नरेगा में हर साल घट रही कार्य पूर्णता दर, अन्य विभागों मे तालमेल नही पक्के कार्य की पुर्णता भी कम
नरेगा में हर साल घट रही कार्य पूर्णता दर, अन्य विभागों मे तालमेल नही पक्के कार्य की पुर्णता भी कम
इस साल अभी तक तीन प्रतिशत भी नहीं पहुंच पाई
आवाज राजस्थान की
राजस्थान में नरेगा योजना में काम पूरे होने की दर पिछले 4 साल में लगातार घटती नजर आ रही है। इस वित्तीय वर्ष में कार्य पूर्णता दर महज 2.54 प्रतिशत ही हुई है। हालांकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने में अभी 4 महीने बाकी है, लेकिन पिछले चार साल की कार्य पूर्णता दर की तुलना करें तो यह रफ्तार बहुत धीमी है। राज्य नरेगा विभाग के आंकड़ों को देखें तो पिछले 4 वित्तीय वर्ष में 2021-22 से लेकर 2024-25 में कार्य पूर्णता दर का आंकड़ा लगातार घटता हुआ नजर आ रहा है। वित्तीय वर्ष 2021- 22 में कार्य पूर्णता दर 96.92 प्रतिशत रही। वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह दर 70.73 प्रतिशत रही। अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 में इससे कम 15.15 प्रतिशत दर रही। इस वित्तीय वर्ष 2024- 25 में 21 नवम्बर तक कार्य पूर्णता दर प्रदेश भर में महज 2.54 प्रतिशत बनी हुई है। वर्तमान में दर की रफ्तार
देखते हुए वित्तीय वर्ष समाप्ति तक इसे पिछले साल से भी कम रहना माना जा रहा है।
*केन्द्र से राशि समय पर नहीं मिलना प्रमुख कारणः नरेगा में
अधिकांश पक्के निर्माण कार्यों के आधार पर कार्य पूर्णता दर तय होती है। राज्य सरकार के कई महत्वपूर्ण विभाग जैसे कृषि, पंचायतीराज, मत्स्य पालन, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, पशुपालन आदि के ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े पक्के निर्माण कार्यों को भी नरेगा श्रमिकों के माध्यम से पूरा कराया जाता है। कार्य पूर्णता दर में पीछे रहने की वजह के प्रमुख कारणों में नए कार्यों को मंजूरी मिलने में देरी और केन्द्र से समय पर राशि नहीं मिलना माना गया है।
विभाग के अफसरों का कहना है कि कार्य पूर्णता दर की स्थिति से समय समय पर केन्द्र सरकार को अवगत कराया जाता है और दर बढ़ाने के लिए मिले जरूरी निर्देशों की पालना कराई जाती है।