संस्कृति द स्कूल में दिनांक 3 व 4 नवंबर को दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजा वार्षिक उत्सव पुरस्कार वितरण के साथ आयोजित किया जाएगा।

संस्कृति द स्कूल में दिनांक 3 व 4 नवंबर को दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजा वार्षिक उत्सव पुरस्कार वितरण के साथ आयोजित किया जाएगा।
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अंकुर-कार्यक्रम संस्कृति द स्कूल में दो दिवसीय वार्षिक उत्सव व पारितोषिक वितरण (‘क्वेस्ट फॉर हैप्पीनेस’ थीम पर आयोजित होगा रंगारंग कार्यक्रम) संस्कृति द स्कूल में दिनांक 3 व 4 नवंबर को दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजा वार्षिक उत्सव पुरस्कार वितरण के साथ आयोजित किया जाएगा।

विद्यालय प्राचार्य मनीषा जौहरी ने बताया की मुख्य अतिथि श्रद्धा गोम (अधिकारी भारतीय प्रशासनिक अधिकारी) के मुख्य आतिथ्य में संपन्न कार्यक्रम में कक्षा 3 से 5 के विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। भौतिकतावादी जिंदगी में उलझे मानव मन को आनंद की तलाश हेतु बाहर नहीं बल्कि अपने अंतर मन में झांकना होगा तथा छोटी-छोटी खुशियों से जीवन को आनंददायक बनाना होगा। इसी बात को थीम ‘क्वेस्ट फॉर हैप्पीनेस’ के द्वारा दिखलाया जाएगा। शुशारा नामक एक लड़की के जीवन को नृत्य नाटिका के रूप में दिखाया जाएगा जो भौतिक वस्तुओं से निकलकर नैतिक मूल्यों, संस्कारों व आदर्शों की दुनिया में जाकर अनुभव करती हैं कि सच्ची खुशी वस्तुओं में नहीं सुकून व शांति में है। सांस्कृतिक कार्यक्रम की श्रृंखला के अंतर्गत ही ‘प्रोत्साहन’ कार्यक्रम में सत्र 2022-23 में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए जाएगें।

दक्ष-कार्यक्रम वार्षिक उत्सव व पारितोषिक वितरण का संस्कृति द स्कूल का दो दिवसीय कार्यक्रम (कक्षा छह से बारह हेतु पुरस्कार वितरण व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन) संस्कृति द स्कूल के दो दिवसीय वार्षिक उत्सव के दूसरे दिन सीनियर वर्ग (कक्षा छह से बारह) हेतु ‘दक्ष’ कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। विद्यालय प्राचार्या मनीषा जौहरी ने बताया कि कार्यक्रम ‘राहगीरा मिला कबीर से’ थीम पर तैयार किया गया है। कार्यक्रम के अतिथि नवीन महाजन (अधिकारी, भारतीय प्रशासनिक सेवा) होंगे। क्रांतिकारी कवि, समाज सुधारक, धार्मिक आडंबरों का मुखर विरोध करने वाले कवि, संत कबीर की वर्तमान जीवन में भी उतनी ही प्रासंगिकता व आवश्यकता है जितनी पहले के समय में। वर्तमान समय की अंधी दौड़, भौतिकता में उलझा अशांत मनुष्य, यदि परमात्मा के साथ एकाकार हो जाए तो विश्व बेहद खूबसूरत निर्मल वह पवित्र होगा। इसी बात को नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा दो दिन की जिंदगी है, ढूंढे रे ढूंढे अंधियारा, मत कर माया का अभिमान, चदरिया झीनी रे झीनी, ओ साधु, मन लाग्यो मेरा यार फकीरी में जैसी गहरे अर्थों वाली कबीर की साखियों को गीत व नृत्य के सुंदर संयोजन के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भारतीय शास्त्रीय व पाश्चात्य संगीत विभाग के विद्यार्थियों के द्वारा गीत व संगीत का लाइव कंसर्ट रहेगा। संगीत विभाग के विद्यार्थियों द्वारा सुर व ताल से सजी सांस्कृतिक संध्या में नृत्य व अभिनय की संगत चार चाँद लगा देंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम की श्रृंखला के अंतर्गत ही ‘प्रोत्साहन’ कार्यक्रम में सत्र 2022-23 में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कार व छात्रवृति भी प्रदान की जाएगी।

 


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