वनस्पति बीज बैंक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन— मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग के नवीन भवन का किया लोकार्पण

वनस्पति बीज बैंक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन— मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग के नवीन भवन का किया लोकार्पण
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वनस्पति बीज बैंक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन— मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग के नवीन भवन का किया लोकार्पण

आवाज राजस्थान की
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जयपुर, । राज्य के 150 पंचायत क्षेत्रों में वनस्पति बीज बैंकों की स्थापना की जाएगी, जिसके माध्यम से स्थानीय वनस्पति एवं घास की प्रजातियों का संरक्षण, संग्रहण और संवर्धन किया जाएगा। इससे राज्य के चारागाह समृद्ध होंगे और पशुधन पोषण को बल मिलेगा। शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने मंगलवार को कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा में विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर आयोजित वनस्पति बीज बैंक राज्य स्तरीय कार्यशाला में यह जानकारी दी।

दिलावर ने कहा कि राज्य सरकार सतत कृषि, पर्यावरण संतुलन तथा पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक कृषि प्रणाली से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। दिलावर ने प्रकृति अनुकूल जीवनशैली अपनाने तथा जल, जंगल और जमीन के संरक्षण में सहभागी बनने का आह्वान किया।

उन्होंने पृथ्वी के समक्ष उत्पन्न संकट की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि हमनें इसकी मिट्टी, जल और वायु को प्रदूषित कर दिया है। नदियाँ, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी सब धरती के श्रृंगार हैं। यदि हम इन्हें बचाएंगे, तभी धरती का सौंदर्य और संतुलन बना रहेगा। उन्होंने गाय के दूध की महत्ता को रोचक उदाहरणों के माध्यम से समझाते हुए गौ संरक्षण और पालन पर भी बल दिया।

उन्होंने पानी की कमी को दूर करने के लिए तालाब, कुण्ड अतिक्रमण से मुक्त रखने और जीर्णोद्धार करने तथा ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करने पर जोर दिया। उन्होंने पाॅलिथीन उपयोग न करने की भी अपील की।

मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग के नवीनीकृत भवन का किया लोकार्पण—
मदन दिलावर ने राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा स्थित मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग के नवीनीकृत भवन का लोकार्पण भी किया।

प्रदर्शनी का किया अवलोकन—
कार्यशाला के दौरान बीज बैंक प्रदर्शनी में महिला स्वयं सहायता समूह और ग्रामीण किसान संगठनों ने अपने-अपने स्तर पर संरक्षित देसी बीजों से जैविक खेती के मॉडल और बीज वितरण प्रणाली का प्रदर्शन किया। दिलावर ने प्रत्येक स्टॉल पर जाकर विस्तार से जानकारी ली, किसानों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि बीज खेती की पहली और सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। अगर बीज उत्तम होगा तो फसल भी समृद्ध होगी। इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी।

चारागाह विकास के लिए भंवरलाल खटीक का किया सम्मान—
मदन दिलावर ने मांडलगढ़, भीलवाड़ा जिले के वरुधनी गांव के श्री भंवरलाल खटीक द्वारा चारागाह भूमि विकास एवं वनस्पति संरक्षण के लिए अदभुत एवं प्रशंसनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया ।
श्री भंवर लाल ने अपने निजी प्रयासों से पिछले 35 साल के अनवरत एवं अथक परिश्रम से 200 हेक्टेयर क्षेत्र में चारागाह विकसित किया है, जो पर्यावरण और पशुधन संरक्षण के लिए वरदान है।

मार्गदर्शिका पुस्तिका एवं पोस्टर का विमोचन—
मदन दिलावर ने राज्य में बीज बैंक की स्थापना हेतु मार्गदर्शिका पुस्तिका एवं पोस्टर, आपणी माटी पहचानो पुस्तिका एवं खाद, उर्वरक एवं मृदा संरक्षण पुस्तक का विमोचन किया और वनस्पति बीज बैंक की स्थापना के लिए 150 पंचायतों के लिए 97 लाख रुपए का चेक भी जारी किया।

कार्यक्रम में कर्ण नरेन्द्र सिंह कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के कुलपति प्रो. बलराज सिंह ने जलवायु परिवर्तन, भूमि क्षरण और जैव विविधता में हो रही कमी की पृष्ठभूमि में ऐसे कार्यक्रमों को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि कृषि अनुसंधान संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे नई पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण, सतत कृषि तथा प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग हेतु प्रेरित करें। राज्य सरकार की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन अनुसंधान और विस्तार तंत्र के समन्वय से ही संभव है।

जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग के निदेशक मुहम्मद जुनैद ने चारागाह विकास एवं जलग्रहण क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी तथा राज्य सरकार की पहल की सराहना की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 बजट घोषणा के क्रियान्वयन के अंतर्गत प्रदेश में वनस्पति पौधे एवं घास बीज प्रजातियों के संग्रहण, संरक्षण एवं विकास हेतु 150 पंचायतों में वनस्पति बीज बैंकों की स्थापना के तहत वनस्पति बीज बैंक राज्य स्तरीय कार्यशाला ‘विकसित चारागाह-समृद्ध राजस्थान’ थीम पर जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग तथा राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा द्वारा आयोजित की गई है।

डॉ. सुनील दाधीच, विभागाध्यक्ष, मृदा विज्ञान एवं विशेषाधिकारी ने कहा कि यह आयोजन “विकसित चारागाह – समृद्ध राजस्थान” की संकल्पना को मूर्त रूप देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है।

डॉ. हरफूल सिंह, निदेशक, राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा ने संस्थान की गतिविधियों, भवन नवीनीकरण तथा वनस्पति बीज बैंक की कार्ययोजना पर प्रकाश डाला। शांतनु सिन्हा रॉय, राज्य प्रमुख फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी (एफईएस) ने भी उपयोगी सुझाव और विचार प्रस्तुत किए।

आनंद सिंह, अतिरिक्त निदेशक जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर राज्यभर से आए कृषि वैज्ञानिक, अधिकारी, पंचायती राज प्रतिनिधि, एनजीओ प्रतिनिधि, शोधार्थी, बीज गुणी एवं किसानगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
विजय कुमार पाराशर
आवाज राजस्थान की
8112213839

admin - awaz rajasthan ki

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