मध्य प्रदेश और राजस्थान में ईआरसीपी पर सहमति, शाम तक दिल्ली में एमओयू !
मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री मोहन यादव और भजनलाल शर्मा ने रविवार को जयपुर में शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों ने लोकसभा चुनाव सहित ईआरसीपी के मुद्दे पर चर्चा की। चौंकाने वाली बात ये रही कि इस चर्चा के दौरान वर्षों पुराने जल बंटवारे वाले मुद्दे पर सहमति बन गई। दोनों ही मुख्यमंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की इस बात की जानकारी दी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ने के सपने को अब धरातल पर उतारा जाएगा। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार थी, उसने इस पर राजनीति की। राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने ईआरसीपी पर राजनीति के अलावा कुछ नहीं किया। लेकिन, राजस्थान में अब बीजेपी सरकार बनने के बाद से लगातार ईआरसीपी को लेकर एमपी के सीएम से चर्चा चल रही थी। मैंने सीएम मोहन यादव से निवेदन किया कि ईआरसीपी राजस्थान और मध्यप्रदेश के लिए अहम योजना है। ईआरसीपी से 13 जिले को पीने का पानी मिलेगा और 13 लाख 80 हजार हैक्टेयर भूमि की सिंचाई भी होगी। अभी कुछ प्रमुख बातें हैं, जिनका आज शाम तक समाधान निकल जाएगा।
मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा कि मुझे खुशी है कि वर्षों से उलझा हुआ मुद्दा आज सुलझने की कगार पर है। अटल जी के समय नदी जोड़ो कार्यक्रम को कांग्रेस सरकार ने डंप कर दिया था, लेकिन अब इस योजना का लाभ एमपी के भिंड, मुरैना, ग्वालियर सहित कई जिलों को मिलेगा। यह योजना पेयजल के अलावा सिंचाई और औद्योगिक पूर्ति भी करेगी। इसके लिए मध्यप्रदेश में 7 डैम बनेंगे। साथ ही इस प्रोजेक्ट से राजस्थान और मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर पर्यटन की संभावना बनेगी।
माना जा रहा है कि आज शाम तक दिल्ली में दोनों राज्यों के बीच ईआरसीपी पर एमओयू हो सकता है। इस एमओयू के बाद दोनों राज्यों में ईआरसीपी परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा। यह परियोजना राजस्थान के 13 जिलों को पीने का पानी और 13 लाख 80 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई प्रदान करेगी। इसके अलावा, इस परियोजना से दोनों राज्यों में बड़े पैमाने पर पर्यटन की संभावना भी बढ़ेगी।