शाहपुरा में 3 करोड़ का ट्रॉमा हॉस्पिटल स्वीकृत।


एक ट्रॉमा सेंटर का फाइल फोटो
शाहपुरा में ट्रॉमा हॉस्पिटल स्वीकृत।
3 करोड़ रुपये होंगे खर्च।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए आदेश।
शाहपुरा की लाइफ लाइन बनेगा ट्रॉमा हॉस्पिटल।
शाहपुरा,13, जनवरी। मुख्यमंत्री की बजट घोषणा में शामिल इस परियोजना को लेकर शाहपुरा में शीघ्र ही 3 करोड़ रुपए की लागत से
अत्याधुनिक ट्रॉमा सेंटर हॉस्पिटल बनने जा रहा है। इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ग्रुप – 2 के संयुक्त शासन सचिव ने दौसा , चित्तौड़गढ़ , कल्याणपुर के साथ शाहपुरा में ट्रॉमा हॉस्पिटल खोलने के आदेश हाल ही में जारी किए। इसके निर्माण के लिए प्रथम फेज में 2करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की गई।
इसलिए हुआ स्वीकृत: सूत्रों के अनुसार शाहपुरा से निकलने वाले भीम- उनियारा एनएच- 48 हाइवे, भीलवाड़ा- सांगानेर,जयपुर मेघा हाइवे, मांडल चौहराए से लालसोट एक्सप्रेस-वे मिलने वाले मार्ग पर कारण बढ़ते यातायात को देखते हुए तथा भविष्य में देवली से मांडल चौहराए तक बनने वाले चार लाइन मार्ग के मद्देनजर सरकार ने बजट घोषणा में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर शाहपुरा में ट्रॉमा सेंटर स्वीकृत किया।
क्या है ट्रॉमा सेंटर:- एक विशेष प्रकार का चिकित्सा संस्थान है, जो गंभीर और आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों (सड़क दुर्घटनाओं, गंभीर चोटों, या अन्य आपातकालीन स्थितियों जैसे हृदयाघात, मस्तिष्क आघात) के इलाज के लिए बनाया जाएगा।
ये होंगे फायदे:
चिकित्सा सेवाओं का उन्नयन:
इस सेंटर में आधुनिक उपकरणों के साथ इमरजेंसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू), एक्स-रे और अन्य जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
गंभीर मरीजों की जान बचाना: सड़क दुर्घटनाओं और अन्य आपातकालीन मामलों में त्वरित उपचार आवश्यक होगा। ट्रॉमा सेंटर के माध्यम से तुरंत इलाज मिल सकेगा, जिससे मृत्यु दर में कमी आएगी।
समय पर इलाज: गंभीर मामलों में रोगी को भीलवाड़ा रैफर किया जाता रहा है। इस प्रक्रिया में समय की बर्बादी था रोगी का जीवन खतरे में पड़ जाता था अब अब सहज हो जाएगा।
क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार: ट्रॉमा सेंटर से शाहपुरा और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध रहेगी।
विशेषज्ञ डॉक्टर और कर्मचारी: इस ईकाई में 6 डॉक्टर और 16 अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। यह कदम अस्पताल की कार्यक्षमता और सेवा गुणवत्ता में सुधार करेगा।
आर्थिक बचत: मरीजों और उनके परिवारों को इलाज के लिए भीलवाड़ा, अजमेर, जयपुर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे यात्रा और उपचार की लागत में कमी आएगी। यहां तक ये ईकाई पड़ोसी जिलों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी।
आपातकालीन सुविधाओं की उपलब्धता:
ट्रॉमा सेंटर में अत्याधुनिक उपकरण और सेवाएं उपलब्ध होंगी, जैसे एमआरआई, सीटी स्कैन, वेंटिलेटर, मॉनिटरिंग सिस्टम और सर्जरी की सुविधा।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: ट्रॉमा सेंटर के माध्यम से अन्य विभागों की दक्षता भी बढ़ेगी, क्योंकि यह सभी प्रकार के गंभीर मामलों को संभालने के लिए तैयार होगा।
ट्रॉमा सेंटर शाहपुरा के लिए लाइफ लाइन: शाहपुरा में ट्रॉमा सेंटर का निर्माण शाहपुरा के लिए लाइफ लाइन साबित होगा। यह सरकार का स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला कदम है। गंभीर रोगियों के लिए एक जीवन रक्षक केंद्र साबित होगा। रघुनंदन सोनी, नगर परिषद सभापति, शाहपुरा
प्रमुख उद्देश्य: सरकार द्वारा ट्रॉमा सेंटर खोलने का प्रमुख उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल मरीजों की जान बचाना। फायर या केमिकल एक्सपोज़र से झुलसे मरीजों की देखभाल। बड़े प्राकृतिक आपदाओं (जैसे भूकंप) के दौरान गंभीर मरीजों का इलाज। आपातकालीन स्थितियों में तेज़ और प्रभावी इलाज प्रदान करना। डॉ अशोक जैन, शाहपुरा जिला चिकित्सालय प्रभारी।