सरोवरों की देखभाल के लिए ग्राम पंचायत की ओर से सभी गांवों में पंचायत प्रतिनिधि (पीपी) मनोनीत किए जाएंगे
मिशन अमृत सरोवर कार्यक्रम फिर शुरू
अमृत सरोवर लिए ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी
आवश्यक है। इसलिए वित्तीय वर्ष
2024-25 में जारी रखते हुए 1 नवम्बर
अजमेर। केन्द्रीय पंचायतराज विभाग के निर्देशानुसार प्रदेश में 1 नवम्बर 2024 से मिशन अमृत सरोवर कार्यक्रम फिर से शुरू किया गया है। कार्यक्रम के अंतर्गत सरोवरों की देखभाल के लिए ग्राम पंचायत की ओर से सभी गांवों में पंचायत प्रतिनिधि (पीपी) मनोनीत किए जाएंगे। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह के अनुसार देश में पानी की कमी की समस्या को दूर करने, सतही एवं भूजल स्त्रोतों के भूमि के जल स्तर में वृद्धि करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार अप्रैल 2022 में पूरे देश में मिशन
अमृत सरोवर की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर (तालाब) बनाना या उनका जीर्णोद्धार करना था।
सितंबर 2024 तक 68,000 से ज्यादा सरोवर बनकर तैयार हो चुके हैं। इन सरोवरों ने ना केवल पानी की तात्कालिक जरूरतों को पूरा किया है, बल्कि पर्यावरण और समुदायों के लिए दीर्घकालिक, उत्पादक परिसंपत्तियों को सुरक्षित रखते हुए टिकाऊ जलस्रोत भी स्थापित किए हैं। इन सरोवरों के जलग्रहण क्षेत्रों को साफ रखने और आवश्यकतानुसार गाद निकालने के लिए ग्रामीणों कि सक्रिय भागीदारी आवश्यक है एसे मे वित्तीय वर्ष 2024-2025मे जारी रखते हुए 1 नवंबर 2024 से मिशन अमृत सरोवर कार्यक्रम फिर से शुरू किया गया है। इसे देखते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, महानरेगा अनुभाग- 3 की आयुक्त ने प्रदेश के सभी जिला कलक्टरों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है और जिला परिषदों के सीईओ को ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी एवं प्रत्येक अमृत सरोवर की देखभाल के लिए पंचायत प्रतिनिधि (पीपी) मनोनीत करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार इस मिशन के जरिए जलवायु एवं पारिस्थितिकी संतुलन को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए दीर्घकालिक लाभ प्रदान करना चाहती है।