राजस्थान में ग्राम पंचायतों की बदलेगी सीमा! पुनर्गठन के लिए आदेश जारी

राजस्थान में पंचायतीराज विभाग ने ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन और नवसृजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए मुख्यमंत्री की अनुमति से मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया गया है।
मंत्रिमंडलीय उप समिति में ये सदस्य शामिल:
- मदन दिलावर, मंत्री, विद्यालयी शिक्षा विभाग (संयोजक)
- गजेन्द्र सिंह, मंत्री, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (सदस्य)
- अविनाश गहलोत, मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग (सदस्य)
- सुमित गोदारा, मंत्री, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग (सदस्य)
- जवाहर सिंह बेढम, राज्य मंत्री, गृह विभाग (सदस्य)
समिति के अधिकार:
- जनप्रतिनिधियों और जिला कलक्टरों से प्राप्त प्रस्तावों पर पुनर्गठन के मानकों में शिथिलता प्रदान कर निर्णय ले सकेगी।
- यदि कोई प्रस्ताव जनहित और प्रशासनिक दृष्टि से उचित नहीं होगा, तो उसे अस्वीकृत किया जा सकेगा।
- प्रस्तावों की अंतिम स्वीकृति मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की जाएगी।
पुनर्गठन के लिए ये मानदंड तय:
पंचायतीराज विभाग ने वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानकर ग्राम पंचायतों के लिए न्यूनतम और अधिकतम जनसंख्या का प्रावधान तय किया है।
- सामान्य क्षेत्र: 3000 से 5500 की जनसंख्या।
- सहरिया और मरुस्थलीय क्षेत्र (किशनगंज, शाहबाद, बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर): 2000 से 4000 की जनसंख्या।
- अनुसूचित क्षेत्र (बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और उदयपुर): 2000 से 4000 की जनसंख्या।
पंचायत समितियों का पुनर्गठन:
- जिन पंचायत समितियों में 40 से अधिक ग्राम पंचायतें और 2 लाख से अधिक जनसंख्या है, उनका पुनर्गठन किया जाएगा।
- पुनर्गठित पंचायत समितियों में न्यूनतम 25 ग्राम पंचायतें होंगी।

पुनर्गठन प्रक्रिया की समयसीमा:
- 20 जनवरी से 18 फरवरी 2025: जिला कलक्टर प्रस्ताव तैयार करेंगे।
- 20 फरवरी से 21 मार्च 2025: प्रस्ताव प्रकाशित कर आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी।
- 23 मार्च से 1 अप्रैल 2025: आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा।
- 3 अप्रैल से 15 अप्रैल 2025: फाइनल प्रस्ताव पंचायतीराज विभाग को भेजे जाएंगे।
प्रशासनिक प्रक्रिया का दायित्व:
ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन और नवसृजन के प्रस्ताव तैयार कराने से लेकर राज्य सरकार से अनुमोदन कराने तक का कार्य जिला कलक्टरों को सौंपा गया है।
आदेश जारी
पंचायतीराज विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगाराम ने इन प्रावधानों को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद राजस्थान में ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों की नई सीमाओं का निर्धारण हो सकेगा।