चरागाह भूमि में टोल प्लाजा के निर्माण को लेकर ग्रामीणों जताया विरोध
चरागाह भूमि में टोल प्लाजा के निर्माण को लेकर ग्रामीणों जताया विरोध।
मेड़बंदी कर रहे ग्रामीणों को प्रशासन ने रोका।
ग्रामीणों का प्रदर्शन, एडीएम को ज्ञापन।
चरागाह भूमि में बना डाले खेल मैदान, विधुत ग्रिड, आश्रम, डामरीकरण सडके व पक्के निर्माण, प्रशासन मौन-ग्रामीणों का आरोप।
शाहपुरा। भीम-उनियारा एन एच 148 पर बने टोल प्लाजा कादीसहना की चारागाह भूमि में होने को लेकर गुरुवार को कादीसहना के ग्रामणों ने चरागाह भूमि को मुक्त करवाने को लेकर मेंडबन्दी करने लगे। इसकी सूचना पर प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार मय जाप्ते के मौक़े पर पहुंच चरागाह भूमि पर ग्रामीणों द्वारा की जारही भूमि पर मेंडबन्दी का कार्य रुकवा दिया।
इससे नाराज होकर ग्रामीण प्रदर्शन करते हुए कलक्ट्रेड पहुंच कर अतिरिक्त कलक्टर सुनील पुनिया को ज्ञापन देकर टोल प्लाजा को आंवटित की गई 10 बीघा कादिसहना चारागाह भूमि के बदले 10 बीघा बिलानाम भूमि से आवंटित करवाने की मांग की। साथ ही चरागाह भूमि के लगभग 50 बीघा क्षेत्र में बड़ी मात्रा में हो रहे अतिक्रमण को तत्काल प्रवाह से हटाने की मांग पर भी बल दिया।
वार्ड नं. 6 की सदस्या रामधनी आचार्य, वार्ड नं. 7 की सदस्या गीता देवी मीणा, वार्ड नं. 5 की माली, 8 के सदस्य सत्यनारायण शर्मा, वार्ड नं. 9 के सदस्य रामअवतार आचार्य सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि भू संरक्षण विभाग द्वारा वर्ष 1972-73 के करीब
कादिसहना की चरागाह भूमि की मेडबंदी करवाई गई। उस समय पेमाईस में गड़बड़ी करके बहुत आराजियों के बिकाव नामे कर कादिसहना की कई बीघा चरागाह भूमि को नासरदा ग्राम पंचायत आमली कला में दर्शा दिया। जबकि जमाबंदी में यह भूमि कादिसहना क्षेत्र में अंकित थी।
ग्रामीणों का आरोप था कि एनएच निर्माण के दौरान बने टोल प्लाजा को सरकार ने कादिसहना चरागाह की भूमि में से 10 बीघा भूमि अवाप्त करते हुए 10 बीघा बिलानाम भूमि ग्राम पंचायत कादिसहना को आवंटित की जाने का लिखित इकरार किया। जिसके बाद भी कादिसहना ग्राम पंचायत को आज तक भूमि आवंटित नही की गई। जिसे लेकर ग्रामीणों में सरकार, प्रशासन तथा टोल प्लाजा के खिलाफ रोष व्याप्त हो गया।
चरागाह भूमि पर इन्होंने किया अतिक्रमण: ज्ञापन में बताया कि चरागाह भूमि पर टोल प्लाजा सहित, कुछ प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कर एक अवैध गौशाला का निर्माण करवाया दिया। यही नही चरागाह में खेल मैदान तक बना डाला। एक व्यक्ति ने तो चरागाह में आश्रम बनाते हुए 10 बीघा भूमि पर ही कब्जा कर लिया। नासरदा ग्राम के एक दर्जन से अधिक लोगों ने कई बीघा भूमि पर पक्के निर्माण व बाड़े बना डाले। टोल से नासरदा गांव तक जाने वाला मार्ग चरागाह के बीच से निकालते हुए उस पर डामरीकरण करवा दिया। हद तो जब हो गई कि जब विधुत विभाग ने भी बिजली का ग्रिड इस चरागाह भूमि में अनाधिकृत रूप से निर्माण करवाया दिया। समय समय पर ग्राम पंचायत कादिसहना व ग्रामीणों ने प्रशासन को कई बार शिकायत कर चरागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त बनाने की मांग की लेकिन कोई सुनवाई नही हो पाई।
गुरूवार को ग्रामीणों का प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा और अपने चरागाह भूमि को बचाने के लिए मेंडबन्दी करने पहुंच गए। जहां मौक़े पर प्रशासन मय जाप्ते के पहुंच ग्रामीणों को रुकवा दिया।
ग्रामीण रामावतार आचार्य, ओम प्रकाश माली, कन्हैया लाल आचार्य, रतन लाल जाट, शंभू लाल आचार्य, धन्ना लाल माली, दुर्गा गुर्जर सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि 100 वर्षो से यानी रियासत काल से कादिसहना की गौचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त नही किया गया तथा टोल प्लाजा के निर्माण के दौरान पंचायत से हुए अनुबंध के दौरान 10 बीघा भूमि तत्काल गौचर भूमि के लिए आवंटित नही की गई तो ग्रामीण आंदोलन की राह इक्तिहार करेंगे।