आमजन का विश्वास अजमेर सरस ङेयरी के साथ* *कुशल प्रबंधन, प्रभावी सामंजस्य व संकल्प शक्ति से डेयरी ने स्थापित किए नवीन आयाम* ** *25 माह में अपनाए नवाचार, आज 885 करोड़ का है टर्नओवर * ***प्रभावी प्रबंधन के साथ गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद, रखे उपभोक्ताओं के समक्ष* ***30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे है, डेयरी एमडी व्यास ने विशेष बातचीत में बताया अजमेर ङेयरी से बहुत कुछ सिखने को मिला कहा अजमेर सरस ङेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी पशुपालकों के सच्चे हितैषी* वही ङेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने कहा मेरी ङेयरी के 35 वर्ष के, अनुभव के रथ को नवीन सोच के साथ आगे बढ़ाने का काम सारथी के रूप में प्रबंध संचालक ने किया है। *आवाज़ राजस्थान की*
*आमजन का विश्वास अजमेर सरस ङेयरी के साथ*
*कुशल प्रबंधन, प्रभावी सामंजस्य व संकल्प शक्ति से डेयरी ने स्थापित किए नवीन आयाम*
** *25 माह में अपनाए नवाचार, आज 885 करोड़ का है टर्नओवर
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***प्रभावी प्रबंधन के साथ गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद, रखे उपभोक्ताओं के समक्ष*
***30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे है, डेयरी एमडी व्यास ने बताया अजमेर ङेयरी से बहुत कुछ सिखने को मिला कहा अजमेर सरस ङेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी पशुपालकों के सच्चे हितैषी*
वही ङेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने कहा मेरी ङेयरी के 35 वर्ष के, अनुभव के रथ को नवीन सोच के साथ आगे बढ़ाने का काम सारथी के रूप में प्रबंध संचालक ने किया है।
*आवाज़ राजस्थान की*
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अजमेर ।अजमेर सरस डेयरी वर्तमान में उत्तर भारत की प्रतिष्ठित डेयरी में शुमार हो चुकी हैं । डेयरी मे महज 25 माह पूर्व प्रबंध संचालक के पद पर कार्य शुरू करने वाले उमेश चंद्र व्यास ने अपने कुशल प्रबंधन व डेयरी सदर रामचंद्र चौधरी के साथ प्रभावी सामंजस्य बिठाते हुए संकल्प शक्ति के बूते डेयरी में नए आयाम स्थापित किए हैं ।
लगभग ढाई वर्ष पूर्व डेयरी का नवीन प्लांट बनकर तैयार हुआ ही था कि कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी, लेकिन संकट की इस घड़ी में डेयरी एमडी व्यास ने भावी तैयारियों के लिए अपने सकारात्मक मंथन को विराम नहीं देते हुए अनेक नवाचारों को अपनाने का मानो संकल्प लिया हो। इन नवाचारों व अध्यक्ष चौधरी के साथ उचित सामंजस्य का ही परिणाम हैं कि वर्तमान में डेयरी का सालाना टर्नओवर लगभग 885 करोड़ तक पहुंच चुका है।
डेयरी एमडी उमेश चंद्र व्यास 30 अप्रैल, 2022 को अपनी 36 वर्ष दो माह की राजकीय सेवा पूर्ण कर अपने मूल विभाग चित्तौड़गढ़ प्रतापगढ़ दुग्ध उत्पादक संघ चित्तौड़गढ़ से सेवानिवृत्त होंगे । इससे पूर्व एमडी व्यास ने एक विशेष बातचीत के दौरान बताया कि 23 मार्च से कोरोना आपदा के कारण लॉक डाउन की घोषणा हो चुकी थी। 