मनरेगा में बड़ा बदलाव: पहले चरण में 10% नए रोजगार, ईवी चार्जिंग और आईटी समेत 28 नए कार्य शामिल
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ( मनरेगा ) के तहत आवंटित होने वाले जॉब वर्क में केंद्र सरकार बदलाव करने की तैयारी में है इस योजना के तहत आईटी सेक्टर सहित भावी रोजगार के संभावना वाले गैर परंपरागत क्षेत्रों को भी शामिल करने की पहल की जा रही है। शुरुआती चरण में सरकार का लक्ष्य कुल काम के 10% में लोगों को गैर परंपरागत कार्य क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने का है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि अभी तक लोगों को मनरेगा के तहत तालाब बनाने, पक्का निर्माण करने जैसे कार्यों में रोजगार दिया जाता है। लेकिन पिछले दस साल में आईटी और इससे संबंधित क्षेत्रों में भारी बदलाव हुए हैं। इससे रोजगार के नए अवसरों से लोगों को जोड़ने की संभावना बनी है। इसमें मोबाईल व कंप्यूटर कवर निर्माण, ईवी बैटरी चार्जिंग प्वाइंट, ऑप्टिकल फाइवर संबंधित कार्य जैसे कुल 28 कामों को चिन्हित किया गया है, जो मनरेगा के तहत अभी तक कवर नहीं हैं।
सूत्रों का कहना है कि
नीति आयोग ने इन क्षेत्रों से मनरेगा के तहत जॉब पाने वालों की संभावनाओं को लेकर एक प्रजेंटेशन तैयार की थी। इन्हें फ्यूचरिस्टिक जॉब श्रेणी में 2021-22 में रखा गया था। लेकिन कई कारणों से इसे जमीन स्तर पर उतारा नहीं जा सका था। सूत्रों का कहना है कि बीते सितंबर में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर के तीन पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसका प्रयोग किया गया जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आया है। इसके बाद बहुत जल्द देश के अन्य राज्यों में भी इसे लागू करने की तैयारी है।