जिले की बहाली को लेकर आचार्य ने संघर्ष समिति से की अहम मंत्रणा।



जनप्रतिनिधी जनता को दिए अपने वचनों का सम्मान करेगा तो जनता सम्मान करेगी।
राज्यपाल रामनिवासधाम में आने की संभावनाएं प्रबल।
शाहपुरा 7 मार्च। अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश आचार्य रामदयाल ने जिले की पुनः बनाए रखने को लेकर रामनिवाधाम के सभागार में शाहपुरा जिला बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से विशेष मंत्रणा की। जिला समाप्ति पर खेद जताते हुए आचार्य ने दो माह से चल रहे आंदोलन की सारी रूपरेखा तथा जिला बचाने में न्यायिक प्रक्रिया के बारे में बैठकर विस्तृत मंत्रणा की।
गौरतलब है कि जिले के भंग होने की आशंका को लेकर कुछ माह पूर्व आचार्य के सानिध्य में रामनिवासधाम में क्षेत्र के प्रभुत्वजनों की अहम बैठक हुई। बैठक में उपस्थित विधायक लालाराम बैरवा ने आचार्य व सभी के सामने यह वादा किया कि जिला जाता है तो मैं जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता के साथ दूंगा। लेकिन आंदोलन को दो माह बीत जाने के बाद भी विधायक जनता के बीच नहीं पहुंचे नहीं कोई आमसभा की। जिसे लेकर क्षेत्रवासी आंदोलन की राह पर है।
इस संदर्भ में आचार्य ने स्पष्ट किया कि जनप्रतिनिधी जनता को दिए अपने वचनों का सम्मान करेगा तो जनता सम्मान करेगी। ऐसे कार्यों से जनता की आस्था को ठेस पहुँचती है। जनता के सामने किया गया वादा निभाना आवश्यक है। यदि कोई जनप्रतिनिधि आश्वासन देकर पीछे हटता है, तो यह जनता के विश्वास का अपमान है। आचार्य ने अंत में संघर्ष समिति के सदस्यों को पूर्ण आश्वासित करते हुए, भरोसा दिलाते हुए कहा कि फूलडोल महोत्सव पश्चात उच्चस्तरीय वार्ता, पत्र लेखन कर जिले को पुनः सम्मान से जिले का दर्जा दिलाने का प्रयास करेंगे। धाम में आहुत बैठक के दौरान संघर्ष समिति के अध्यक्ष दुर्गा लाल राजौरा, संयोजक रामप्रसाद जाट, अधिवक्ता त्रिलोकचंद नौलखा, अनिल शर्मा, अंकित शर्मा, रामेश्वर सोलंकी, अर्पित ठठेरा, अविनाश शर्मा, रामस्वरूप काबरा सहित कई सदस्य व पदाधिकारी उपस्थित थे।
राज्यपाल के धाम में आने की संभावना प्रबल: आचार्य रामदयाल चर्चा के दौरान राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बांगडे 17 मार्च को रामनिवासधाम में आने की संभावना जताई।
इधर सूत्रों ने यह भी बताया कि पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की आने की भी संभावनाएं बनी हुई है।