31 मार्च, 2020 को अजमेर डेयरी में उन्होंने विधिवत कार्य शुरू किया था। इस समय डेयरी का नवीन प्लांट पूर्ण रूप पाकर आउटपुट देने को तैयार था। नवीन प्लांट की क्षमता के अनुसार इस दौर में यहां आवक ,उत्पादन, प्रबंधन व विपणन का कार्य महत्वपूर्ण चुनौती था। आवक व संकलन पर कोरोना, उत्पादन पर स्टॉफ व प्रबंधन तथा विपणन पर बड़े बाजार व उपभोक्ता की कमी सामने दिखाई दे रही थी। इन सभी चुनौतियों से एक साथ मुकाबला करने का निर्णय लिया गया,जिसमें डेयरी सदर रामचन्द्र चौधरी की सकारात्मक सोच व अनुभव की ऊर्जा से काफी सम्बल मिला था। टेक्नोक्रेट के रूप में युवा इंजीनियरों का सहयोग लिया गया, पशुपालकों को धैर्य दिया गया और बाजार के बड़े मार्केट रिलायंस,डी मार्ट विशाल मेगा मार्ट आदि से ऑनलाइन डिमांड प्राप्त करके थोक (बल्क)में दूध उत्पाद सप्लाई करने का बीड़ा उठाया गया। उन्होंने बताया कि पूर्व में यहां छाछ, श्रीखंड, दूध पैकिंग आदि के पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं थे। नवीन प्लांट में इन सभी की कमी पूरी की गई ।इसी का परिणाम था कि जहां पहले प्रतिदिन 10 से 12 हजार लीटर दूध से विभिन्न उत्पाद तैयार होते थे, जो आज 40 से 50 हजार लीटर दूध से तैयार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर विगत एक वर्ष से तैयार किए जा रहे व्हाइट बटर ने भारतवर्ष में एक नई पहचान के साथ ही डेयरी को आर्थिक संबल भी प्रदान किया है। आज इसकी मांग भारत वर्ष में उत्तर से लेकर दक्षिण व पूर्व से लेकर पश्चिम तक फैली हुई हैं। गुजरात, बिहार, दिल्ली, तमिलनाडु व उत्तर प्रदेश में अजमेर सरस डेयरी द्वारा उत्पादित व्हाइट बटर की मांग निरन्तर बढ़ रही है। यह यहां के डेयरी प्रबंधन के साथ ही अजमेर के लिए भी गर्व एवं गौरव का विषय है। ढाई वर्ष पूर्व व वर्तमान के बीच के समय में कोई दो महत्वपूर्ण उपलब्धि के सवाल पर व्यास ने बताया कि अजमेर डेयरी ज्वाइन की तब नवीन प्लांट भी बनकर तैयार हो चुका था। उस समय
इस प्लांट की लागत लगभग 320 करोड़ थी, साथ ही 70 से 80 करोड रुपए पशुपालको के भी बकाया थे। इन दो वर्षों में 70 से 80 करोड़ रुपए का भुगतान दुग्ध उत्पादकों को किया गया इसके साथ ही अन्य भुगतान भी समय बद्ध किए गए। आज महज एनसीडीसी के 98 करोड़ ही बकाया हैं, दूसरा डेयरी के नवीन प्लांट में इस 25माह के कार्यकाल के दौरान आइसक्रीम, व्हाइट बटर , फ्लेवर मिल्क, टेबल बटर ,दूध पाउडर पैकिंग तथा दूध की प्रोसेसिंग पैकिंग में भी स्वचालित संयंत्रों का प्रयोग करके नवाचार के साथ उत्पादन में वृद्धि की गई। अल्ट्रा हाई टेट्रा पैकिंग भी एक नवाचार के रूप में अपनाया गया। आज उपभोक्ताओं का विश्वास व टीम के सदस्यों की मेहनत का ही प्रतिफल है कि अहमदाबाद, मुंबई व महाराष्ट्र में प्राइवेट सेक्टर में भी अजमेर डेयरी द्वारा दूध की मांग के अनुसार आपूर्ति की जा रही है, जो डेयरी के लिए आर्थिक रूप से संजीवनी का काम कर रही है। उन्होंने बताया कि पहले डेयरी को दूध आपूर्ति के लिए निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन दूध से विभिन्न उत्पाद निर्माण के बाद एक और जहां डेयरी का ट्रांसपोर्टेशन खर्च बचा है वही दूध की खपत पर किसी के ऊपर निर्भर रहने की स्थिति से भी निजात मिली है। अजमेर डेयरी ने राजस्थान प्राइवेट मिल्क यूनियन में चित्तौड़ ,बाड़मेर, नागौर, बीकानेर और यहां तक की जयपुर को भी दूध आपूर्ति का कार्य किया है। उन्होंने कोई अधूरे रहे कार्य के जवाब पर कहा कि आगामी