पुष्कर मेले का भव्य आगाज़: 101 नगाड़ों की गूंज से बना विश्व रिकॉर्ड
Pushkar Fair 2025 , Ajmer। आस्था, संस्कृति और पारंपरिक उत्साह का प्रतीक विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेला गुरुवार को धूमधाम से शुरू हो गया। राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने मेला मैदान में ध्वजारोहण कर इस भव्य आयोजन का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर दीया कुमारी ने छात्राओं के साथ पारंपरिक लोकनृत्य में भी हिस्सा लिया, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया।’

🥁 101 नगाड़ों की गूंज से बना नया इतिहास
पुष्कर मेले के उद्घाटन समारोह में एक ऐतिहासिक पल दर्ज हुआ।
- विश्व रिकॉर्ड: अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नगाड़ा वादक नाथूराम सोलंकी की अगुवाई में पहली बार 101 कलाकारों ने एक साथ नगाड़ों पर थाप दी। यह शानदार प्रस्तुति पुष्कर के इतिहास में एक नया कीर्तिमान बन गई, जिसकी गूंज दूर-दूर तक सुनाई दी।
- सांस्कृतिक छटा: मेला मैदान में महिलाओं ने पारंपरिक चरी नृत्य और लोक संस्कृति की झलक पेश की। मैदान की दीवारों को महिलाओं द्वारा बनाए गए सुंदर मांडणों से सजाया गया है।
- शाम का आकर्षण: मेले की पहली शाम को 52 घाटों पर सवा लाख दीपक जलाकर भव्य महाआरती और रंगोली सजावट की जाएगी, जो आस्था और कला का अद्भुत संगम होगा।

⚽ देसी टीम ने विदेशी पर्यटकों को फुटबॉल में चटाई धूल
मेले के उद्घाटन के मौके पर एक दोस्ताना फुटबॉल मैच भी खेला गया, जिसने देशी-विदेशी पर्यटकों के बीच रोमांच भर दिया।
| विवरण | देसी टीम (भारत) | विदेशी टीम (यूएस, जर्मनी, फ्रांस, यूके) |
| परिणाम | 2 | 1 |
| टूरिस्ट प्रतिक्रिया | इटली के टूरिस्ट सिमोने ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। विदेशी खिलाड़ी निराश हैं, लेकिन अगली बार फिर खेलेंगे और जीतने की उम्मीद है। |
🐎 15 करोड़ का ‘शहबाज’ बना आकर्षण का केंद्र
मेले में पशुओं का आगमन भी शुरू हो गया है। अब तक 5,000 से अधिक पशु, जिनमें ऊंट, घोड़े, गाय और बैल शामिल हैं, पहुंच चुके हैं।
- घोड़ा ‘शहबाज’: मेले में 15 करोड़ रुपये का घोड़ा ‘शहबाज’ आकर्षण का मुख्य केंद्र है। यह घोड़ा अपनी नस्ल और सुंदरता के लिए मशहूर है और अब तक 6 शो जीत चुका है। इसे पंजाब के पशुपालक गैरी लेकर आए हैं।
- आने वाले दिनों में पशु प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक झांकियों से मेला मैदान लोक संस्कृति के रंगों में सराबोर हो जाएगा।
🗣️ ‘पुष्कर कॉरिडोर’ और ‘घूमर महोत्सव’ की घोषणा

उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने इस अवसर पर पुष्कर के महत्व को रेखांकित किया:
“पुष्कर मेला राजस्थान की संस्कृति, परंपरा और आस्था का प्रतीक है। हमारी सरकार पुष्कर को वैश्विक स्तर पर और अधिक पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने कहा कि पुष्कर कॉरिडोर की डीपीआर (DPR) तैयार हो चुकी है और जल्द ही इस पर काम शुरू होगा। साथ ही उन्होंने यह बड़ी घोषणा भी की कि 19 नवंबर को प्रदेश के प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर ‘घूमर महोत्सव’ आयोजित किया जाएगा, जो राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान को विश्व पटल पर स्थापित करेगा।
- समापन: 5 नवंबर तक चलने वाले इस मेले में देश-विदेश से हजारों पर्यटकों के जुटने की उम्मीद है।