राजस्थान में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट प्रक्रिया बंद: डिप्टी सीएम ने दिए निर्देश, आगे की राह पर सवाल
जयपुर, 27 अगस्त (आपका न्यूज़ पोर्टल) – राजस्थान सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य में वाहनों के लिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगाने की प्रक्रिया को बंद करने का आदेश जारी किया है। यह निर्देश परिवहन मंत्री और उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने परिवहन विभाग की एसीएस को पत्र लिखकर दिए। इस फैसले के पीछे मुख्य कारण प्रक्रिया में देरी और आम जनता को हो रही परेशानियों को बताया गया है।
क्यों बंद की गई HSRP प्रक्रिया?
डिप्टी सीएम बैरवा ने अपने पत्र में इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की प्रक्रिया सियाम पोर्टल के माध्यम से संचालित हो रही थी, जो एक राष्ट्रीय स्तर का पोर्टल है। हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान वाहन मालिकों को कई महीनों आगे के स्लॉट बुक करने पड़ रहे थे, और अधिक शुल्क वसूला जा रहा था, जिससे आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इस समस्या को देखते हुए, मंत्री ने विभागीय स्तर पर नई प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं और पुराने आदेश को तुरंत प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है।
आगे का रास्ता: बुकिंग और रिफंड
मंत्री बैरवा ने स्पष्ट किया है कि जिन वाहनों की HSRP बुकिंग हो चुकी है, उनके लिए अगले पांच दिनों के भीतर नंबर प्लेट लगाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद, जिन वाहन मालिकों ने स्लॉट बुक किए हैं लेकिन उनकी नंबर प्लेट नहीं लगी है, उन्हें बुकिंग राशि वापस की जाएगी। इस निर्णय से अनुमानित 10 लाख से अधिक वाहन मालिकों को रिफंड दिया जाएगा।
प्रक्रिया में देरी और धीमी प्रगति
राजस्थान में दिसंबर 2023 से HSRP प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन जून 2024 तक केवल 3.33 लाख वाहन मालिकों ने आवेदन किया। इसके बाद आवेदन की तिथि बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी गई, और फिर 10 अगस्त तक बढ़ाई गई। इस अवधि में करीब 15 लाख वाहन मालिकों ने HSRP के लिए आवेदन किया, जबकि 25 लाख से अधिक वाहनों में प्लेट लगाई जानी थी। मंत्री ने धीमी प्रगति को देखते हुए इस प्रक्रिया को बंद करने का निर्णय लिया है।
आदेश की अवहेलना पर होगी कार्रवाई
मंत्री ने आदेश दिया है कि यदि कोई अधिकारी इस निर्देश का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने विभागीय स्तर पर नई प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है, ताकि वाहन मालिकों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े और प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाया जा सके।