मतदान के अंतिम 72 घण्टे महत्वपूर्ण सख्ती से हो आचार संहिता की पालना विधानसभा चुनाव के लिए नियुक्त पर्यवेक्षकों ने ली बैठक रिटर्निग अधिकारी, नोडल अधिकारी और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से की चर्चा
मतदान के अंतिम 72 घण्टे महत्वपूर्ण
सख्ती से हो आचार संहिता की पालना
विधानसभा चुनाव के लिए नियुक्त पर्यवेक्षकों ने ली बैठक
रिटर्निग अधिकारी, नोडल अधिकारी और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से की चर्चा
अजमेर 19 नवम्बर। विधानसभा चुनाव के नियुक्त सामान्य, व्यय एवं पुलिस पर्यवेक्षकों ने निर्देश दिए है कि मतदान के अंतिम 72 घण्टों में आदर्श आचार संहिता की सख्ती से पालना सुनिश्चितकी जाए। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में चुनाव कराएं जाएं। नियमों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विधानसभा चुनाव के लिए नियुक्त पर्यवेक्षकों ने दो बैठकों में आठों विधानसभा क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारियों, विभिन्न प्रकोष्ठों के नोडल अधिकारियों एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। उन्होंने मतदान के अंतिम 72 घंटों की एस.ओ.पी. को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए। विधानसभा चुनाव सामान्य पर्यवेक्षक डॉ. आर. नन्था गोपाल, मौसमी चट्टाराज चौधरी, श्रेया पी. सिंह, पुलिस पर्यवेक्षक श्री उमेश कुमार एवं श्री सुरेश कुमार एवं व्यय पर्यवेक्षक श्री दरसी सुमन रत्नम, श्री सुनील कुमार यादव ने एस.ओ.पी. पर दिशा निर्देश दिए। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. भारती दीक्षित ने आठों विधानसभा क्षेत्रों में की गई व्यवस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक श्री चूनाराम जाट ने पुलिस से संबंधित व्यवस्थाओं के बारे में बताया ।
जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. भारती दीक्षित एवं समस्त नोडल अधिकारियों ने पर्यवेक्षकगणों को मतदान के 72 घंटे, 48 घंटे, पूर्व और मतदान दिवस के लिये आयोग द्वारा निर्धारित एसओपी के अनुसार हो रही कार्यवाही से अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि सभी रिटर्निग अधिकारी सहित चुनाव से जुड़े अन्य अधिकारी पूरी तरह मुस्तैद एवं सतर्क होकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करें। इससे जिले में सुचारू रूप से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से मतदान सम्पन्न हो सकेगा। पर्यवेक्षकों ने निर्देशित किया कि जिन परिसरों में अधिक संख्या में मतदान केन्द्र स्थापित हैं वहाँ सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम रहें। साथ ही मोबाइल पुलिस वाहन भी तैनात करें। मतदाता सूचना पर्ची के शतप्रतिशत वितरण पर भी जोर दिया गया।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में संचालित कम्युनिटी हॉल, मांगलिक भवन, मैरिज गार्डन, धर्मशाला आदि स्थलों पर 23 से 25 नवम्बर की मतदान समाप्ति तक आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी तत्काल प्राप्त कर प्रेषित करें। सभी आयोजनों पर कानून एवं शांति व्यवस्था तथा निर्वाचन आदर्श आचार संहिता के तहत सतत निगरानी रखी जाए। बाहरी लोगों को इन परिसरों में नहीं ठहराएं। लॉज और अतिथि गृहों में रहने वालों की सूची पर भी नजर रखी जाकर उनका सत्यापन किया जाए।
निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं में स्थापित जांच चौकियों और निर्वाचन क्षेत्र से बाहर के वाहनों की आवाजाही पर सतत् नजर रखी जाए। उड़न दस्ता और स्थाई निगरानी दल द्वारा सतत् निगरानी की जाए। व्यक्ति तथा व्यक्तियो के समूह की निर्वाचक होने के संबंध में पहचान का सत्यापन करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई अवांछित तत्व राजनैतिक लाभ हासिल करने के लिये मतदाताओं को अनावश्यक रूप से प्रेरित करने और प्रभावित करने के लिये नगद, उपहार, शराब आदि का अवैध वितरण आदि में संलग्न नहीं हो। निर्वाचन क्षेत्र में बाहर से लाये गये राजनैतिक पार्टी, जुलूस, अभियान कार्यकर्ताओं की पहचान करके उन्हें तुरंत इस अवधि से पूर्व क्षेत्र से बाहर किया जाए। शराब के भण्डारण, अवैध शराब बनाने वाले पर सतत् निगरानी रखी जाये और विशेष अभियान प्रारंभ कर अवैध शराब भण्डारण, निर्माण, विक्रय करने वालों के विरुद्ध आबकारी एक्ट के तहत कार्यवाही की जाए। 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी ध्वनि विस्तारक के उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस अवधि में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में किसी भी राजनैतिक दल, अभ्यर्थी द्वारा आदर्श आचार संहिता तथा दण्ड संहिता की धारा-144 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन न हो।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी एसओपी पर चर्चा
पर्यवेक्षकों ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों तथा स्वतंत्र उम्मीदवारों से आग्रह किया है कि आयोग के दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करे। इससे त्रुटिरहित एवं दबावरहित निर्वाचन सुनिश्चित हो सकेगा। विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मतदान के 72, 48 घंटे पूर्व एवं मतदान दिवस पर लागू होने वाले दिशा-निर्देशों की अनुपालना के संबंध में बैठक ली गई। मतदान से 48 घंटे पूर्व लाउड स्पीकर के माध्यम से सभी प्रकार का प्रचार प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। इस समयावधि के बाद संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में केवल वही व्यक्ति ठहर सकते हैं, जो क्षेत्र के मतदाता हैं। इस दौरान विभिन्न सामुदायिक केंद्रों, विश्राम गृहों आदि पर भी पूरी नजर रखी जाएगी। मतदान के लिए रवाना होने से पूर्व ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनके निर्धारित मतदान केंद्र की जानकारी दी जाएगी।
बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, समस्त रिटर्निंग अधिकारी, निर्वाचन के लिए समस्त नोडल अधिकारी, निर्वाचन विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी मौजूद रहे।