जिला आंदोलन, महिलाएं भड़की कहा सरकार का बिगुल बजा देंगे।



शाहपुरा जिला बचाओ आंदोलन…
डीजे के साथ नाचते गाते निकाली रैली।
प्रदर्शन में महिलाओं के साथ बच्चे भी हुए शामिल।
महिलाएं भड़की कहा सरकार का बिगुल बजा देंगे। छात्रा के जोशीले भाषण ने भरा जोश।
विधानसभा का घेराव करने का सुझाव।
शाहपुरा , 16 जनवरी। जिला समाप्ति को लेकर जिला बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में 15 दिनों से चल रहे आंदोलन के तहत गुरुवार को खटीक समाज के लोगों ने धरना दिया। जिसमें महिलाओं के साथ स्कूली छात्र छात्राओं ने भाग लिया।
संघर्ष समिति के महासचिव कमलेश मुण्डेतिया के अनुसार खटीक समाज के लोगों ने उपखंड कार्यालय के बाहर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शन कर धरने के 8 वें दिन रामस्वरूप चावला, मदनलाल खटीक, दलीचंद खींची, छगनलाल, मोडूराम खटीक, सत्यनारायण चंदेल, नाथु सोलंकी, रामेश्वर सोलंकी, रामप्रसाद खींची, रामस्वरूप टेपन, प्यार चंद चावला, गजराज खटीक, शंकर लाल खटीक, राजेंद्र खटीक, बालू राम खटीक, सरवन खटीक, पप्पू खटीक, दुर्गा लाल खटीक सहित महिला मंडल की बदाम देवी खटीक, विमला देवी खटीक, कमला देवी, शांति देवी, डाली देवी, मंजू देवी, संतोष देवी, बाली देवी, सीता देवी, रितिका खटीक आदि महिलाए धरने पर बैठे।
डीजे के साथ निकाली रैली: जिला बचाने को लेकर लोगों में जागरूकता देखी गई। खटीक समाज के महिला, पुरुषों के साथ युवक, युवतियां तथा छोटे छोटे बच्चे में भी जोश में दिखाई दिये। पिवनिया तालाब के शिव शक्ति धर्मशाला से शाहपुरा, जहाजपुर, फुलिया कलां, कनेछकला कलां ढिकोला सहित आसपास के कई गांवो के
लोग हाथों में तख्तियां, बैनर, पोस्टरों के साथ रैली में शामिल हुए। नगर के मुख्य मार्गों से निकली रैली में लोग डीजे की धुनों पर नाचते गाते हुए उपखंड कार्यालय के बाहर पहुंचे। जहां महिलाओं के साथ युवाओं ने सरकार विरोधी जोशीले नारे लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने लोगों को माला पहनाकर धरने पर बिठाया।
धरने पर बैठी खटीक समाज की महिलाओं ने अपने वाद्य यंत्र, ढोलक, मंजीरों के साथ सकीर्तन से भगवान को रिझाने का प्रयास कर सरकार के नुमाइंदों को सद्बुद्धि देने तथा भगवान से शाहपुरा को पुनः जिला बनाने की अरदास की।
महिलाएं भड़की कहा सरकार का बिगुल बजा देंगे: खटीक समाज की दबंग महिलाएं
धरना स्थल पर भड़कते हुए खड़े होकर सरकार के खिलाफ हुंकार भरते हुए सरकार को चेताया और कहा कि शाहपुरा को पुनः जिले के दर्जे से नहीं नवाजा गया तो हम महिलाएं गांव-गांव जाकर सरकार के विरोध में बिगुल बजा देंगे और आगामी चुनाव में सरकार को पटकनी देंगे।
एक महिला ने तो मंच से शाहपुरा जिला बचाने के लिए मरने मारने तक का आव्हान कर दिया।
वहीं एक छात्रा ने मंच से बोलते हुए कहा कि शाहपुरा की धरती के क्रांतिकारी वीर तथा कई स्वतंत्रता सैनानियों ने देश की आजादी के लिए लड़े क्या हम शाहपुरा को पुनः जिला बनाने के लिए संघर्ष नहीं कर सकते? छात्रा के जोशीले भाषण में शहरवासियों में जोश भर दिया। यह वीडियो दिन भर सोशल मीडिया पर चला।
ज्ञापन दिया: दिन में आंदोलनकारियों राजेंद्र बोहरा, रामेश्वर लाल सोलंकी, संदीप जीनगर, अविनाश शर्मा, दीपक बेरवा, महावीर बैरवा, हाजी उस्मान मोहम्मद छिपा, प्रियेश यदुवंशी व खटीक समाज के लोगों ने उपखंड अधिकारी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। शुक्रवार को डॉ भीमराव अंबेडकर विचार मंच के सदस्य धरना देंगे।
वकीलों की अहम बैठक।
विधानसभा का किया जाएगा घेराव… ? अभिभाषक संस्था के सचिव वीरेंद्र पत्रिया ने बताया कि न्यायालय परिसर में गुरुवार को शाहपुरा अभिभाषक संस्थाध्यक्ष दुर्गा लाल राजौरा की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई।
बैठक में अधिवक्ता गोविंद सिंह हाडा, कन्हैयालाल धाकड़, प्रणवीर सिंह चौहान,
नमन ओझा, गजेंद्र प्रताप सिंह राणावत, कमलेश मुंडेतिया, तेज प्रकाश पाठक, दीपक मीणा, त्रिलोक चंद नौलखा, रामप्रसाद जाट, सुनील शर्मा, शिवराज कुमावत, अंकित शर्मा, मोहम्मद शरीफ, कैलाश चंद्र सुवालका, राजेश वर्मा, चावंड सिंह शक्तावत, संजय हाडा, अक्षय राज रेबारी, विनोद सनाढ्य, विजय पाराशर, राहुल बोहरा, जितेंद्र पाराशर आदि अधिवक्ता जिला बचाने के लिए अलग अलग सुझाव देते हुए दिखे। शाहपुरा में न्यायिक कार्यों का लगातार बहिष्कार करने का फैसला लिया। सुझाव देते हुए जिला बचाने के लिए उच्च न्यायालय में रीट दायर करने को कहा तो किसी ने मुख्यमंत्री से सीधा मिलकर अपनी मांग पुर जोर तरीके से रखने का सुझाव दिया तो किसी ने तो विधानसभा तक का घेराव करने का सुझाव दे डाला। तो क्या जिला बचाने के लिए विधानसभा का घेराव किया जाएगा..?