फसल को पाले से बचाए* अजमेर, 10 जनवरी। ग्राहृय परीक्षण केन्द्र तबीजी के उपनिदेशक (शस्य) श्री मनोज कुमार ने बताया कि रबी फसल गेहूं, जो, चना, सरसों, मटर, टमाटर, मिर्च, बैंगन, जीरा, धनियां, सौंफ आदि पाला पड़ने से खराब हो जाती है। कृषि अनुसंधान अधिकारी (रसायन) डाॅ. कमलेश चैधरी के ने बताया कि जब आसमान साफ हो एवं हवा नहीं
*फसल को पाले से बचाए*
अजमेर, 10 जनवरी। ग्राहृय परीक्षण केन्द्र तबीजी के उपनिदेशक (शस्य) श्री मनोज कुमार ने बताया कि रबी फसल गेहूं, जो, चना, सरसों, मटर, टमाटर, मिर्च, बैंगन, जीरा, धनियां, सौंफ आदि पाला पड़ने से खराब हो जाती है।
कृषि अनुसंधान अधिकारी (रसायन) डाॅ. कमलेश चैधरी के ने बताया कि जब आसमान साफ हो एवं हवा नहीं चल रही एवं तापमान काफी कम हो जावें तब फसल में पाला पड़नहे की सम्भावना बढ़ जाती है। फसलों में पाला पड़ने से पौधों की कोमल टहनियां एवं फूल एवं फल झुलस कर झड़ जाते है। फलियों में दाने नहीं बनते है। एवं अगर दाने बनते है तो कम बनते है। व पाले के प्रभाव से सिकुड़ जाते है। किसानों को सलाह दी जाती है कि पौध शाला एवं सब्जी वाली फसल को पाले के प्रभाव से बचाने के लिए भूमिका तापमान को कम ना होने देने के लिए फसलों को टाट, टनल, पाॅलीथी, भूसे से ढ़क देवें। साथ ही वायु रोधी टाटिंया हवा आने वाली दिशा की तफ बांधे। नर्सरी में भी शाम के समय वायु रोधी टांटिया हवाओं वाली दिशा कीि तफ बांधे एवं दिन में पुनः हटावें।
जब फसलो में पाल पड़ने की सम्भावना हो तो भूमिगत जल से हल्क्ी सिंचाई करें। जिससे भूमि नमी बनी रहने से काफी देर तक गर्मी बनी रहती है।
किसान चना एवं सरसों की फसल मेें पाले से बचाव के लिए घुलनशील गंधक 2 ग्राम प्रति लीटर पानी अथवा थायोसेलिसिलिक अम्ल एक मिली प्रति 10 लीटर पानी अथवा थायोयूरिया 5 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी के हिसाब से घोल का छिड़काव करें। एवं पुनः 10 दिन ेमं छि़काव दोहरावें । गेहूं की फसल में पाले से बचाव के लिए गंधक के तेजाब एक मिली प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोर का छिड़काव करें।