व्यक्तिगत लाभ में स्वीकृत पशुआश्रय स्थल अनुमानित लागत के अनुसार निर्माण नहीं
व्यक्तिगत लाभ में स्वीकृत पशुआश्रय स्थल अनुमानित लागत के अनुसार निर्माण नहीं
जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने प्रदेश के सभी जिला परिषद के सीईओ को मनरेगा योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत लाभ में स्वीकृत पशुआश्रय स्थल अनुमानित लागत के अनुसार निर्माण नहीं कराए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत एससी, बीपीएल एवं विधवा महिलाओं के जीवनस्तर को ऊंचा उठाने के लिए व्यक्तिगत लाभके पशु आश्रय स्थल, बकरी आश्रय स्थल, खेत का दुरुस्तीकरण,
समतलीकरण एवं मेड़बंदी के 5 कार्यों (कैटेगरी बी) के अंतर्गत कराए जाते हैं। सभी जिलों के ईजीएस अधिशासी अभियन्ता की ओर से पंचायतराज मुख्यालय पर भेजी गई निरीक्षण रिपोर्ट में कई कमियां पाई गईं। जिसमें जांच करने पर पाया पशु आश्रय स्थलों के निर्माण सहित कई कार्यों में काम तखमीने के अनुसार नहीं किया गया है। इसको देखते हुए आयुक्त ने सभी जिला परिषद के सीईओ को ऐसे कार्यों के लिए जिम्मेदार तकनीकी कार्मिकों एवं अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करते हुए सूचित करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि जिले
की सभी पंचायत समितियों में लगभग पांच सौ कार्य स्वीकृत है। उनमें से तीन पंचायत समितियों के 7 कामों में कमियां पाई गई हैं।
ये भी किया जाए
कार्यों को तखमीने के अनुसार पूर्ण कराया जाए तथा जो कार्य स्वीकृत राशि से कम राशि में पूर्ण किए गए है, उन कार्यों का मूल्यांकन वास्तविक कार्य के अनुसार किया जाए, मौके पर पूर्ण कार्यों को एमआईएस पर दर्ज किया जाए। लाभार्थियों की भूमि पर, क्षेत्र के अनुरूप प्रजातियों का चयन कर पौधरोपण कराया जाए।