भारत सरकार गायों में फैल रही लम्पी बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर मुआवजा जारी करे ” “भारत सरकार दूध एवं दुग्ध उत्पादो पर जी.एस.टी 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत करे ” आवाज राजस्थान की ————— विश्व डेयरी सम्मेलन, नोएडा में अजमेर के पशुपालको ने बढ़चढकर भाग लिया एवं विभिन्न मंत्रियों के समक्ष उपरोक्त समस्याऐं रखी। गत दिनो नोएडा में आयोजित 11 से 15 सितम्बर, 2022 तक विश्व डेयरी सम्मेलन में अजमेर के पशुपालको का 25 सदस्यीय दल ने रामचन्द्र चौधरी के नेतृत्व में भाग लिया प्रथम दिवस अंतराष्ट्रीय दुग्ध उत्पादक गोल मेज सम्मेलन में अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी को अवसर दिया।
“भारत सरकार गायों में फैल रही लम्पी बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर मुआवजा जारी करे ”
“भारत सरकार दूध एवं दुग्ध उत्पादो पर जी.एस.टी 12 प्रतिशत से 5
प्रतिशत करे ”
आवाज राजस्थान की
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विश्व डेयरी सम्मेलन, नोएडा में अजमेर के पशुपालको ने बढ़चढकर भाग लिया एवं विभिन्न मंत्रियों के समक्ष उपरोक्त समस्याऐं रखी। गत दिनो नोएडा में आयोजित 11 से 15 सितम्बर, 2022 तक विश्व डेयरी सम्मेलन में अजमेर के पशुपालको का 25 सदस्यीय दल ने रामचन्द्र चौधरी के नेतृत्व में भाग लिया प्रथम दिवस अंतराष्ट्रीय दुग्ध उत्पादक गोल मेज सम्मेलन में अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी को अवसर दिया। इस अवसर पर चौधरी ने विश्व के दुग्ध उत्पादको के समक्ष आने वाली समस्याओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया की भविष्य में पशुपालको के सामने नस्ल सुधार कार्यक्रम पशु आहार की कमी एवं बढ़ते हुऐ भाव विकराल रूप धारण करेंगे। क्योंकि पशु आहार में उपयोग आने वाली मक्का, जौ, ज्वार आदि के भाव ऊंचाई पर कायम है एवं भविष्य में कम होने के आसार नहीं है। इसी प्रकार चारे की समस्या ने भी विकट रूप ले रखा है इसके भाव 1500 /- रूपये प्रति क्विंटल से 2000/- रूपये प्रति क्विंटल हो रखे है। इसके कारण पशुपालको को विगत 6 माह तक चारे की मंहगाई के संकट का सामना करना पड़ा तथा इस वर्ष भी भारत में अतिवृष्टि से चारे की फसले बर्बाद हो गई। है। इससे चारे का संकट भविष्य में जारी रहेगा।
चौधरी में इस अवसर पर यह भी अवगत करवाया की भारत में गायों में फैल रही लम्पी बीमारी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक यह बीमारी पांव पसार चुकी है। क्योंकि भारत सरकार गाय ने सम्बन्धित टीका समय पर विकसित नहीं किया है अब तक जो टीका विकसित किया है वह आगामी 3-4 माह तक ट्रायल पर चलेगा तब तक पशुपालक देशी आर्युवेदिक इलाज से इस बीमारी पर काबू पा लेंगे। फिर भी भारत सरकार से अनुरोध है की देश के पशुधन को मध्यनजर रखते हुऐ गायो के टीके करोड़ो की तादाद में विकसित करके इसका भण्डारण करे।
वर्तमान में प्रचलित गोट पाक्स टीके अधिक प्रभावशाली नहीं है इससे देश में अब तक 2 लाख से ज्यादा गायो ने दम तोड़ दिया है तथा 45 लाख गाये संक्रमित हुई है। अतः भारत सरकार इस बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे एवं मृत गायो का पशुपालको को मुआवजा दिया जाऐ साथ ही भारत सरकार के माध्यम से
पशुपालको को नऐ पशु खरीदने हेतु बैंको के माध्यम से पशु पालक क्रेडिट कार्ड ऋण उपलब्ध करवाया जाऐं एवं भविष्य में भारत सरकार अपनी घोषणा अनुसार समस्त पशुओं का बीमा करवाएं जिससे भविष्य में होने वाली मोतो का मुआवजा मिल सके l
