स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन का दिया प्रशिक्षण, ई पंचायत पर स्वामित्व के दस्तावेज की जानकारी होगीं अपलोड….

स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन का दिया प्रशिक्षण, ई पंचायत पर स्वामित्व के दस्तावेज की जानकारी होगीं अपलोड….
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स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन का दिया प्रशिक्षण, ई पंचायत पर स्वामित्व के दस्तावेज की जानकारी होगीं अपलोड, ग्रामीण आबादी भूमि का रिकार्ड होगा ओनलाईन, ग्रामीणों को मिलेगें पट्टे और मोबाईल पर भिजवाई जाऐगी पट्टे की पीडीएफ फाईल

Ajmer News :  19.02.2024 को मुख्यकार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद अजमेर के आदेशानुसार स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन के संबंध में विडियो  कांफ्रेस प्रशिक्षण अजमेर जिला परिषद की क्षेत्राधिकार की पंचायत समितियों में दिनांक 19.02.2024 को प्रातःकाल 11.00 बजे से 12.00 बजे तक आयोजित किया गया। जिसमें अजमेर जिला परिषद की समस्त पंचायत समितियों- सावर, सरवाड, केकडी, भिनाय, मसुदा, जवाजा, श्रीनगर, अराई, किशनगढ, पीसांगन, अजमेर ग्रामीण के ग्राम विकास अधिकारियों व पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
ललित कुमार यादव- विकास अधिकारी पंचायत समिति अराई ने बताया कि राष्ट्रीय पंचायत दिवस 24 अप्रेल 2020 के अवसर पर सरकार द्वारा स्वामित्व योजना आरम्भ की गई। सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थ व्यवस्था और समाज पर दूरगामी प्रभाव को देखते हुए इस योजना का क्रियान्वयन पंचायतीराज विभाग व राजस्व विभाग के संयुक्त प्रयासो से किया जा रहा है।
दक्ष प्रशिक्षक नन्दकिशोर कुमावत( पारमवाल)-सहायक विकास अधिकारी, पंचायत समिति श्रीनगर ने बताया किसरकार द्वारा ग्रामीण अर्थ व्यवस्था और समाज पर दूरगामी प्रभाव को देखते हुए इस योजना का क्रियान्वयन पंचायतीराज विभाग व राजस्व विभाग के संयुक्त प्रयासो से किया जा रहा है। डिजिटल इंडिया को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने ग्रामीण स्वामित्व योजना की शुरुआत की है । इस योजना के तहत लाभार्थी ग्रामीणों को पट्टा/विक्रय विलेख एवं रजिस्ट्री भौतिक रूप से देने के साथ-साथ दस्तावेजों की पीडीएफ फाईल बनाकर लाभार्थी के मोबाईल नंबर पर भी प्रेषित की जावेगी। ग्रामीण आबादी भूमि का रिकार्ड ओनलाईन होगा। इस योजना के तहत, आवेदकों को गांवों के घरों में बैंक ऋण जल्दी मिल जाएगा। यह योजना ग्रामीण लोगों को बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सहायता करेगी। स्वामित्व योजना के अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामीण समाज के काम ऑनलाइन हो जाएंगे। ऑनलाइन होने की वजह से भूमाफिया और फर्जीवाड़ा और भूमि की लूट सभी कुछ पूर्ण रूप से बंद हो जाने की उम्मीद है। स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण आबादी को उनके घरों पर ऋण उपलब्ध कराना है। सरकार गांवों में ड्रोन का उपयोग करके डिजिटल सर्वेक्षण किया जावेगा और पात्र लोगों को स्वामित्व प्रमाणपत्र प्रदान किया जावेगा। गांवों में विकास की गति को तेज देने के लिए दो वेब पोर्टल, ई-ग्राम स्वराज और स्वामित्व योजना शुरू किया गया है। ग्रामों में संपत्तियों की मैपिंग में स्वामित्व योजना ड्रोन का उपयोग से होगी। इससे संपत्ति पर विवादों को कम करने में मदद मिलेगी। पोर्टल ग्रामीणों को बैंकों से ऋण लेने में आसान बनाने में मदद करेगा। इस स्कीम के तहत आवासीय संपत्ति के मालिकों को सरकार से आवासीय कार्ड मिलेंगे। स्वामित्व योजना में गांवों में भूमि के स्वामित्व का रिकॉर्ड तैयार होता है, जो कर संग्रह, भवन निर्माण स्वीकृति, भूमि उपयोग किस्म परिवर्तन, भूमि नाम हस्तान्तरण में सहयोग करेगा। स्वामित्व योजना के अंतर्गत संबंध संपत्ति नामांकन के प्रोसेस को सरल बनाना है। इस योजना के अंतर्गत ड्रोन के द्वारा भूमि का मैपिंग किया जाता है। भूमि के सत्यापन प्रक्रिया में तेजी और भूमि भ्रष्टाचार को रोकने में सहायता मिलेगी। स्वामित्व योजना के तहत गांवों के आबादी क्षेत्रों का डिजीटल मानचित्र तैयार किये जाकर भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों को सौपें जायेगे। गावांे की आबादी क्षेत्रों का सर्वेक्षण कार्य और मानचित्रण कार्य पूरा होने पर ग्राम पंचायतों के द्वारा राजस्थान पंचायतीराज नियम, 1996 के प्रावधानों के तहत संबंधित व्यक्ति को पटटा दिया जावेगा।
स्वामित्व योजना के तहत भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा प्रत्येक राजस्व ग्राम की आबादी भूमि का मानचित्र ड्रोन के जरिये फोटोग्राफी तैयार की गई, फोटोग्राफी के उपरान्त भारतीय सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त मैप 1.0 में इमेजों अनुसार प्रत्येक भूखण्ड एवं निर्मित भवन का सर्वे- ग्राम स्तरीय सर्वे समिति-ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ट सहायक, ग्राम रोजगार सहायक, संबंधित राजस्व ग्राम के वार्ड पंचों की समिति द्वारा किया जावेगा। सर्वे समिति द्वारा उस सम्पत्ति के मालिक का नाम, पिता का नाम, आधार कार्ड संख्या, मोबाईल नम्बर, उस भूखण्ड की दिशाओं की स्थिति, क्षेत्रफल इत्यादि की जानकारी संकलित की जावेगी। सर्वे समिति द्वारा सर्वेक्षण कार्य कर, ग्रामीणों की आपत्तियों का निस्तारण पंचायत कोरम, विशेष ग्राम सभा में निस्तारण कर भारतीय सर्वेक्षण विभाग को फाईनलाईज मैप हेतु भेजा जावेगा।फाईनलाईज मैप को एवं सूचियों को ग्राम पंचायत मे आज जन के अवलोकनार्थ रखा जावेगा। इसके आधार पर संबंधित लाभार्थियों को राजस्थान पंचायतीराज नियम- 1996 के अनुसार पटटा रजिस्ट्री करवा कर दी जावेगी।
प्रशिक्षण के दौरान पंचायत समिति क्षेत्र के समस्त ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।


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