दीया कुमारी पहुंची टूरिस्ट विलेज देवमाली: चूल्हे पर बनी मक्के की रोटियां और साग का आनंद लिया

दीया कुमारी पहुंची टूरिस्ट विलेज देवमाली: चूल्हे पर बनी मक्के की रोटियां और साग का आनंद लिया
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अजमेर:
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने शनिवार को बेस्ट टूरिस्ट विलेज का अवॉर्ड जीत चुके देवमाली गांव का भ्रमण किया। अपने इस दौरे में उन्होंने ग्रामीण जीवन को नजदीक से जाना और महिलाओं के साथ मिलकर चूल्हे पर बना भोजन किया।

देवमाली गांव: पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण

दीया कुमारी ने कहा कि देवमाली गांव अपनी ईको-फ्रेंडली विशेषताओं के कारण बेस्ट टूरिस्ट विलेज के रूप में जाना जाता है। यहां के ग्रामीण सदियों से पर्यावरण संरक्षण और पशु पालन को प्राथमिकता देते आए हैं। उन्होंने ग्रामीणों से कहा, “देवमाली गांव अन्य गांवों के लिए प्रेरणा है। विदेशी पर्यटकों को भारतीय ग्रामीण संस्कृति का अनुभव कराने के लिए यह गांव एक आदर्श उदाहरण है।”

चित्र: दीया कुमारी ग्रामीण महिलाओं के साथ चूल्हे पर बना भोजन करते हुए।
चित्र: दीया कुमारी ग्रामीण महिलाओं के साथ चूल्हे पर बना भोजन करते हुए। ( Awaz Rajasthan Ki )

गांव की अनूठी संरचना और परंपरा

दीया कुमारी ने देवमाली की गलियों में पत्थर और मिट्टी से बने मकानों को देखा, जिनकी छत लकड़ी और केलु से बनी हैं। गांव के 500 मकानों में एक भी पक्का मकान नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यहां के ग्रामीण मिलकर पर्यावरण को संरक्षित करने का कार्य कर रहे हैं।

भगवान देवनारायण मंदिर के दर्शन और ग्रामीण जीवन का अनुभव

अपने दौरे के दौरान दीया कुमारी ने गुर्जर समाज के तीर्थस्थल भगवान देवनारायण मंदिर के दर्शन किए। उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “यह गांव पर्यटन की जबरदस्त संभावनाएं रखता है। विदेशी मेहमान यहां के ग्रामीण जीवन का अनुभव लेकर जाएंगे, जो उनके लिए अलग और अनूठा होगा।”

देवमाली को आदर्श और पर्यटन गांव बनाने का संकल्प

दीया कुमारी ने देवमाली को आदर्श गांव और प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों का आश्वासन दिया। मसूदा से देवमाली तक फोरलेन सड़क, रोपवे, और यात्री विश्रामगृह जैसी सुविधाओं पर योजना बनाई जा रही है। मसूदा विधायक वीरेंद्र सिंह कानावत ने भी गांव के विकास के लिए प्रस्ताव दिए हैं।

ग्रामीण महिलाओं के साथ भोजन और लोक गीतों का आनंद

दीया कुमारी ने गांव की महिलाओं के साथ मक्के की रोटी, साग, छाछ और राबड़ी का आनंद लिया। ग्रामीण महिलाओं ने परंपरागत लोक गीत गाकर उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा, “देवमाली का अनुभव मेरे लिए अविस्मरणीय है। ग्रामीण परिवेश और यहां की परंपराएं बेहद प्रेरणादायक हैं।”

admin - awaz rajasthan ki

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