इसी प्रकार भारत सरकार से अनुरोध है की अपनी FMD मुक्त घोषणा को सही अमलीजामा पहनाने हेतु देश के समस्त पशुओ का FMD टीकाकरण करवाया जाये। इस महामारी से ग्रस्त पशुपालको एवं डेयरी उद्योग जगत को राहत प्रदान करने के लिए भारत सरकार जी.एस.टी की दर 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत करने की भी अनुकम्पा करे। प्रधानमंत्री ने पशुपालकों की आय दुगनी करने का वादा भी पूरा करे ।
इस अवसर पर पशुपालको ने डेयरी व्यवसाय को कृषि क्षेत्र में अथवा उधोग क्षेत्र में समावेश करे जिसमें पशुपालको को दूध का सर्मथन मूल्य एवं संकट के समय मुआवजा मिल सके।
पशुपालको ने पांच दिवसीय सम्मेलन के दौरान यह समस्या रखी की आने वाले समय में युवा पशुपालन से मुंह मोड़ रहे है क्योंकि पशुपालन व्यवसाय अधिक महंगा एवं खर्चीला हो गया है। साथ ही नऐ युवक विश्व भर में डेयरी व्यवसाय से नहीं जुड़ रहे है, क्योंकि उनको अन्य व्यवसाय अथवा नौकरियों में जाने पर अच्छे पैकेज उपलब्ध हो रहे है। विश्व सम्मेलन में यह भी विचार रखा गया की रूस एवं यूक्रेन के युद्ध से भी यूरोपीय क्षेत्र में इस व्यवसाय पर संकट उत्पन्न हो रहा है। विश्व डेयरी सम्मेलन में यह आमराय बनी है की वर्तमान जनसंख्या के अनुपात में दूध के उत्पादन में वृद्धि नहीं होने के कारण दूध के भावों में वर्तमान वृद्धि बनी रहेगी।
इस अवसर पर उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व के पशुपालकों को अवगत कराया की केवल दूध उत्पादन से ही यह व्यवसाय लाभदायक नहीं होगा इसलिए आने वाले समय में हमे गाय के गोबर एवं मूत्र का भी व्यावसायिक स्तर पर उपयोग करना होगा।
इससे वर्मी कम्पोस्ट के अतिरिक्त बायो गैस बन सकेगी। जो की दुनिया में जैविक खेती एवं ईधन की समस्या का भी समाधान कर सकेगी। इस हेतु भारत सरकार ने गोबरवर्धन बोर्ड का गठन किया है।
मोदी जी ने कहा आज भारत दुनिया में दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है इसमें किसानों, सहकारिता एवं महिलाओं का विशेष योगदान है। मैं अमूल, नंदनी, मदर डेयरी, आदि प्रमुख डेयरी उद्योगो का धन्यवाद देता हूँ की इनके अथवा प्रयासो से भारत दुनिया का प्रथम दुग्ध उत्पादक देश बना है। भविष्य में अन्य डेयरिया भी देश में प्रगति करेगी।
दूसरे दिन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमीत शाह ने अपने सम्बोधन में बताया की भारत वर्ष के लगभग 8 करोड़ पशुपालक विश्व के दूध उत्पादन में 23 प्रतिशत योगदान दे रहे है। हमारे प्रधानमंत्री दुग्ध व्यवसाय की प्रगति में धन की कमी नहीं आने देंगे।
सम्मेलन के दौरान भारत सरकार के पशुपालन मंत्री पुरूषौतम रूपाला ने अपने सम्बोधन में बताया की भारत सरकार ने पशुधन विकास के लिए 15,000 करोड़ रूपये का तीन वर्ष पूर्व ही बजट जारी किया है जिसमें FMD मुक्त भारत, Sex Sorted Semen प्रक्रिया, पशुओं का बीमा, पशुओं के स्वास्थ्य के लिये देश में 5,000 मोबाईल यूनिट का गठन करना एवं पशुधन कार्ड से नये पशु खरीदने हेतु फण्ड उपलब्ध हो सकेगा।
कार्यक्रम के चौथे दिन पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री संजीव बालियान ने बताया कि भारत में विगत वर्षों में 6 प्रतिशत की दर से दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में वृद्धि हुई है जो कि विश्व किर्तिमान है विगत वर्षों में कोराना महामारी के बावजूद दुग्ध उत्पादन की वृद्धि लगातार जारी रही ।
