ग्राम विकास अधिकारी सुसाइड मामले की वजह कही ओर तो नही?
VDO अक्सर रहता था छुट्टी पर, जब कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति ही जारी नही हुई तो भुगतान का दबाव कैसा कही मामले को भटकाया तो नही जा रहा?* ——————-=-==अजमेर जिले की केकडी पंचायत समिति के ग्राम विकास अधिकारी प्रवीण कुमावत द्वारा जयपुर मे अपने आवास पर आत्महत्या की गुत्थी सुलझने के स्थान पर उलझने लगी है मृतक के भाई अशोक कुमावत ने पुलिस मे जो मामला दर्ज करवाया गया है उस मे विकास अधिकारी, सरपंच व सरपंच के बेटे पर अवैध भुगतान को लेकर दबाव बनाये जाने की बात कही गयी है पुलिस मे दी गयी शिकायत की सत्यता को लेकर हम ने जानकारी जुटाई तो पता चला की कन्नोज के राजकीय स्कूल मे मिट्टी भराई का कार्य करवाया जाना था जिसकी सरपंच ने सेक्शन निकालने के लिए ग्राम विकास अधिकारी कुमावत को कहा था परन्तु कुमावत द्वारा स्वीकृति नही निकाली गयी एसे मे पंचायत स्तर पर दोनो मे कोई मतभेद हो सकता है यहा यह बात गौर करने वाली है की जब किसी कार्य की स्वीकृति ही जारी नही उस के भुगतान के लिए दबाव कैसे बनाया जा सकता है वही ईसी मामले को लेकर एक बात ओर सामने आई की ग्राम विकास अधिकारी कुमावत अक्सर छुट्टी पर रहते थे तथा एक बार तो राजकीय सेवा से इस्तीफा भी दे दिया परन्तु कुछं समय बाद ईस्तीफा वापस ले लिया मतृक के भाई ने महिला विकास अधिकारी पर भी दबाव बनने का आरोपं लगाया है जो मित्था व निराआधार प्रकट हो रहा है महिला अधिकारी पर लगाये गये आरोपो को लेकर जब हम ने ब्लॉक स्तर पर जानकारी ली तो पता चला की ग्राम विकास अधिकारी कुमावत अक्सर मुख्यालय से गायब रहते थे यहा तक की अतिवृष्टि के दौरान भी मुख्यालय पर मोजूद नही रहे जिस परं विकास अधिकारी ने नोटिस जारी किया था साथ ही लम्बे समय तक अनुउपस्थितं रहने पर नोटिस जारी करते हुए जिला परिषद सीईओ को भी सूचना दी गयी थी महिला विकास अधिकारी ने बताया की जब कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति ही जारी नही हुई तो वह भुगतान के लिए दंबाव कैसे बना सकती है कार्य की स्वीकृति भी पंचायत स्तर से जारी होनी है तथा भुगतान भी पंचायत स्तर से किया जाना है एसे मे उनं पर निराधार व झूठे आरोप लगाया जा रहा है। पंचायत राज मे किसी भी कार्य के लिए पहले सेक्शन निकलती है फिर एईएन द्वारा एमबी भरने के बाद ही भुगतान होता है कणोज मे स्कूल मे मिट्टी भराई का कार्य पंचायत स्तर से ही किया जाना था तथा भुगतान भी पंचायत स्तर से होना था एसे मे ग्राम विकास अधिकारी सुसाइड केस मे कही मामले की दिशा तो नही भटकाई जा रही है महिला विकास अधिकारी द्वारा कणोज ग्राम विकास अधिकारी को नोटिस देना सही था कुमावत अतिवृष्टि के दौरान मुख्यालय से अनुपस्थित रहे तथा जबं बीडीओ ने नोटिस दिया तो इस की सूचना आला अधिकारी को दी थी एसे अगर कुमावत पंर कोई दबाव था तो उस ने जिला परिषद् सीईओ सहित अन्यं आला अधिकारी को शिकायत क्यो नही की वीडीओ कुमावत ने सुसाईड जयपुर मे किया एसे मे पुलिस को सभी एंगल से जाच करनी चाहिए,