राज्य के जिलों की जिला परिषदों के पुर्नगठन/पुनर्सीमांकन/नवगठन के प्रस्ताव मांगे गएजिला कलक्टर 20 दिवस में प्रस्ताव तैयार करेंगे, एक माह में आपत्तियाँ आमंत्रित, 10 दिवस में आपत्तियों का निस्तारण इसके पश्चात प्रस्ताव तैयार कर पंचायतराज विभाग में भिजवाये जायेंगे।

राज्य के जिलों की जिला परिषदों के पुर्नगठन/पुनर्सीमांकन/नवगठन के प्रस्ताव मांगे गएजिला कलक्टर 20 दिवस में प्रस्ताव तैयार करेंगे, एक माह में आपत्तियाँ आमंत्रित, 10 दिवस में आपत्तियों का निस्तारण इसके पश्चात प्रस्ताव तैयार कर पंचायतराज विभाग में भिजवाये जायेंगे।
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राज्य के जिलों की जिला परिषदों के पुर्नगठन/पुनर्सीमांकन/नवगठन के प्रस्ताव मांगे गए
जिला कलक्टर 20 दिवस में प्रस्ताव तैयार करेंगे, एक माह में आपत्तियाँ आमंत्रित, 10 दिवस में आपत्तियों का निस्तारण इसके पश्चात प्रस्ताव तैयार कर पंचायतराज विभाग में भिजवाये जायेंगे।
अजमेर (ARK News)। प्रदेश में नवीन जिलों के गठन के बाद से ही पंचायतीराज विभाग में ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों के साथ-साथ अब जिला परिषदों के लिए भी पुर्नगठन/पुनर्सीमांकन व नवगठन की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 11 एवं 101 की कार्यवाही हेतु समस्त जिला कलक्टरों को अधिकृत करते हुए प्रस्ताव तैयार कर भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं।
वर्तमान जिला परिषदों से नवगठित जिलों की अधिकारिता में पंचायत समितियाँ व ग्राम पंचायतें जा रही है उन्हें जिला परिषद् से पृथक करने के प्रस्ताव मूल जिले के जिला कलक्टर द्वारा तैयार किये जायेंगे तथा आपत्तियाँ आमंत्रण के नोटिस में भी इसी के अनुरूप नोटिस प्रकाशित किया जायेगा। इसी अनुरूप नवगठित जिलों के जिला कलक्टर द्वारा नवीन जिले की जिला परिषद् गठन हेतु आपत्तियाँ आमंत्रित की जायेगी। मूल जिलों से नवगठित जिलों की अधिकारिता में जो पंचायत समितियाँ व ग्राम पंचायतें आंशिक रूप से जा रही है उन्हें नवगठित जिलों में यदि किसी पंचायत समिति, ग्राम पंचायत में समाहित किया जा सकता है तो समाहित करने का प्रस्ताव भी तैयार किया जायेगा। अगर ग्राम पंचायत या पंचायत समिति समाहित नहीं की जा सकती तो पृथक से पंचायत समिति तथा ग्राम पंचायत का प्रस्ताव बनाकर नवगठित जिला के जिला कलक्टर द्वारा भिजवाया जायेगा।
साथ ही प्रस्ताव तैयार करने के बाद मूल जिले में शेष रही ग्राम पंचायतें व पंचायत समितियों के आधार पर वर्तमान जिला परिषदों को पुर्नगठित करने का प्रस्ताव तैयार कर भिजवाया जायेगा। जिसमें यह ध्यान रखा जायेगा की राजस्व गाँव विभाजित ना हो एवं राजस्व जिलों की सीमाओं का अतिलंघन नहीं किया जाये। पुर्नगठित जिला परिषदों के वार्डों के गठन व पुर्नगठन हेतु राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 14/2 के अनुसार वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानते हुए 4 लाख की जनसंख्या के लिए 17 वार्ड तथा 4 लाख से अधिक प्रत्येक 1 लाख या उसके भाग के लिये 17 कि संख्या में 2 की बढ़ौतरी की जायेगी। इन प्रस्तावों का प्रदर्शन जिला कलक्टर कार्यालय, जिला परिषद, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर लगाया जायेगा। पुर्नगठन जो कार्यक्रम जारी किया गया है उसके अनुसार जिला कलक्टर दिनांक 30 जनवरी 2025 से 18 फरवरी 2025 तक 20 दिवस में प्रस्ताव तैयार करेंगे। इसके बाद एक माह दिनांक 20 जनवरी से 21 मार्च 2025 तक प्रस्तावों के प्रकाशन आपत्तियाँ आमंत्रित की जायेगी।
ड्राफ्ट प्रस्तावों के संबंध में प्राप्ता आपत्तियों के निस्तारण हेतु 10 दिवस 23 मार्च से 1 अर्पैल 2025 तक किया जायेगा तथा इसके बाद 12 दिवस में 3 अपै्रल से 15 अपै्रल 2025 तक आपत्तियों का निस्तारण करते हुए प्रस्ताव तैयार कर पंचायतीराज विभाग को भिजवाया जायेगा। इसके बाद राज्य स्तर गठित कमेटी मोहर लगायेगी तब गजट नोटिफिकेशन के बाद नवीन ग्राम पंचायत, पंचायत समिति तथा जिला परिषद अस्तित्व में आयेगी।

admin - awaz rajasthan ki

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