सम्मेलन में यूपी के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश भारत में दुग्ध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। इस हेतु 9 अत्यआधुनिक तकनीके डेयरी ग्रीन फील्ड संयंत्र का निर्माण कर रहे है। जिससे पशुपालन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी प्रदेश बना रहे।
सम्मेलन के समापन समारोह में पीयूष गोयल (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री) ने अपने व्याख्यान में बताया कि भारत वर्ष दुनिया में दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर हैं इसका मुख्य कारण हमारे सीमान्त लघु कृषक, भूमिहीन एवं मजदूर पशुपालको का विशेष योगदान रहा है। क्योंकि इनकी संख्या 8-10 करोड़ है, इनका कुल दुग्ध उत्पादन सर्वाधिक है। हाँ, यह बात सही है कि विश्व के अन्य देशो में पशुपालक बड़े स्तर के है। 200/500/1000 गायें एक किसान के पास होती है एवं वहां की सरकारे चारागाह भी प्रति पशु 1 बीघा आंवटित करती है। उनकी संख्या भारत वर्ष के उपरोक्त किसानो की तुलना में 10-20 प्रतिशत ही है। अतः मैं देश के सीमान्त किसानो को धन्यवाद देता हूँ की उनके योगदान से भारत आज प्रथम स्थान पर बना हुआ है।
इस अवसर पर उन्होंने अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी को सीमान्त किसान होने के नाते शॉल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उपरोक्त सम्मेलन में अजमेर डेयरी के प्रतिनिधि मण्डल ने गृह एवं
सहकारिता मंत्री अमित शाह, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री संजीव बालियान, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल आदि प्रमुख मंत्रीयों से मिलकर ज्ञापन देते हुये मांग रखी की लम्पी बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जावे एवं पशुपालको को मृत पशुओं का मुआवजा दिया जावे। साथ ही भारत सरकार द्वारा घोषित 12 प्रतिशत जी.एस.टी को पुनः 5 प्रतिशत कि जाये जिससे पशुपालको को अपने व्यवसाय में राहत मिल सके।
इस सम्मेलन के सफल आयोजन हेतु CMD NDDB मिनेश शाह डेयरी सेकेट्री जितेन्द्र सिंह, डेयरी मंत्री रूपाला डेयरी राज्य मंत्री संजीव बालियान. MD अमूल रूपेन्द्र सोढी जी MD नंदनी डेयरी कर्नाटक का सम्मेलन में उपस्थित पशुपालको ने करतल ध्वनि से आभार व्यक्त किया।
अगले वर्ष यह अधिवेशन शिकागो, अमेरिका में आयोजित करने का निर्णय लिया गया इस अवसर पर उपस्थित IDF के अध्यक्ष Mr. Piercristiano Brazzale एवं Director General Ms. Caroline Emond ने विश्व के दुग्ध उत्पादको को अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित किया।
विश्व डेयरी सम्मेलन में अजमेर डेयरी के प्रतिनिधि दल में अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी एवं संचालक मण्डल सदस्यगण शश दिनेश सिंह राठौड, रामपाल गुर्जर, मोतीलाल गुर्जर, राजेन्द्र कुमार चौधरी, भागचन्द घासल, रूपचन्द नुवाद, लादूराम शर्मा, हरीराम धायल व स्पर्श बोर्ड सदस्य श्री शान्तिलाल ढेल, रामधन जाट, शिवराज चौधरी, चेनाराम चौधरी, गीता चौधरी, शाबुदीन काठात व प्रगतिशील दुग्ध उत्पादक सदस्य घीसी जाट, शारदा गुर्जर, लादी देवी, इन्द्रा जाट चिन्ता चौधरी, कमला जाट, लक्ष्मण जाट, ममता कुमारी जाट, लाड कुमारी एवं उपप्रबन्धक एवं कोर्डिनेटर लादूराम चौधरी सम्मलित हुये।
विजय कुमार पाराशर
आवाज राजस्थान की
9414302519