विश्व गौरैया दिवस: बीजेपी पार्षद की नई पहल, 1000 से ज्यादा गौरैया के लिए घर वितरित
अजमेर, राजस्थान:
विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर बीजेपी पार्षद प्रतिभा पाराशर ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 10 स्कूलों के बच्चों को गौरैया के लिए 1000 से अधिक घर वितरित किए। इस मुहीम के तहत, उन्होंने बच्चों को गौरैया की महत्वपूर्णता और इसके संरक्षण के लिए जागरूक किया।
पाराशर ने गौरैया के संरक्षण में नई पीढ़ी को शामिल करने की यह पहल किया है जिसमें स्कूली बच्चों को शामिल किया गया है। उन्होंने रैली आयोजित की और बच्चों को गौरैया के महत्व को समझाने के साथ-साथ, उनके संरक्षण के लिए आग्रह किया।
पहल का उद्देश्य
पार्षद प्रतिभा पाराशर का मानना है कि नई पीढ़ी को गौरैया के बारे में जानकारी देना और उनके संरक्षण के लिए प्रेरित करना आवश्यक है। वे कहती हैं कि प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए हर प्राणी का विशेष महत्व है,
छोटी पहल से ही बड़े कार्य होते हैं
पार्षद प्रतिभा पाराशर ने कहा कि करीब एक हजार गौरैया के लिए घर बांटे जा रहे हैं। शहर और गांवों में लोगों को इस तरह के प्रयास करने चाहिए ताकि प्रकृति का संतुलन बनाने में गौरैया अपनी भूमिका निभाती रहें।पाराशर ने इस अभियान को एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा, “नई पीढ़ी को गौरैया के बारे में जागरूक करना और इनके संरक्षण के लिए प्रेरित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने गौरैया के संरक्षण के लिए समुदाय को जोड़ने की भी बात की और उनके संरक्षण में सहयोग की अपील की।
इस अभियान के माध्यम से, नहीं सिर्फ गौरैया के संरक्षण में जागरूकता बढ़ाई जा रही है, बल्कि बच्चों में भी प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता का विकास हो रहा है। इसके अलावा, स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर गौरैया के संरक्षण में भागीदारी बढ़ाई जा रही है।
गौरैया की महत्वपूर्ण भूमिका
पार्षद प्रतिभा पाराशर का मानना है कि नई पीढ़ी को गौरैया के बारे में जानकारी देना और उनके संरक्षण के लिए प्रेरित करना आवश्यक है। प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए हर प्राणी का विशेष महत्व होता है, और इसमें छोटी सी चिड़िया गौरैया भी शामिल है।
इस अभियान से हम सब यह सिखने को मिलता है कि छोटी सी पहल से ही बड़े परिवर्तन हो सकते हैं। गौरैया के संरक्षण में हम सभी की जिम्मेदारी है, और इसके लिए हमें एकसाथ मिलकर काम करना होगा
छोटी पहल से ही बड़े कार्य होते है सिद्ध: पार्षद प्रतिभा पाराशर ने कहा कि करीब एक हजार गौरैया के लिए घर बांटे जा रहे हैं. शहर और गांवों में लोगों को इस तरह के प्रयास करने चाहिए ताकि प्रकृति का संतुलन बनाने में गौरैया अपनी भूमिका निभाती रहें और हमारी नई पीढ़ी भी गौरैया को देखे और उसकी आवाज सुनती रहे. प्रतिभा ने अपने पति समाज सेवी अरविंद पाराशर और क्षेत्र की महिलाओं के साथ मिलकर गौरैया को बचाने के लिए मुहिम शुरू की है.गौरैया के बारे में जानकर और प्रकृति में उनकी उपयोगिता के बारे में जानकर बच्चों में भी नन्ही सी चिड़िया के बारे में लगाव नजर आया. स्कूली छात्रा भावना बताती हैं कि गौरैया किसानों की मित्र है. कीट-पतंगों की संख्या को नियंत्रित करती है. इससे गौरैया का पेट भी भर जाता है और कीट से किसानों की फसलों को नुकसान भी नही पंहुचता. ऐसे में गौरैया का संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेदारी है.