अजयसर सरपंच के खिलाफ धारा 38 की कार्यवाही की अनुशंसा नियम 157 (1) की अवेहलना कर खाली प्लाट पर दिया पट्टा सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी पर तो कार्यवाही के निर्देश परन्तु पट्टे हेतु बंनाई कमेटी को छोड दिया
अजयसर सरपंच के खिलाफ धारा 38 की कार्यवाही की अनुशंसा
नियम 157 (1) की अवेहलना कर खाली प्लाट पर दिया पट्टा
सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी पर तो कार्यवाही के निर्देश परन्तु पट्टे हेतु बंनाई कमेटी को छोड दिया
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पंचायतीराज नियमो के तहत पद के दुरूपयोग के मामले मे सरपंच के खिलाफ धारा 38 की कार्यवाही करते हुए सरपंच को हटाये जाने का प्रावधान है। संभागीय आयुक्त कार्यलय मे धारा 38 के प्रकरणों पर कार्यवाही होती हैं
अजमेर संभागीय आयुक्त कार्यलय मे चल रहे विचाराधीन धारा 38 के प्रकरणों मे एक ओर प्रकरण जुड गया
ईस बार अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति की ग्राम पंचायत अजयसर की महिला सरपंच पर धारा 38 की कार्यवाही हेतु अजमेर जिला परिषद सीईओ अभिषेक खन्ना ने अनुशंसा की है
जानकारी अनुसार अजयसर सरपंच के खिलाफ जिला कलेक्टर को खरेखडी निवासी मोहन खान ने कब्जाशुदा बाडे का पट्टा निरस्त करा कर स्वय के नाम कराने का परिवाद दिया था
ईस पर अजमेर ग्रामीण विकास अधिकारी को जांच कर नियमानुसार करने के निर्देश दिये थे
विकास अधिकारी ने पत्रांक 1154 दिनांक 18-5-2024 में अपनी जांच मे बताया की ग्राम पंचायत की ओर से राजस्थान पंचायतीराज नियम 1996 के नियम 157(1) की अवहेलना करते हुए खाली भूखंड का पट्टा जारी कर दिया जिस के लिए अजयसर सरपंच वं ग्राम विकास अधिकारी उत्तरदायी है
उक्त जांच के आधार पर सरपंच के खिलाफ धारा 38 की अनुशंसा की गयी है
*पूरी कमेटी दोषी कार्यवाही केवल सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी पर ही
नियम विरूद्ध पट्टा जारी करने के मामले मे सरपंच के खिलाफ धारा 38 की अनुशंसा की गयी वही ग्राम विकास अधिकारी के विरूद्ध सीसीए नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं
जब की पट्टा जारी करने से पुर्व प्रक्रिया मे दो वार्ड पंच ,पटवारी, पड़ोसी सहीत पंचायत की कमेटी होती है
एसे मे गलत पट्टा जारी करने मे पूरी कमेटी ही दोषी है