क्या मेट रोटेशन में लगाए जा रहे हैं ??* _________________&_____ *महिला मेट के स्थान पर पुरुष मेट कर रहे हैं कार्य ??* ________&&&_________ जिला स्तर पर नहीं है मेट की अधिकृत सूची ? __________&_________ ग्राम पंचायत अपनी इच्छा अनुसार तय करती है मेट ? ___________&&&&______ सरपंच के रिश्तेदार व वार्ड पंच भी मेट ,?? *आवाज राजस्थान की*

क्या मेट रोटेशन में लगाए जा रहे हैं ??* _________________&_____  *महिला मेट के स्थान पर पुरुष मेट कर रहे हैं कार्य ??* ________&&&_________ जिला स्तर पर नहीं है मेट की अधिकृत सूची ? __________&_________ ग्राम पंचायत अपनी इच्छा अनुसार तय करती है मेट ? ___________&&&&______ सरपंच के रिश्तेदार व वार्ड पंच भी मेट ,??  *आवाज राजस्थान की*
Spread the love

*क्या मेट रोटेशन में लगाए जा रहे हैं ??*
_________________&_____

*महिला मेट के स्थान पर पुरुष मेट कर रहे हैं कार्य ??*
________&&&_________
जिला स्तर पर नहीं है मेट की अधिकृत सूची ?
__________&_________
ग्राम पंचायत अपनी इच्छा अनुसार तय करती है मेट ?
___________&&&&______
सरपंच के रिश्तेदार व वार्ड पंच भी मेट ,??

*आवाज राजस्थान की*
_________________&_______

अजमेर// महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत मेट का नियोजन रोटेशन के आधार पर लगाने हेतु समय-समय पर निर्देश राज्य सरकार द्वारा जारी किए जा रहे हैं परन्तु इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्र में देखने को मिल रहा है कि
नरेगा कार्यों में मेटो को रोटेशन से नहीं लगाया जा रहा ।
ग्राम पंचायतों में कुछ चिन्हित मेट ही निरंतर कार्य कर रहे हैं ।
हकीकत में तो महिला मेट होने के बावजूद कार्यस्थल पर महिला मेट के स्थान पर अन्य पुरुष मेट कार्य करते हुए देखे जा सकते हैं
कहने को तो अधिकारी निरक्षण करते हैं परन्तु निरक्षण में क्या खामी पाई क्या कार्यवाही हुई इसे कभी सार्वजनिक नहीं किया ।
अधिकारी कागजों में निरक्षण तथा कागजों में ही जांच कर रहे हैं । पीछले दिनों पंचायत राज मंत्री रमेश चंद मीणा ने भी इसी लापरवाही को लेकर जिले के अधिकारियों की फटकार लगाई थी । वैसे तो बारिश शुरु हो चुकी है अब नरेगा कम चल रही है लेकिन पूर्व में जहां चल रही थी वहां जिले में अधिकांश पंचायतों में देखने में आया कि मेट का नियोजन रोटेशन के अनुसार नहीं किया गया
योजना अंतर्गत मेट का नियोजन रोटेशन के आधार पर तैयार किए गए पैनल में से कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया जाता है
मेट पैनल में चिन्हित प्रत्येक मेट को जब तक समान अवधि का रोजगार नहीं मिल जाता तब तक किसी मेट को पुनः किर्यो पर नियोजित नहीं किया जाता है
पुरूष मेट का नियोजन रोटेशन के द्वारा पखवाडा पूर्ण होने पर उपलब्ध पैनल के अनुसार करना होता है लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा
महिला मेटों के संबंध में उपलब्धता होने पर ही महिला मेट को परिवर्तित किया जाता है अन्यथा उपलब्ध महिला मेट को 100 दिवस से अधिक भी नियोजित किया जा सकता है महिला मेट के स्थान पर पुरुष को नहीं लगाने के लिए कहा गया है तथा जहां महिला मेट है उन्हें प्राथमिकता से नियोजित किए जाने के लिए निर्देश जारी किए जाने के बावजूद महिला मेट को कम नियोजित किया जा रहा । नरेगा आयुक्त ईजीएस ने अनेक बार जिले के कार्यक्रम अधिकारी सहित जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को निर्देश जारी किए कि मेट को रोटेशन से लगाया जाए इसके बावजूद ग्राम पंचायतों में महिला मेट को लगाने में कम रूचि है
क्या नरेगा में मेट को नियोजित करने में रोटेशन को आधार बनाया जाएगा ??? हालात यह है की
मेट को लेकर जिला स्तर पर मेट की अधिकृत सूची तक नहीं है मेट कम से कम 10 वीं पास होना चाहिए परन्तु जिले में अभी भी अनेक पंचायतों में पांचवीं व आठवीं पास मेट काम कर रहे हैं अनेक पंचायतों में तो वार्ड पंच या सरपंच के रिश्तेदार मेट बने हैं आखिर अधिकारी क्षेत्र में निरक्षण किस प्रकार से करते है ??
क्या निरक्षण के नाम पर खानापूर्ति है रही है,??

प्रतिक पाराशर
आवाज राजस्थान की
9414302519


Spread the love

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *