डिस्कॉम के निजीकरण का विरोध।

डिस्कॉम के निजीकरण का विरोध।
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डिस्कॉम के निजीकरण का विरोध।
कर्मचारी धरने पर बैठ किया प्रदर्शन।
सरकार हर क्षेत्र में निजीकरण करवा अपना आधिपत्य छोड जनता व कर्मचारियों के
हितों के साथ विश्वासघात कर रही है – कर्मचारी संघ।
शाहपुरा।
राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में विद्युत वितरण निगम के कर्मचारियों ने विद्युत वितरण निगम में सरकार द्वारा किये जारहे निजीकरण के विरोध में संयुक्त रूप से प्रदर्शन करते हुए कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे और बाद में तहसीदार उत्तम कुमार जांगिड़ को मुख्यमंत्री के साथ, राजस्थान सरकार के ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन देकर डिस्कॉम में लगातार हो रहे निजीकरण को रोकने की मांग की।
ज्ञापन में बताया कि विद्युत के क्षेत्र में उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण निगमों में भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर किये जा रहे अंधाधुध निजिकरण से विभाग ने नये युवाओं को नौकरी मिलना मुश्किल होने से बेरोजगारी बढ़ने के साथ विभागीय कार्यो में सैंकड़ों मामले लंबित पड़े है।
मेन्टेन्स, तकनीकी, विभागीय कार्यो एवं अन्य अहम विभागीय कार्य क्षेत्रों में चलाई जा रही ठेका पद्धति के कारण ठेके पर लगे कर्मी कार्यो में कौताही बरतने के साथ विभाग से जुड़े कर्मियों की नही सुनते हुए अपनी मनमानी कर डिस्कॉम का बट्टा बिठाने पर तुले है। प्रदर्शन कर रहे कर्मिको ने बताया कि सरकार द्वारा निगम में निजीकरण करने पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाने से विद्युत क्षेत्र का निर्माण व संचालन राज्य सरकार द्वारा निगम के माध्यम से उद्योग धंधों के विकास, कृषि के उपयोग व घरेलु उपभोक्ताओं के दैनिक दिन उपभोग कार्यो पर असर पड़ रहा है। डिस्कॉम विद्युत क्षेत्र का संचालन बिना लाभ-हानि के सिद्धांत पर अपनी राज्य की जनता के प्रति लोक कल्याणकारी सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी के निर्वहन नही कर पा रहा है।
कर्मियों ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार हर क्षेत्र में अपने हिस्सा एवं आधिपत्य को बेवजह छोडकर प्रदेश की जनता व कर्मचारियों के हितों के साथ विश्वासघात कर रही है। वर्तमान सरकार अपनी लोक कल्याणकारी भूमिका को छोडकर विद्युत क्षेत्र को लाभ-हानि के आधार पर संचालन की मंशा से आगे बढ़ रही है। उसी के कारण विद्युत प्रशासन द्वारा विद्युत के वितरण, प्रसारण व उत्पादन में वर्तमान से द्रुतगति से भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर निजिकरण डिस्कॉम व सरकार तथा उपभोक्ताओं के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। सरकार हर क्षेत्र में अपने हिस्सा एवं आधिपत्य को बेवजह छोडकर प्रदेश की जनता व कर्मचारियों के हितों के साथ विश्वासघात कर रही है।
ज्ञापन पर संज्ञान नहीं लिया जाता है तो भविष्य में देश, उद्योग व श्रमिक हित में लोकतांत्रिक श्रमिक आंदोलन जारी रहेगें ।
इस मौक़े पर शिवराज शर्मा, उमा सोमानी, वर्षा पाराशर, कुसुमलता, कैलाश धाकड़, अविनाश, मोहम्मद हुसैन, घीसालाल, उदयलाल, सुरेंद्र सिंह, विजय सिंह मीणा, जितेंद्र कुमार शर्मा

Dev Krishna Raj Parashar - Shahpura

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