बचाने को लेकर निकाली वाहन रैली।
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मुख्यमंत्री के नाम लिखा खुला पत्र।
जिले को यथावत रखने की मांग पर दिया जोर।
शाहपुरा, 28 सितम्बर।
पूर्ववर्ती सरकार
द्वारा प्रदेश में सृजित किये गए नवगठित जिलो के पुनर्मूल्यांकन और स्वरचित मापदण्डों पर खरा नहीं उतरने पर सरकार द्वारा कुछ जिलो को वापस हटाये जाने को लेकर चल रही कवायद के तहत शाहपुरा जिले का नाम भी चर्चा में सामने आरहा है। इसे लेकर शनिवार को शाहपुरा जिला बचाओं संघर्ष समिति के आव्हान पर शहर के महलों के चौक से क्षेत्रवासियों ने प्रातः 11 बजे एक वाहन रैली निकाली। यह रैली बालाजी छतरी, नयाबाजार, सदरबाजार, त्रिमूर्ती सर्किल, भीलवाड़ा मार्ग से गुजरती हुई उम्मेदसागर चोहराये से कलक्ट्रेड पहुंची।
इस वाहन रैली में भाजपा, कांग्रेस व अन्य राजनीतिक व गैर राजनीतिक दलों, नगर परिषद के पार्षदों, शाहपुरा श्याम सेवा समिति, आर्य समाज, विप्र सेना, अम्बेडकर विचार मंच, मुस्लिम समाज, माहेश्वरी नवयुवक मंडल, व्यापार मंडल, कपड़ा एसोसियेशन, अभिभाषक संस्था, स्टाम्प वेंडर एशोसिएशन, कोली विकास समिति सहित विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठनों व अन्य संस्थानों के सैंकड़ों सदस्यों व पदाधिकारियों के साथ शाहपुरा व ग्रामीण अंचलों से आये कई जनप्रतिनिधियो ने इस वाहन रैली में भाग लिया। इन सभी संगठनों की ओर से तथा शाहपुरा जिला बचाओं संघर्ष समिति की ओर से कलक्टर राजेन्द्र सिंह शेखावत को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए।

मुख्यमंत्री के नाम दिए पत्र का किया वाचन:- कलक्ट्रेड के बाहर पहुंचकर शाहपुरावासियों की ओर से मुख्यमंत्री भजन लाल के नाम लिखे गये खुले पत्र का वाचन किया गया।
जिसमें शाहपुरा जिले को हटाये जाने की आशंका व्यक्त करते हुए बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप कुछ समय पूर्व शाहपुरा जिला कलक्टर से वित्तीय प्रभार कार्य भीलवाड़ा कलक्टर को सौंपने, हाल ही में आईपीएस तबादला सूची में शाहपुरा जिले में पदस्थापित पुलिस अधीक्षक का अन्यत्र तबादला करने और पद प्रभार पूर्व के मूल जिले भीलवाड़ा के पुलिस अधीक्षक को देने से ऐसी अटकलों को बल मिल गया हैं। ऐसे में
शाहपुरा जिले की अहमियत, आवश्यकता और पूर्व की सरकार द्वारा तय किए गए
मापदण्डों को ध्यान में रखना भी नितांत आवश्यक हैं। शाहपुरा जिले बनने और रहने
की सभी योग्यताओं और मापदण्डों को पूरा करता हैं।
जिले को हटाना एक नकारात्मक पहल है:- जिलो का गठन प्रगति की रफ्तार दोगुनी करने के लिए और आमजन को सहज और सुलभ प्रशासनिक सुविधाओं के
साथ न्याय मुहैया करवाने तथा सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम योग्य लाभार्थी को
चिन्हित कर दिलवाने के उद्देश्य से किया था। दिनों दिन बढ़ती जनसंख्या एवं बड़े क्षेत्रफल की वजह से सरकार व आमजन को नए जिलों की आवश्यकता महसूस हो
रही थी। प्रदेश की आमजनता की पुलिस और प्रशासन तक पहुँच सुगम और सुलभ
करने के उद्देश्य से बनाये गये जिलो को राजनीतिक दृष्टिकोण से अथवा अनावश्यक बताते हुए नवगठित जिले को वापस हटाना एक नकारात्मक पहल हैं।
उल्लेखनीय है कि इतिहास के पन्नो को पलटने पर यह ज्ञात होता है कि संपूर्ण भारत में शाहपुरा ही एकमात्र ऐसी स्वतंत्र रियासत थी जिसने आजादी से
एक दिन पूर्व ही स्वतंत्र होने के साथ ही सरदार पटेल के आव्हान पर बिना किसी शर्त
के अखंड भारत में अपने विलय की घोषणा कर दी थी। धर्म, तप और बलिदान के
साथ इतिहास में अपनी विशिष्ट पहचान और आजादी में अपने अनमोल बलिदान के
बावजूद आजादी के बाद 1950 तक जिला बना रहे शाहपुरा से उसका जिले का दर्जा
छीन लिया गया और तभी से 73 वर्षो तक अपने अस्तित्व को जिन्दा रखने के लिए
संघर्ष करने वाले शहर के साथ इस तरह का भेदभाव किसी भी दृष्टिकोण से स्वीकार्य
नहीं हैं।
जनता का विश्वास सरकार में पुनः कायम हो:- पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध करने के साथ सरकार को चेताते हुए लिखा गया कि शाहपुरा के सभी राजनीतिक (भाजपा-कांग्रेस), सामाजिक, धार्मिक, लोककल्याण से जुड़े संगठनों के साथ शाहपुरा की आम आवाम की मांग पर घोर करते हुए शाहपुरा जिले को यथावत रहने दें ताकि जनता का विश्वास अपनी सरकार में पुनः कायम हो सके।
अन्यथा शहीदों के इतिहास से लबरेज
मेवाड़ की धरती का अन्तिम छोर इतिहास दोहराने की काबिलियत रखता हैं। सड़क से
लेकर विधानसभा तक, शाहपुरा से लेकर जयपुर तक संघर्ष का नया इतिहास लिखने
की क्षमता शाहपुरा जिले की जनता रखती है।
आम आवाम की आस्था प्रदेश सरकार में होने से जिला बचाने की मांग और कार्यक्रम पूर्ण रूप से अनुशासित ढंग से शांति के साथ चलता आ रहा है। यदि सरकार द्वारा लम्बे समय तक अनिर्णय की स्थिति में रहने अथवा प्रतिकूल निर्णय लेने पर क्षेत्र में किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में बिगड़ने वाली कानून
व्यवस्था, किसी भी प्रकार की हानि और होने वाले आंदोलन के समस्त जिम्मेदारी
राजस्थान सरकार की होगी।

Dev Krishna Raj Parashar - Shahpura

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