तिलस्वा महादेव मंदिर ट्रस्ट के कार्यों की जांच की मांग: बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन

तिलस्वा महादेव मंदिर ट्रस्ट के कार्यों की जांच की मांग: बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन
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भीलवाडा : बिजौलिया के प्रमुख तीर्थ स्थल तिलस्वा महादेव मंदिर ट्रस्ट के कार्यों की जांच की मांग को लेकर आज सैकड़ों ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। नारेबाजी करते हुए ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें ट्रस्ट सचिव मांगीलाल को हटाने और ट्रस्ट के पिछले कार्यों की जांच कराने की मांग की गई।

प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर ट्रस्ट के खिलाफ नाराजगी और जांच की मांग वाले स्लोगन लिखे हुए थे। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 26 वर्षों से ट्रस्ट में एक ही कार्यकारिणी मनमाने ढंग से काम कर रही है, जिसमें पारदर्शिता का अभाव है।

ज्ञापन देने आए शिवलाल ने बताया कि तिलस्वा महादेव मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन ट्रस्ट की गतिविधियों में पारदर्शिता नहीं है। उन्होंने मांग की कि ट्रस्ट में हर समाज से दो-दो योग्य व्यक्तियों को जोड़ा जाए और कार्यकारिणी के सभी निर्णयों की जानकारी आम जनता को दी जाए।

ग्रामीणों ने ट्रस्ट के विगत 15 साल के आय-व्यय का लेखा-जोखा सार्वजनिक करने की मांग की है। उन्होंने यह भी पूछा कि भगवान के खाते में कितनी जमीन है और वह किसके नाम पर है। इसके अलावा, सोना, चांदी, नकदी और चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा सार्वजनिक करने की मांग की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि बिना सहमति के कोई संपत्ति का उपभोग कर रहा है, तो उसके खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज कराया जाए।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि मंदिर में अब तक हुए सभी निर्माण कार्यों के लिए नियमों के अनुसार टेंडर नहीं निकाले गए हैं और बिना टेंडर के ही पैसा खर्च हो रहा है। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की और कहा कि यदि किसी की मनमर्जी से बिना बैठक के पैसे खर्च किए गए हैं, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

ग्रामीणों ने यह भी मांग की कि ट्रस्ट में एक प्रशासनिक अधिकारी की निगरानी में आय-व्यय का हिसाब किया जाए और ट्रस्ट में विभिन्न जातियों जैसे मीणा, भील, रेगर, ओड, बंजारा, गुर्जर आदि को शामिल कर सभी को समानता का अधिकार दिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि मार्च 2024 में एसडीएम को ज्ञापन देने के बाद ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की गई थी।

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