पुष्कर की बेटी अंकिता पाराशर ने रचा इतिहास — पिता का अधूरा सपना आखिर हुआ पूरा, आवाज राजस्थान की ने दी बधाई
पुष्कर की बेटी अंकिता पाराशर ने रचा इतिहास — पिता का अधूरा सपना आखिर हुआ पूरा, आवाज राजस्थान की ने दी बधाई
राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा का परिणाम् घोषित हुआ और पुष्कर की पावन धरती से एक बार फिर सफलता की गूंज उठी। पुष्कर की अंकिता पाराशर ने पूरे राजस्थान में सेकंड रैंक प्राप्त कर न केवल अपना नाम रोशन किया, बल्कि अपने दिवंगत पिता का सपना भी पूरा किया।
अंकिता के पिता राजकीय चिकित्सा सेवा में कार्यरत थे। वे हमेशा चाहते थे कि उनकी बेटी प्रशासनिक सेवा में जाए और समाज की सेवा करे। मगर बीमारी ने उन्हें समय से पहले ही छीन लिया। पिता के जाने के बाद भी अंकिता ने उनके सपने को अपनी सांसों में जिंदा रखा।
चार प्रयास, चार संघर्ष, और हर बार एक नई उम्मीद — और आखिरकार चौथी बार वह दिन आया, जब अंकिता ने अपने पिता का सपना साकार कर दिखाया।
सरकारी सेवा का सफर उन्होंने एक स्कूली अध्यापिका के रूप में शुरू किया था। वहीं से उन्होंने सीखा कि सच्चा नेतृत्व सेवा से जन्म लेता है। पूर्ववर्ती RAS परीक्षा में चयन एलाईड सर्विस में हुआ था, मगर उनकी नज़र ऊँचाई पर थी — और इस बार उन्होंने साबित कर दिया कि मेहनत और संकल्प के आगे किस्मत भी झुक जाती है।
पुष्कर में इस खबर के बाद खुशी की लहर दौड़ गई। घर-आंगन में मिठाइयाँ बंटी, बधाइयों का सिलसिला शुरू हुआ। मोहल्ले के लोगों ने कहा —
“अंकिता ने अपने पिता के अधूरे सपनों को नई रौशनी दी है, यह हर बेटी के लिए मिसाल है।”
💫 अंकिता पाराशर की कहानी सिर्फ सफलता की नहीं, बल्कि उस विश्वास की है जो एक पिता अपनी बेटी की आँखों में छोड़ जाता है — और जिसे बेटी अपने कर्म से अमर कर देती है।