अधिकारी-कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधियों को बेहतर प्रशिक्षण से सुनिश्चित करें कार्यों की गुणवत्ता, समयबद्धता एवं पारदर्शिता -ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री

अधिकारी-कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधियों को बेहतर प्रशिक्षण से सुनिश्चित करें कार्यों की गुणवत्ता, समयबद्धता एवं पारदर्शिता -ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री
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अधिकारी-कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधियों को बेहतर प्रशिक्षण से
सुनिश्चित करें कार्यों की गुणवत्ता, समयबद्धता एवं पारदर्शिता
-ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री

आवाज़ राजस्थान की
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जयपुर, 9 मई। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चन्द मीना ने कहा कि है विभाग की योजनाएं गुणवत्ता एवं पारदर्शिता के साथ धरातल पर समय पर पूरी हों इसके लिए इन योजनाओं को क्रियान्वित कर रहे विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों को विषय विशेषज्ञों द्वारा क्वालिटी प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है।
पंचायती राज मंत्री सोमवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में संस्थान के काम-काज की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्थान को जिस लक्ष्य के साथ स्थापित किया गया था वह उद्देश्य पूरा होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को संस्थान द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षणों में सूचना प्रौद्योगिकी एवं नई तकनीकों का उपयोग कर नए मॉडलों के जरिए प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढाए जाने की दिशा में प्रयास करने के निर्देश दिए।
श्री मीना ने निर्देश दिए कि नव तकनीक के प्रशिक्षणों से विभाग के अधिक से अधिक अधिकारी-कर्मचारी, विकास अधिकारियों, विभिन्न योजनाओं से जुडे़ कर्मचारियों, अभियंताओं एवं अन्य कर्मचारियों को जोड़ा जाए जिससे धरातल पर योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन का लाभ जनता को मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि नया इन्फ्रास्टक्चर एवं टे्रनिंग मॉड्यूल्स विकसित करने के साथ ही रोजाना जन सामान्य को यह जानकारी मिलनी चाहिए कि विभाग कैसा और क्या काम कर रहा है। विभागीय कार्य की गुणवत्ता सुधरे, तभी प्रशिक्षण को सफल कहा जा सकता है। अधिकारी-कर्मचारियों को आने वाली नई रूलिंग्स, विधियों, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज निर्देशिका की जानकारी होनी चाहिए। नियमों की जानकारी से काम अच्छा होने के साथ ही पारदर्शिता भी बढेगी।
पंचायती राज मंत्री ने बताया कि संस्थान के जरिए पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण का कार्य भी जल्द ही प्रारम्भ किया जाएगा। सबसे पहले जिला प्रमुखों, प्रधानों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके बाद संभागवार सरपंचों की ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।
उन्होंने वार्ड पंच, पंचायत समिति एवं जिला परिषद सदस्योें के लिए प्रशिक्षण कलैण्डर बनाने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को पंचायत एक्ट में दी गई शक्तियों के सम्बन्ध में प्रशिक्षित किया जाएगा जिससे उन्हें योजनाओं के बेहतर समझ मिलेगी। साधारण सभा, ग्राम सभा, बैठक एजेण्डा एवं प्रक्रियाओं की जानकारी होने से वे ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में सहायक हो सकते हैं। इससे योजनाओं के समय पर पूरा होने में भी सहायता मिल सकेगी।
इस अवसर पर संस्थान के महानिदेशक रविशंकर श्रीवास्तव ने एक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से संस्थान के कार्यों की जानकारी दी एवं संविधान के पंचायती राज से सम्बन्धित 73वें संशोधन की ब्रेल में लिखी प्रति पंचायती राज मंत्री मीना को भेंट की। समीक्षा बैठक में विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोरा, पंचायती राज सचिव नवीन जैन, पंचायती राज निदेशक ओम प्रकाश कसेरा एवं अन्य अधिकारी शामिल हुए।
विजय कुमार पाराशर
आवाज़ राजस्थान की
9414302519


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