कांग्रेस में आदिवासियों को नहीं मिला सम्मान…विधायक का हुआ मोह भंग, महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने थामा बीजेपी का दामन
Rajasthan News : राजस्थान में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। चार बार के विधायक और अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। मालवीय ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने बीजेपी में शामिल होने के बाद बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से मुझे एक दिन पहले दिल्ली ले जाया गया था, जहां उन्होंने अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत विद्यार्थी परिषद से की थी और बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया।
मालवीय ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में न जाकर सनातन धर्म के साथ-साथ सनातन को मानने वालों का दिल तोड़ दिया, जिससे उनका कांग्रेस से विश्वास उठ गया। इसके अलावा, उन्हें आदिवासियों के सम्मान में कांग्रेस की व्यवस्था पर भी संदेह था।
मालवीय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानगढ़ धाम पहुंचकर आदिवासियों को सम्मान दिया है, जिससे उन्हें उम्मीद है कि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ प्रधानमंत्री ही देश में विकास की गंगा बहा रहे हैं और आदिवासी और पिछड़ों का भला कर सकते हैं।
मालवीय को कांग्रेस से करीब 35 साल से अधिक समय से जुड़ा था, लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करने के बाद उनका मन कांग्रेस से मोह भंग कर बीजेपी में शामिल होने की ओर ले आया।
आदिवासी बेल्ट का बड़ा चेहरा हैं मालवीय, जिन्हें कांग्रेस का बड़ा आदिवासी चेहरा माना जाता है। उनके पास लंबा राजनीतिक अनुभव है और आदिवासी बेल्ट में वह सरपंच से लेकर, प्रधान, विधायक और सांसद का चुनाव लड़े हैं। उन्होंने कहा कि जब अंग्रेजों द्वारा साल 1913 में मानगढ़ धाम पर गोलियां चलाई गई थी, तब से आज तक मानगढ़ धाम के लोग सिर्फ इंतजार कर रहे थे कि कुछ होगा। परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के साथ उन्होंने आशा जगाई है कि अब मानगढ़ धाम का पूरे देश में नाम होगा और मानगढ़ धाम पर दी हुई कुर्बानियां अब व्यर्थ नहीं जाएगी।