जनप्रतिनिधियों का विरोध प्रदेश की पंचायत समितियों में नहीं हो सकी साधारण सभा* *प्रदेश के सरपंच और पंचायत समिति सदस्य अपनी मांगों को लेकर कर रहे आंदोलन* **पंचायत राज के जनप्रतिनिधियों की नाराजगी विधानसभा चुनाव में पड़ सकती है भारी*

जनप्रतिनिधियों का विरोध प्रदेश की पंचायत समितियों में नहीं हो सकी साधारण सभा*  *प्रदेश के सरपंच और पंचायत समिति सदस्य अपनी मांगों को लेकर कर रहे आंदोलन*  **पंचायत राज के जनप्रतिनिधियों की नाराजगी विधानसभा चुनाव में पड़ सकती है भारी*
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*जनप्रतिनिधियों का विरोध प्रदेश की पंचायत समितियों में नहीं हो सकी साधारण सभा*

*प्रदेश के सरपंच और पंचायत समिति सदस्य अपनी मांगों को लेकर कर रहे आंदोलन*

**पंचायत राज के जनप्रतिनिधियों की नाराजगी विधानसभा चुनाव में पड़ सकती है भारी*

एक और सरकार महंगाई से राहत शिविर चलाकर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचा रही है वही दूसरी ओर पंचायती राज विभाग में अधिकारों की मांग तथा विकास के लिए राशि नहीं मिलने से जनप्रतिनिधि आहत नजर आ रहे हैं।ऐसे में अब सरपंच आंदोलन की राह पर है आज प्रदेश की सभी पंचायत समितियों में साधारण सभा का आयोजन होना था लेकिन जनप्रतिनिधियों की नाराजगी के चलते प्रदेश की पंचायत समितियों में साधारण सभा नहीं हो सकी पंचायत राज के जनप्रतिनिधियों की मांग है कि उनके अधिकारों में बढ़ोतरी की जाए साथ ही उन्हें मिलने वाले विकास कोष की राशि भी तय समय पर उन्हें दी जाए राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल का कहना है कि ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि ग्राम पंचायतों में समय पर नहीं पहुंच रही है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्य अधूरे पड़े हैं पंचायत राज विभाग में ठेकेदारों ने निर्माण सामग्री देने के लिए हाथ खड़े कर दिए वही पंचायत के कोष में राशि जमा नहीं होने से सरपंच छुपते फिर रहे हैं उन्होंने अपनी मांगों को लेकर जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के अधिकारियों तक को अपनी समस्याओं से अवगत करवाया जब अधिकारियों ने पंचायतों के जनप्रतिनिधियों की मांगों पर सकारात्मक उतर नहीं दिया तो जनप्रतिनिधियों ने जयपुर मे एक दिवसीय सांकेतिक धरना देकर अपनी मांगों की ओर ध्यान आकर्षित किया पर किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी सरपंच संघ के अजमेर जिला अध्यक्ष हरिराम बाना ने बताया की
राजस्थान के सरपंच लंबे समय से लोगों से संबंधित जनहित की मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं परन्तु सरकार हमारी ओर ध्यान नहीं दे रही है आखिर मजबूर हो कर सभी सरपंच आगामी 20 तारीख से कार्य बहिष्कार करने जा रहे हैं सरपंच संघ के प्रदेश महासचिव शक्ति सिंह रावत व महेन्द्र सिंह मझेवला ने बताया कि प्रदेश के सरपंच की मांग है कि
गांव के विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दिया जाने वाला फंड जो कि लगभग 4000 करोड रुपए उसे शीघ्र पंचायतों के खातों में डाला जाए,
प्रधानमंत्री आवास में शेष पात्र व्यक्तियों की आवास स्वीकृति तत्काल निकाली जाए । ,
राज्य सरकार द्वारा 10 लाख लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ देने के लिए ऑनलाइन फॉर्म लिए गये थे उन्हें खाद्य सुरक्षा का लाभ तुरंत दिया जाए,
नरेगा योजना में कई जिलों का सत्यापन के बाद भी भुगतान बकाया है वह भुगतान तुरंत रिलीज किया जाए साथ ही एक पंचायत में केवल 20 काम ही स्वीकृत होंगे यह बाध्यता खत्म की जाए और नेटवर्क की प्रॉब्लम को देखते हुए ऑनलाइन हाजरी बंद की जाए,
13 जिलों को पेयजल का लाभ पहुंचाने वाली स्टंन कैनाल प्रोजेक्ट को नेशनल परियोजना घोषित की जाए,
इन सभी मांगों पर सरपंच आन्दोलन कर रहे हैं सरपंचों व पंचायत समिति सदस्यों की एकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की आज पंचायत समिति स्तर पर आयोजित साधारण सभा कहीं भी आयोजित नहीं हो पाई एक ओर सरकार महंगाई से राहत दे रही है वहीं पंचायतों के सरपंच अपने अधिकारों को लेकर आहत हैं सरपंचों की मांगों पर जल्द ही कोई फैसला नहीं हुआ तो आगामी विधानसभा चुनाव में सरपंचो की नाराजगी भारी पड़ सकती है सरपंचों की मांगों तथा अधिक जानकारी हेतु सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल के मोबाइल नम्बर 9314513655 पर सम्पर्क कर सकते हैं
विजय कुमार पाराशर
आवाज राजस्थान की
9414302519


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