पंचायतों में सबसे ज्यादा पीसांगन पचायत समिति के 372 आक्षेप नगर निगम के 672 और जिला परिषद् के 47 ऑडिट
अजमेर (ARK News)। ग्रामीण सरकार के रूप में जानी जाने वाली जिले की पंचायत समितियों व जिला परिषद में भी खर्च करने में अनियमितताएं बरती जा रही है। इसी का नतीजा है कि अंकेक्षण विभाग ने अजमेर जिले की 10 पंचायत समितियों, जिला परिषद तथा शहरी सरकारी नगर निगम के कामकाज व खर्च को लेकर 2 हजार 526 ऑडिट आक्षेप लगाए हैं। इनमें सर्वाधिक 372 पंचायत समिति पीसांगन में हैं। श्रीनगर में 335, भिनाय में 316, मसूदा में 253, केकड़ी में 292 तथा जवाजा में 309 ऑडिट पैरा लंबित हैं। सबसे कम 16 ऑडिट पैरा पंचायत समित सावर के हैं। पंचायत समिति अजमेर ग्रामीण में सिर्फ 16 तथा सरवाड़ में 60 ऑडिट पैरा ही है। जिला परिषद अजमेर के 47 ऑडिट पैरा हैं। नगर निगम के 672 ऑडिट पैरा कामकाज में अनियमितता को लेकर बनाए गए हैं।
गंभीरता से जवाब दें:अतिरिक्त निदेशक
संबंधित विभाग के पत्रों को गंभीरता से लेते हुए इनका जवाब दें। अंकेक्षण का उद्देश्य ही यह है जो अनियमितता पाई गई उसे दूर कर सबक लिया जाए ताकि भविष्य में गलती ना हो।
ऑडिट के 1.11 करोड़ भी नहीं चुकाए
अंकेक्षण विभाग द्वारा चार जिलों के विभिन्न पंचायत समितियों के वित्तीय लेनदेन की ऑडिट का खर्च भी विभाग नहीं दे रहे हैं। चार जिलों में यह राशि 1 करोड़ 11 लाख 17 हजार 241 रुपए है। इसमें 38 लाख 13 हजार 681 रुपए अजमेर की पंचायत समितियों पर शेष हैं। जबकि भीलवाड़ा में 37 लाख 37 हजार 560 रुपए, नागौर में 18 लाख 72 हजार 300 रुपए तथा टोंक में 16 लाख 93 हजार 700 रुपए का बकाया है।
पालिकाओं में पुष्कर के सबसे ज्यादा आक्षेप
नगर परिषद ब्यावर में 388, किशनगढ़ में 390, नगर पालिका सरवाड़ में 390, विजयनगर में 162, केकड़ी में 333, पुष्कर में 439 जबकि नसीराबाद में सिर्फ 27 ऑडिट पैरा सहित कुल 2 हजार 801 ऑडिट पैरा लंबित हैं।
संभाग में कृषि विपणन विभाग के 1421 आक्षेप
कृषि विपणन विभाग अजमेर के 498 ऑडिट पैरा हैं जिनका निपटारा नहीं हुआ है। भीलवाड़ा में 223, नागौर में 290 टोंक में 280 सहित कुल 1 हजार 421 ऑडिट पैरा लंबित हैं जिनका जवाब नहीं दिया जा रहा है।