सरसों व चना की फसल की बुवाई पुर्व बीजोपचार एवं अंकुरण के बाद करें फसल संरक्षण उपाय*
*सरसों व चना की फसल की बुवाई पुर्व बीजोपचार एवं अंकुरण के बाद करें फसल संरक्षण उपाय*
अजमेर 27 अक्टूबर। रबी की सरसों एवं चने की फसल बोने से पूर्व बीजोपचार तथा अंकुरण के पश्चात फसल संरक्षण के उपाय करने चाहिए।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक श्री शंकर लाल मीणा ने बताया कि वर्तमान में अजमेर जिले में भूमि में उपलब्ध नमी का सदुपयोग करते हुये किसानों द्वारा चना एवं सरसों की बुवाई की जा रही है। वर्तमान मंे अजमेर जिले मे सरसों की लगभग 74999 हैक्टर है तथा चने की 112414 हैक्टर में बुवाई हो चुकी है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे बुवाई से पूर्व सरसों एवं चना के बीजोपचार अवश्य करें। सरसांे के 4 से 5 किलो बीज प्रति हैक्टर का में लेते है। इसके उपचार के लिए 2.5 ग्राम मेन्कोजेब प्रतिकिलो बीज की दर से उपचारित कर बोने की सलाह दी गई है। इसके बाद सरसों के बीज को राइजोबियम 3 पैकिट प्रति बोटल एवं पीएसबी 3 पैकिट प्रति बोटल की दर से उपचारित करें।
उन्होंने बताया कि दीमक और अन्य कीडांे की रोकथाम के लिए बुवाई से पूर्व अन्तिम जुताई के समय क्यूनालफाॅस 1.5 प्रतिशतपूर्ण 25 किलोप्रति हैक्टर खेत में डालकर जुताई कर देवे। साथ ही किसान अपने खेत की नमी को ध्यान में रखकर जुताई के बाद पाटा अवश्य लगावें।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार खेत में नमी की उपलब्धता के अनुसार या सिंचाई की व्यवस्थानुसार चने की बुवाई सामान्यतया 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर अवश्य पूर्ण कर लें। चने में भी किसान राईजोबियम 3 पैकिट प्रति बोटल एवं पीएसबी 3 पैकिट प्रति बोटल तथा फंफूदनाशकल्चर और ट्राईकोडर्मा 10 प्रतिकिलो से बीजोपचार अवश्य करंे। खेत में जिंक की कमी होने पर जिंक सल्फेट 21 के अनुपात में 25 किलो प्रति हैक्टर बुवाई पूर्व अवश्य काम लेवें। बुवाई से पहले हानिकारक कीटांे की रोकथाम के लिए 25 किलो क्यूनालफाॅस 1.5 प्रतिशत चूर्ण भलीभांती मिट्टी में मिला देवें।