Rajasthan Assembly By-Election 2024: 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान, जानें वोटिंग और मतगणना की तारीख

जयपुर : राजस्थान में काफी समय से प्रतीक्षित विधानसभा उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर को राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान और मतगणना की तारीखों की घोषणा की। 13 नवंबर 2024 को एक चरण में इन सीटों पर मतदान होगा, और 23 नवंबर 2024 को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे।
इस घोषणा के साथ ही राजस्थान के इन 7 विधानसभा क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। उपचुनाव वाली सीटों पर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं, और विभिन्न दलों ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
कौन सी सीटों पर हो रहा है उपचुनाव?
राजस्थान की जिन 7 सीटों पर उपचुनाव होगा, उनमें प्रमुख रूप से दौसा, झुंझुनूं, चौरासी, खींवसर, सलूंबर, रामगढ़, और देवली उनियारा विधानसभा सीटें शामिल हैं। इन सीटों पर विभिन्न कारणों से रिक्तियां बनी हैं, जिनमें कुछ विधायक सांसद बन चुके हैं और कुछ का निधन हो चुका है।
राजस्थान की खाली सीटों के कारण
- देवली उनियारा – कांग्रेस विधायक हरीश मीणा के सांसद बनने के कारण सीट खाली।
- दौसा – कांग्रेस विधायक मुरारीलाल मीणा के सांसद बनने के कारण सीट खाली।
- झुंझुनूं – कांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला के सांसद बनने से सीट खाली हुई।
- चौरासी – BAP विधायक राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद सीट खाली।
- खींवसर – RLP विधायक हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने के कारण सीट खाली।
- सलूंबर – बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा का निधन होने से यह सीट खाली हुई।
- रामगढ़ – कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन के कारण यह सीट खाली हुई।
उपचुनाव का शेड्यूल
चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार:
- नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख: 18 अक्टूबर 2024
- नामांकन की आखिरी तारीख: 25 अक्टूबर 2024
- नामांकन वापस लेने की तारीख: 30 अक्टूबर 2024
- वोटिंग की तारीख: 13 नवंबर 2024
- मतगणना की तारीख: 23 नवंबर 2024
देशभर में 47 सीटों पर उपचुनाव
राजस्थान के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों में भी विधानसभा उपचुनाव हो रहे हैं। कुल 13 राज्यों की 47 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, पंजाब, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, सिक्किम, गुजरात, उत्तराखंड, और छत्तीसगढ़ शामिल हैं।
राजस्थान में होने वाले इन उपचुनावों के नतीजे राज्य की राजनीतिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकते हैं। सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है और यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना जनप्रतिनिधि चुनती है।