भीलवाड़ा: लोकसभा चुनाव 2024 में क्या बदलेगा समीकरण? | Bhilwara loksabha seat
भीलवाड़ा, राजस्थान: लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा के साथ ही राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में चुनावी माहौल में बदलाव की आशंका छाई है। भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र, जिसे एक दशक से भी भाजपा का है कब्जा, अब नए रूप में बदलने की संभावना है। इस क्षेत्र में कुल मतदाता की संख्या 21,25,306 है, जिसमें 10,80,093 पुरुष और 10,45,203 महिला मतदाता शामिल हैं।
भीलवाड़ा शहर, जिसे ‘टेक्सटाइल सिटी’ के नाम से जाना जाता है, विकास के रास्ते पर तेजी से अग्रसर है। यहां के कपड़े का व्यापार लगभग 20 हजार करोड़ रुपए का है, और अब रेडीमेड गारमेंट के कारोबार में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। भीलवाड़ा देश में अब्रक (माइका) उत्पादन में दूसरे स्थान पर रहा है।
इस क्षेत्र में ब्राह्मण जाति का प्रभुत्व हमेशा से रहा है, जिससे कांग्रेस ने 10 बार ब्राह्मण उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। इसके अलावा, भाजपा के राजपूत उम्मीदवार वी.पी. सिंह बदनोर और जनसंघ के उम्मीदवार हेमेंद्र सिंह बनेड़ा यहां दो बार चुनाव जीतने में सफल रहे हैं।
इस क्षेत्र में मुख्य मुद्दों में शामिल हैं ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल के लिए चंबल का पानी न पहुंचना, भूमिगत जल स्रोतों में पानी की कमी, सिंचाई की व्यवस्था की अभाव, और वस्त्र नगरी होने के बावजूद टेक्सटाइल पार्क की घोषणा न होना।
ब्राह्मण जाति का रहा प्रभुत्व :
भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण जाति का प्रभुत्व हमेशा रहा है. यहां से कांग्रेस ने 10 बार ब्राह्मण उम्मीदवारों को मैदान में उतारा. इसमें से 6 बार कांग्रेस के ब्राह्मण उम्मीदवार को जीत मिली थी. इसके अलावा भाजपा के राजपूत उम्मीदवार वी.पी. सिंह बदनोर दो बार, जनसंघ और फिर लोक दल के उम्मीदवार के रूप में हेमेंद्र सिंह बनेड़ा भी यहां दो बार चुनाव जीतने में सफल रहे. ब्राह्मणों के बाद इस लोकसभा क्षेत्र में गुर्जर और राजपूत मतदाताओं का खासा प्रभाव है.
लोकसभा क्षेत्र में प्रमुख मुद्दे :
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ग्रामीण क्षेत्र में अभी तक पेयजल के लिए चंबल का पानी नहीं पंहुचा, इसीलिए ग्रामीण क्षेत्र में पानी का संकट है.
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क्षेत्र में भूमिगत जल स्रोतों में पानी की कमी, जहां डार्क जोन होने के कारण सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने से लोग पलायन को मजबूर हैं.
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सिंचाई के लिए यहां लोगों और राजनेताओं की ओर से ईआरसीपी से जोड़ने की मांग है.
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भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में सैंड स्टोन, अभ्रक, ग्रेनाइट, फेल्सपार व सोडा का खनन किया जाता है. यहां नई खनन नीति लाने का बड़ा मुद्दा है.
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वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा में महंगी बिजली होने से वस्त्र उद्यमी पलायन को मजबूर
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वस्त्र नगरी होने के बाद भी टेक्सटाइल पार्क की घोषणा नहीं होने से व्यापारी मायूस.