नवंबर 2025 में नगर निकायों के चुनाव एक साथ करवाया जाना संभावित – झाबर सिंह खर्रा

जयपुर । स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि ‘एक राज्य एक चुनाव’ के तहत नवंबर 2025 में सभी नगर निकायों के चुनाव एक साथ करवाए जाना संभावित है। उन्होंने बताया कि चुनावों के मद्देनजर प्रदेश में नगरीय निकायों के वार्डों के पुर्नगठन एवं परिसीमांकन का कार्य प्रक्रियाधीन है। इसके पश्चात् कुल वार्डों की संख्या निश्चित हो सकेगी। इसके बाद मतदाता सूची को अद्यतन किया जाएगा।
स्वायत्त शासन राज्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि नगर निकायों के चुनाव कराने का दायित्व राज्य निर्वाचन आयोग का है। उन्होंने कहा कि छोटी नगरपालिकाओं में प्रति वार्ड एक मतदान केन्द्र तथा नगर परिषद एवं नगर निगमों में प्रति वार्ड आवश्यकतानुसार 5 से 10 मतदान केन्द्र बनेंगे। इसके लिए एक साथ चुनाव करवाने के लिए अतिरिक्त ईवीएम की व्यवस्था पड़ोसी राज्यों से की जाएगी।
खर्रा ने कहा कि ‘एक राज्य, एक चुनाव’ का मूल उद्देश्य बार-बार लगने वाली आचार संहिता से विकास कार्यों में होने वाले व्यवधान एवं संसाधनों के अपव्यय को रोकना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ‘एक राज्य,एक चुनाव’ योजना पर राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में बजट घोषणा की जा चुकी है।
इससे पहले विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में स्वायत्त शासन राज्य मंत्री ने बताया कि राज्य में नगरीय निकायों के वार्डों के पुर्नगठन एवं परिसीमांकन हेतु स्वायत्त शासन विभाग में सीमावृद्धि एवं परिसीमन का कार्य प्रक्रियाधीन है, इस संबंध में जारी चरणबद्ध कार्यक्रम का विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा। उन्होंने जानकारी दी कि ‘एक राज्य, एक चुनाव’ के संबंध में विधिक राय ली जा रही है, प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
खर्रा ने बताया कि नगरीय निकायों के पुर्नगठन एवं परिसीमांकन हेतु प्राप्त प्रस्तावों के परीक्षण एवं समीक्षा हेतु 16 जनवरी, 2025 के आदेश से एक मंत्रीमण्डलीय उप समिति का गठन किया गया है, आदेश की प्रति उन्होंने सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि इस उप समिति की बैठक उपरोक्तानुसार निर्धारित कार्यक्रम पूर्ण होने के बाद आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ‘एक राज्य,एक चुनाव’ के लिए विधि में संशोधन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।