एक-दो माह में नवीन प्लांट में नेचुरल गैस की आपूर्ति भी सुनिश्चित कर दी जाएगी, जिससे डेयरीआर्थिक रूप से काफी सहारा मिलेगा वही पाइपलाइन के जरिए यह गैस प्लांट तक पहुंचने से नाप तौल के साथ अन्य श्रम से भी छुटकारा मिलेगा ,जिससे उस श्रम शक्ति का अन्य स्थान पर उपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि नवीन प्लांट में सोलर ऊर्जा के 1000 केवी क्षमता वाले प्लांट की तैयारी हैं, जसकी कीमत लगभग 8 से 10 करोड़ होगी । निकट भविष्य में एनडीडीबी के माध्यम से यह तैयार किया जाएगा। यह कार्य भी जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा इसकी डीपीआर तैयार कर ली गई है।
चुनौतियां यह भी थी –
डेयरी एमडी व्यास ने बताया कि नवीन प्लांट बनकर तैयार होने के साथ ही प्लांट के लाइसेंस, फूड सेफ्टी प्रमाण पत्र,खाद्य सुरक्षा मानक आदि के लाइसेंस प्राप्त करने के साथ ही कुशल व टेक्नोक्रेट स्टाफ की भी महती आवश्यकता थी, लेकिन एक के बाद एक इन पर भी सफलता प्राप्त की ।
*नवाचार में शामिल किया डिजिटलाइजेशन-*
एमडी व्यास ने बताया कि डेयरी में अनेक नवाचारों के साथ ही डिजिटलाइजेशन को भी जोड़ा गया हैं। अब स्थिति यह है कि बीएमसी पर दुग्ध उत्पादक द्वारा दूध देते ही उसके मोबाइल पर दूध व फैट तथा मूल्य की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो जाती हैं। इसी प्रकार मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना के तहत मात्र 15 मिनट में 56हजार किसानों के खातों में पैसा पहुंचना भी आधुनिक तकनीकी का कमाल है जिसको डेयरी ने अपनाया है एवं आज लगभग 2400 डेयरी बूथों से ऑनलाइन दूध एवं दुग्ध उत्पाद की मांग आ रही हैं, जिससे बिक्री केन्द्रो पर मांग अनुसार दूध एवं दुग्ध उत्पाद पहुंच रहे है। जो प्रदेश में कीर्तिमान है l
*सोच आपकी, साथ हमारा -*
व्यास ने बताया कि विभिन्न चुनौतियों के बाद डेयरी सदर रामचंद्र चौधरी ने समय-समय पर विभिन्न कार्यों के लिए अभिप्रेरित ही नहीं किया बल्कि फ्री हैंड देकर “सोच आपकी साथ हमारा” वाक्य को सार्थक किया हैं,जिससे भी यह 25 माह की यात्रा सफल व सार्थक बन सकी। अध्यक्ष व संघ ने बाजार में 80 करोड़ बकाया होने पर भी पूर्ण विश्वास व समर्थन किया जो मेरे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही हैं।
*आईआरएमए से लिया प्रशिक्षण-*
एमडी व्यास ने बताया कि उन्होंने डेयरी क्षेत्र में विभिन्न जिलों में काम किया तथा इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल मैनेजमेंट आनंद से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया जो उनके जीवन की सफलता में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ हैं।
*अनुभव के रथ को मिला, सोच का सारथी-*
एमडी उमेशचंद्र व्यास की सेवानिवृत्ति व उनके 25 माह के कार्यकाल पर डेयरी सदर रामचंद्र चौधरी ने कहा कि उनके पास डेयरी क्षेत्र का जो 30 से 35 वर्ष का अनुभव था, उस अनुभव के रथ को नवीन सोच के साथ आगे बढ़ाने का काम सारथी के रूप में प्रबंध संचालक ने किया है। उनकी सकारात्मक सोच पारदर्शिता, कार्य कुशलता ,गतिशीलता व उत्पादकता के गुण से अनेक कार्य प्रगति के पथ पर अग्रसर हुए हैं जिससे अजमेर डेयरी ने एक नई पहचान कायम की है।
विजय कुमार पाराशर
आवाज़ राजस्थान की
9414302519