वाटरशेड के अधिक से अधिक कार्यों में राजीविका एवं मनरेगा से कन्वर्जेंस जरूरी -एसीएस, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज – विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश -स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण में पुलिस थानों में महिला शौचालयों की सुनिश्चिता के लिए होगा सर्वे
वाटरशेड के अधिक से अधिक कार्यों में
राजीविका एवं मनरेगा से कन्वर्जेंस जरूरी
-एसीएस, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज
– विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
-स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण में पुलिस थानों में महिला शौचालयों की सुनिश्चिता के लिए होगा सर्वे
आवाज राजस्थान की
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जयपुर, । ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव
श्री अभय कुमार ने मंगलवार को पंत कृषि भवन के सभागार में जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण (वाटरशेड) एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत प्रदेश में संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (जलग्रहण घटक) एवं राजीव गांधी जल संचय योजना की प्रगति की विस्तृत समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि योजनाओं को निर्धारित टाइमलाइन के अनुसार संचालित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग द्वारा लाइन विभाग के रूप में मनरेगा योजना के अन्तर्गत प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन (एनआरएम) के कार्य अधिक से अधिक संख्या में लेकर सम्पादित किए जाएं। उन्होंने निर्देशित किया कि वाटरशेड कार्याें में राजीविका एवं मनरेगा योजनाओं से अधिक से अधिक समन्वय एवं अभिसरण किया जाए। साथ ही वाटरशेड के माध्यम से नरेगा में चरागाह विकास का आदर्श मॉडल तैयार किया जाए।
पंचायती राज विभाग के सचिव श्री नवीन जैन ने वाटरशेड योजनाओं के इम्पेक्ट असेसमेंट, जीआईएस के माध्यम से प्रदेश में किए गए वाटरशेड कार्यों के डेटा संग्रहण, प्रोसेसिंग और मैपिंग से सम्बन्धित ‘‘इंटीग्रेटेड जीआई बेस्ड रीयल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम’’ की जानकारी एसीएस को दी।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की समीक्षा करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्र में बने पुलिस थानों में टॉयलेट की सुविधा सुनिश्चित की जाए। पंचायत सचिव श्री जैन ने इसके लिए अधिकारियो को सर्वे करने के निर्देश दिए। श्री जैन ने एसीएस को 11 सूत्री प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गांवों को ओडीएफ प्लस श्रेणी में लाने और मॉडल गांव के निर्माण का मॉडल प्रस्तुत किया।
एसीएस ने सॉलिड एवं लिक्विड मेनेजमेंट का फायदा गांव में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों तक पहुंचाने के लिए आइईसी के माध्यम से उन्हें जागरूक करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि योजना की सफलता तभी है जब ग्रामीण जन द्वारा स्वयं इसकी मांग की जाए। इसके लिए आइईसी के माध्यम से उनका व्यवहार परिवर्तन आवश्यक है। पंचायती राज सचिव श्री जैन ने एसीएस को दो दर्जन से अधिक पर्यटन एवं धार्मिक महत्व के स्थलों को गंदगी मुक्त बनाने से सम्बन्धित ‘‘लाइटहाउस प्रोजेक्ट’’, गोबरगैस निर्माण सम्बन्धी प्रोजेक्ट ‘‘गोबरधन’’, स्वामित्व योजना सहित अन्य कई विभागीय योजनाओं की जानकारी दी।
वाटरशेड की समीक्षा बैठक में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के निदेशक श्री प्रताप सिंह, राज्य समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) श्री पवन एवं अन्य अधिकारी एवं वाटरशेड की बैठक में अतिरिक्त निदेशक श्री बलबीर सिंह, संयुक्त सचिव पीएमकेएसवाई श्री धर्मपाल, मनरेगा श्री राजेन्द्र एवं संयुक्त सचिव जीआईएस श्रीमती सुशीला यादव सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।
विजय कुमार पाराशर
आवाज राजस्थान की
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