आमजन के साथ वकील, व्यवसायी उतरे सड़कों पर।

आमजन के साथ वकील, व्यवसायी उतरे सड़कों पर।
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शाहपुरा जिला बचाओ आंदोलन….।
प्रदर्शन किया, निकाली रैली।
दुकानदारों ने कालीपट्टी बांध जताया विरोध।
उपवास पर बैठे आंदोलनकारी।
शाहपुरा, 7जनवरी।
शाहपुरा “जिला बचाओ आंदोलन” ने तेज रफ्तार पकड़ ली है। भाजपा सरकार द्वारा 28 दिसंबर को शाहपुरा जिले का दर्जा समाप्त करने के बाद नागरिकों ने सरकार और क्षेत्र के जनप्रतिनिधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को वकील, व्यवसायों के साथ आमनगरिक सड़कों पर उतर आए। सरकार विरोधी प्रदर्शन किया। आंदोलन में समाज के विभिन्न वर्गों की भागीदारी और विरोध के अनूठे तरीके चर्चा का विषय बने हुए हैं।
रैली और प्रदर्शन: अभिभाषक संस्था सह सचिव कमलेश मुंडेतिया ने बताया कि
आंदोलन के तहत शहर की सड़कों पर सैकड़ों संभ्रांत नागरिकों ने बालाजी छतरी से नगर के मुख्य मार्गों पर प्रदर्शन के साथ रैली निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया। रैली में नागरिकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखने को मिली। इस मौके पर समिति अध्यक्ष दुर्गा लाल राजोरा, उपाध्यक्ष गजेन्द्र प्रताप सिंह, सचिव विरेंद्र पत्रिया, सह सचिव कमलेश मुंडेतिया, तेज प्रकाश पाठक पुस्तकालय अध्यक्ष दीपक मीणा त्रिलोक चंद नौलखा, अनिल शर्मा, रामप्रसाद जाट, आशीष पालीवाल, नमन ओझा, गजेन्द्र प्रताप सिंह, कमलेश वीरेंद्र पत्रिया, संजय हाड़ा, राहुल पारीक, प्रियेश सिंह यदुवंशी, सोहेल खान, प्रलेख लेखक रमेश चंद्र जी मालू , स्टांप वेंडर संघ अध्यक्ष भगवान सिंह यादव, रवि उपाध्याय, पीसीसी सदस्य संदीप जीनगर, कांग्रेस नगर अध्यक्ष बालमुकुंद तोषनीवाल, अशोक भारद्वाज, रामेश्वरलाल सोलंकी, प्रभु सुगंधी, सुनील मिश्रा, ओम सिंधी, हाजी उस्मान मोहम्मद, राजेश अग्रवाल, मिंकु रवि दत्त पांडरिक सुरेश घूसर, पीएलवी सदस्य अभय गुर्जर, धनराज जीनगर, प्रियांश यादव, राकेश लोहार आदि उपस्थित थे।
काली पट्टी बांध जताया विरोध: सैकड़ों व्यापारियों ने अपने हाथों पर काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया। फुटपाथ, ठेले, कैबिन वालों सहित छोटे व्यवसायियों ने भी आंदोलन में हिस्सा लिया, जिससे विरोध को व्यापक समर्थन मिला।
उपवास पर बैठ जिला बचाने की मांग की:
वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ युवा नेता सतीश घुसर त्रिमूर्ति सर्किल पर एक दिन के उपवास बैठते हुए राज्य सरकार से जिले को यथावत बनाए रखने की मांग पर जोर दिया। उपवास पर बैठे घुसर के समर्थन में बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हुए और आंदोलन को मजबूती प्रदान की।
बतादें कि अभिभाषक संस्था के द्वारा जिले को बरकरार रखने के लिए किए गए आव्हान को लेकर शाहपुरा जिला बचाओ संघर्ष समिति का गठन कर जन जागरूकता आंदोलन की शुरुआत की जिसमें नागरिकों की बढ़ती भागीदारी यह स्पष्ट संकेत देती है कि यह मुद्दा स्थानीय जनता के लिए कितना महत्वपूर्ण है। आंदोलनकारियों ने शांतिपूर्ण और रचनात्मक तरीकों से अपनी आवाज़ बुलंद की है। अब देखना यह है कि सरकार इस जनाक्रोश का समाधान कैसे निकालती है।
जूस पिलाकर उपवास तुड़वाया: एक दिवसीय उपवास पर बैठे सतीश घुसर का देर सायं अभिभाषक संस्था अध्यक्ष दुर्गा लाल राजोरा और पूर्व अध्यक्ष रामप्रसाद जाट, रमेश सेन, सुरेश घुसर, पुष्पेंद्र घुसर, शांति प्रकाश घुसर, प्रहलाद तेली, गोविंद सेन, इरफान, रामेश्वर सोलंकी, श्याम गुजराती तथा जिला बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने घुसर को जूस पिलाकर उपवास तुड़वाया।

Dev Krishna Raj Parashar - Shahpura

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