सिवायचक भूमि गौशालाओं के लिए जिला कलक्टरों को मिलेगा आवंटन का अधिकार * *पंचायत समिति स्तरीय नन्दीशालाओं के लिए भूमि की आवश्यकता 20 बीघा से घटाकर 10 बीघा*

सिवायचक भूमि गौशालाओं के लिए जिला कलक्टरों को मिलेगा आवंटन का अधिकार *  *पंचायत समिति स्तरीय नन्दीशालाओं के लिए भूमि की आवश्यकता 20 बीघा से घटाकर 10 बीघा*
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*सिवायचक भूमि गौशालाओं के लिए जिला कलक्टरों को मिलेगा आवंटन का अधिकार
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*पंचायत समिति स्तरीय नन्दीशालाओं के लिए भूमि की आवश्यकता 20 बीघा से घटाकर 10 बीघा*

आवाज राजस्थान की
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जयपुर, 13 जुलाई। राज्य के निराश्रित गोवंश की समस्या के निराकरण एवं राज्य सरकार की पंचायत समिति तथा ग्राम पंचायत स्तरीय नन्दीशालाओं एवं गौशालाओं की स्थापना की योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों और विभिन्न नवाचारों पर विचार करने हेतु मंत्रिमण्डलीय उपसमिति की बैठक बुधवार को स्वायत्त शासन मंत्री शान्ति धारीवाल की अध्यक्षता में शासन सचिवालय के समिति कक्ष में आयोजित की गयी।

मंत्रिमण्डलीय उपसमिति ने विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा कर दूरगामी एवं जनहित के निर्णय लिए। उपसमिति के निर्णय अनुसार सभी जिला कलक्टरों को सिवायचक भूमि गौशालाओं हेतु आवंटन के अधिकार देने के साथ ही चारागाह भूमि पर न्यायालय में लंबित प्रकरण में गौशालाओं का पक्ष मजबूती से रखने का निर्णय लिया गया। राज्य सरकार की नन्दीशाला/गौशाला योजनाओं को आर.टी.पी.पी. के नियमों से शिथिलता प्रदान करने तथा संस्थाओं को 2 प्रतिशत बिड सिक्यूरिटी और ढाई प्रतिशत प्रतिभूति राशि की शर्त को विलोपित करते हुए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजने का निर्णय भी लिया गया।

उपसमिति में लिए गये एक और निणर्य के अनुसार अब पंचायत समिति स्तरीय नन्दीशालाओं के लिए भूमि की आवश्यकता 20 बीघा से घटाकर 10 बीघा कर दी गई है और ग्राम पंचायत स्तरीय गौशालाओं के लिए 5 बीघा की आवश्यकता तय की गयी है। नन्दीशाला एवं गौशाला स्थापना की शर्तों में और शिथिलता देते हुए संस्थाओं के तीन वर्ष पुराने पंजीकरण एवं अनुभव की शर्त को शिथिल करते हुए संस्था का पंजीकृत होना मात्र की शर्त रखी गयी है। साथ ही यदि भूमि चोकोर न हो तो उपलब्ध भूमि के आधार पर नक्शे पारित करने का निर्णय लिया गया। संस्थाओं को संस्था चयन की निविदा में ऑफलाइन प्रक्रिया व आवेदन के आधार पर भाग लेने की छूट भी प्रदान की गयी।

*मंत्रिमण्डलीय उपसमिति द्वारा लिए गये अन्य निर्णय*

अपाहिज एवं अन्धे गोवंश हेतु भरण पोषण अनुदान 9 माह के स्थान पर 12 माह किये जाने व ऐसे निजी संस्थानों को जो गोवंश व पशु पक्षियों को समर्पित है, उन्हे एकमुश्तीय सहायता के लिए निर्माण कार्य, आवश्यक उपकरण एवं औषधि प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

गत सरकार के समय घोषित जिला स्तरीय नन्दीशालाओं की योजना को 50 लाख रूपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रूपये करने की सहमति प्रदान की गयी।

इसके अतिरिक्त इन महत्वाकांक्षी गोसेवा की योजनाओं में अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था के लिए कई नवाचारों के प्रस्तावों को स्वीकृति देते हुए उन्हें वित्त विभाग को भेजने का निर्णय लिया गया।

बैठक में गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया, पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया, जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी मंत्री महेश जोशी राजस्व मंत्री रामलाल जाट, गोपालन विभाग के शासन सचिव पी.सी किशन व गोपालन विभाग के निदेशक डॉ. लाल सिंह उपस्थित रहे।
विजय कुमार पाराशर
आवाज राजस्थान की
9414302519


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