नहर बंद करने से भड़के किसान, बुधवार को सिंचाई विभाग का किसान करेंगे घेराव।
अधिकारियों पर मछली ठेकेदारों में साथ गांठ का आरोप।
मछली ठेकेदारों को बढ़ावा अन्नदाता (किसानों) की उपेक्षा।
शाहपुरा, 11 मार्च। शाहपुरा क्षेत्र में सिंचाई विभाग की ओर से नहर का पानी अचानक बंद कर दिए जाने से किसानों में भारी आक्रोश फैल गया है। गेहूं की फसल के लिए सबसे आवश्यक समय पर पानी रोके जाने से फसल सूखने की कगार पर है, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग के अधिकारी एवं मछली ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते यह निर्णय लिया गया है।
सिंचाई विभाग अध्यक्ष हनुमान धाकड़ के अनुसार उम्मेद सागर बांध में इस समय लगभग 5 फीट पानी मौजूद है, जो क्षेत्र की फसलों के लिए पर्याप्त है। इसके बावजूद नहर को बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक बंद कर दिया गया, जिससे किसान सकते में हैं। बताया गया कि फूलडोल महोत्सव के चलते नहर के पानी से दुर्घटना की बेतुकी संभावना जताते हुए यह निर्णय लिया गया, जो किसानों के हितों के विपरीत है।
किसानों ने आरोप लगाया कि मछली पालन के ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नहर बंद की गई, ताकि बांध में पानी का स्तर मछलियों के लिए बनाए रखा जा सके। इससे हजारों किसानों की खड़ी फसलें बर्बादी की कगार पर हैं। किसानों का कहना है कि यह न केवल कृषि विरोधी निर्णय है, बल्कि क्षेत्र की शाकाहारी संस्कृति के विरुद्ध भी है, क्योंकि यहां के अधिकतर लोग गेहूं की रोटी पर ही निर्भर हैं।
आक्रोशित किसानों ने बुधवार को सिंचाई विभाग कार्यालय का घेराव कर अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन करने और उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया है। किसानों की मांग है कि नहर को तत्काल खोला जाए, ताकि उनकी फसलें सूखने से बच सकें।